समस्तीपुर: कोरोना संक्रमण काल के बीच रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में वर्चुअल रैली की. वही, शाह के रैली के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया. वाम दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ विश्वासघात एवं धिक्कार दिवस मनाते हुए धरना दिया. वाम कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन में मजदूरों, महिलाओं और बच्चों को केंद्र और बिहार की सरकार ने मरने के लिए छोड़ दिया गया.
भाकपा (माले) नेता महावीर पोद्दार ने कहा कि कोरोना के कम केस रहने पर सरकार ने लॉकडाउन किया. जब इसका प्रसार बढ़ने लगा तो अनलॉक-1घोषित कर दिया है. सरकारी घोषणा के बावजूद जरुरतमंदों को बिना घूस के राशनकार्ड और राशनकार्ड से वंचित परिवार को राशन नहीं दिया गया. मनरेगा में काम और भत्ता देने की गारंटी करने से सरकार पीछे हट रही है. उन्होंने कहा कि दयनीय मेडिकल व्यवस्था के कारण कोरोना धीरे-धीरे संपूर्ण भारत में फैल रहा है. देश बर्बादी के कागार पर है, इसे बचाने की सख्त जरुरत है.
सरकार के समक्ष रखी मांगे
माले नेताओं ने कहा कि जब देश के गरीबों को मदद की जरुरत है तब गृहमंत्री अमित शाह को चुनाव दिख रहा है. चुनाव जीतने के लिए वर्चुअल रैली कर रहे हैं. भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने कोरोना से बचाव के ठोस उपाय, रोजगार, जरुरतमंदों को राशन, किसानों एवं समूहों से लिए गये महिलाओं का कर्ज माफ करने, क्वारंटीन सेंटरों को चालू रखने, मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये देने, मजदूरों को काम देने की मांग की. इस मौके पर विपिन पासवान, अजबलाल महतो, रामजी सदा, रामकुमार पासवान, शिवनारायण चौरसिया आदि उपस्थित रहे.