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सफाईकर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर किया नगर परिषद का घेराव , कहा- भूखे मर रहे हैं बच्चे - protest

सफाईकर्मियों का कहना है कि अधिकारियों ने हम लोगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

नारेबाजी करते सफाईकर्मी
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Published : Jun 11, 2019, 3:18 PM IST

समस्तीपुरः वेतन भुगतान की मांग को लेकर दैनिक सफाई कर्मीयों ने नगर परिषद कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान सफाईकर्मियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हड़ताल पर चले गए.

क्या है सफाईकर्मियों का आरोप
सफाईकर्मियों का आरोप है कि बीते तीन महीने से वेतन भुगतान के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. पांच मई से लेकर दस मई तक वेतन भुगतान की बात अधिकारियों ने की थी. लेकिन भुगतान नहीं हुआ. इसी कारण सभी कर्मचारी एकजुट होकर हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है कि जब तक वेतन भुगतान नहीं किया जाता है तब तक हम लोग काम पर नहीं आएंगे.

नारेबाजी करते सफाईकर्मी

पैसे के अभाव में बाल बच्चे भूखे
हड़तालियों का कहना है कि पैसे के अभाव में बाल बच्चे भूखे मर रहे हैं. राशन पानी उधार नहीं मिल रहा है. जिसके कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. 246 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हम लोगों को दैनिक मजदूरी देने की बात कही गयी थी. लंबे इंतजार करने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं किया गया. इनका कहना है कि अधिकारियों ने हम लोगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

संविदा पर रखे गए थे मजदूर
दरअसल, नगर परिषद के जरिए 264 महिला और पुरुष कर्मचारियों को शहर की सफाई के लिए एनजीओ के साथ संविदा पर रखा गया था. एनजीओ ने इन कर्मचारियों को शहर के विभिन्न रूटों पर साफ-सफाई के लिए लगाया था. आज तीन महीना बीत जाने के बाद भी इन लोगों का वेतन भुगतान नहीं किया गया. ये लोग बार-बार एनजीओ कर्मी से लेकर कार्यालय अधिकारियों तक वेतन को लेकर गुहार लगाते रहे. लेकिन किसी अधिकारियों ने इनके तरफ ध्यान नहीं दिया.

समस्तीपुरः वेतन भुगतान की मांग को लेकर दैनिक सफाई कर्मीयों ने नगर परिषद कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान सफाईकर्मियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हड़ताल पर चले गए.

क्या है सफाईकर्मियों का आरोप
सफाईकर्मियों का आरोप है कि बीते तीन महीने से वेतन भुगतान के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. पांच मई से लेकर दस मई तक वेतन भुगतान की बात अधिकारियों ने की थी. लेकिन भुगतान नहीं हुआ. इसी कारण सभी कर्मचारी एकजुट होकर हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है कि जब तक वेतन भुगतान नहीं किया जाता है तब तक हम लोग काम पर नहीं आएंगे.

नारेबाजी करते सफाईकर्मी

पैसे के अभाव में बाल बच्चे भूखे
हड़तालियों का कहना है कि पैसे के अभाव में बाल बच्चे भूखे मर रहे हैं. राशन पानी उधार नहीं मिल रहा है. जिसके कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. 246 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हम लोगों को दैनिक मजदूरी देने की बात कही गयी थी. लंबे इंतजार करने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं किया गया. इनका कहना है कि अधिकारियों ने हम लोगों की तरफ ध्यान नहीं दिया तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

संविदा पर रखे गए थे मजदूर
दरअसल, नगर परिषद के जरिए 264 महिला और पुरुष कर्मचारियों को शहर की सफाई के लिए एनजीओ के साथ संविदा पर रखा गया था. एनजीओ ने इन कर्मचारियों को शहर के विभिन्न रूटों पर साफ-सफाई के लिए लगाया था. आज तीन महीना बीत जाने के बाद भी इन लोगों का वेतन भुगतान नहीं किया गया. ये लोग बार-बार एनजीओ कर्मी से लेकर कार्यालय अधिकारियों तक वेतन को लेकर गुहार लगाते रहे. लेकिन किसी अधिकारियों ने इनके तरफ ध्यान नहीं दिया.

Intro:समस्तीपुर वेतन भुगतान की मांग को लेकर दैनिक सफाई मजदूर ने नगर परिषद कार्यालय को घेरकर नारेबाजी करते हुए किया हड़ताल ।इन लोगों का आरोप है विगत तीन महीने से वेतन भुगतान को लेकर कार्यालय में चक्कर लगाते लगाते थक गए और आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अंत में पांच मई से लेकर दस मई तक वेतन भुगतान की बात अधिकारियों के द्वारा कही गई थी ।लेकिन भुगतान नहीं होने के कारण सभी कर्मचारी एकजुट होकर नगर परिषद गेट पर जमकर नारेबाजी करते हुए हड़ताल पर चले गए हैं ।उनका बताना है कि जब तक वेतन भुगतान नहीं किया जाता है हम लोग काम पर नहीं उतरेंगे।


Body:नगर परिषद के द्वारा 264 महिला एवं पुरुष कर्मचारियों को शहर के सफाई के लिए एनजीओ के साथ संविदा किया था ।एनजीओ के द्वारा इन कर्मचारियों को शहर के विभिन्न रूटों पर साफ सफाई के लिए लगाया गया था ।आज तीन महीना बीतने जाने के बाद भी इन लोगों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है ।ये लोग बार-बार एनजीओ कर्मी से लेकर कार्यालय अधिकारियों तक वेतन को लेकर गुहार लगाते रहे ।लेकिन किसी अधिकारियों ने इनके तरफ ध्यान नहीं दिया। सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा थक हारकर आज सभी कर्मचारी एकजुट होकर कार्यालय गेट पर नारेबाजी करते हुए हड़ताल पर चले गए हैं ।इनका बताना है कि जब तक वेतन भुगतान नहीं की जाती हम लोग काम पर नहीं उतरेंगे ।शहर में कचरे का अंबार लग जाएगा महामारी फैल जाएगी उसकी सारी जवाबदेही कार्यालय के अधिकारियों की होगी।


Conclusion:साथ ही इन लोगों ने कहा है कि पैसे के अभाव में बाल बच्चे भूखे मर रहे हैं ।राशन पानी उधार नहीं मिल रहा है जिसके कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है 246 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से हम लोगों को दैनिक मजदूरी देने की बात कही गयी थी। लेकिन 3 महीना 10 दिन होने को आ रहा है ।और वेतन भुगतान नहीं किया गया है। कार्यालय के द्वारा संपर्क करने पर 5 से लेकर 10 तारीख के बीच तक भुगतान करने की बात कही गई। इंतजार करने के बाद भी वेतन भुगतान नहीं किया गया ।जिससे थक हार कर हम लोग कार्यालय गेट पर नारेबाजी कर अधिकारी को जगाने का प्रयास कर रहे हैं ।जब तक हम लोगों का वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा तब तक हमलोग हरताल पर रहेंगे उसके बावजूद भी अधिकारी हम लोगों को तरफ ध्यान नहीं दिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे ।और शहर में गंदगी फैलेगी तो उसकी सारी जवाबदेही अधिकारियों की होगी ।अब देखना लाजमी होगा नगर परिषद के अधिकारी एवं एनजीओ कर्मी वेतन भुगतान को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं।
बाईट : पवन राउत दैनिक मजदूर
बाईट : सविता देवी दैनिक मजदूर ।
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