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समस्तीपुर: 10 फीट पानी को पार नहीं कर पाया पिता, इलाज के अभाव में 3 दिन के बेटे की मौत

कलौजर में में इलाज के अभाव में 1 बच्चे की मौत हो गई. बताया जाता है कि सड़क पर बाढ़ का पानी होने के कारण बच्चे के परिजन को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिला पाया. हलांंकि परिजनों ने स्थानीय अधिकारी पर लपरवाही करने का आरोप लगाया है.

समस्तीपुर: 10 फीट पानी को पार नहीं कर पाया पिता, इलाज के अभाव में 3 दिन के बेटे की मौत
समस्तीपुर: 10 फीट पानी को पार नहीं कर पाया पिता, इलाज के अभाव में 3 दिन के बेटे की मौत
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Published : Aug 1, 2020, 5:12 PM IST

समस्तीपुर(कल्याणपुर): चकमेहसी थाना क्षेत्र के कलौजर घाट गांव में इलाज के अभाव में 3 दिन के किशोर की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक 3 दिन पूर्व किशोर मंटून साहनी के घर में जन्म लिया था. जन्म के 3 दिन बाद बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. लेकिन इलाके पूर्ण रूप से बाढ़ ग्रस्त होने के कारण किशोर के परिजन को प्रशसन की ओर से मदद नहीं मिल पाई.

परिजनों ने अंचलाधिकारी से फोन पर संपर्क कर एनडीआरएफ टीम के लिए मदद मांगी थी. लेकिन अंचलाधिकारी ने एनडीआरएफ को भेजने का सिर्फ आश्वासन दिया. एनडीआरएफ टीम को उनके द्वारा नहीं भेजा गया. इस कारण किशोर की तबियत और ज्यादा बिगड़ता चली गई और उसकी मौत हो गई.

इलाज के अभाव में बच्चे की मौत
बता दें कि कलौजर से परना डाला की दूरी लगभग 7 किलोमीटर की होगी. यहां बाढ़ के कारण मुख्य सड़क पर 10 फीट पानी है. लेकिन विवश पिता ने अपने 3 दिन के बेटे को जान बचाने के लिए अपने पुत्र को गोद में लेकर पानी पार करने के लिए चल पड़े. लेकिन घर से कुछ दूर जाने के बाद बच्चे ने अपने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया.

'एनडीआरएफ के पास लाइट की सुविधा नहीं'
इस संबंध में अंचलाधिकारी अभय पद दास से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि रात रहने के कारण एनडीआरएफ टीम वहां नहीं जा पाया है. क्योंकि एनडीआरएफ के पास लाइट की सुविधा नहीं रहता है. इसलिए वह लोग वहां नहीं जा सका.

समस्तीपुर(कल्याणपुर): चकमेहसी थाना क्षेत्र के कलौजर घाट गांव में इलाज के अभाव में 3 दिन के किशोर की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक 3 दिन पूर्व किशोर मंटून साहनी के घर में जन्म लिया था. जन्म के 3 दिन बाद बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. लेकिन इलाके पूर्ण रूप से बाढ़ ग्रस्त होने के कारण किशोर के परिजन को प्रशसन की ओर से मदद नहीं मिल पाई.

परिजनों ने अंचलाधिकारी से फोन पर संपर्क कर एनडीआरएफ टीम के लिए मदद मांगी थी. लेकिन अंचलाधिकारी ने एनडीआरएफ को भेजने का सिर्फ आश्वासन दिया. एनडीआरएफ टीम को उनके द्वारा नहीं भेजा गया. इस कारण किशोर की तबियत और ज्यादा बिगड़ता चली गई और उसकी मौत हो गई.

इलाज के अभाव में बच्चे की मौत
बता दें कि कलौजर से परना डाला की दूरी लगभग 7 किलोमीटर की होगी. यहां बाढ़ के कारण मुख्य सड़क पर 10 फीट पानी है. लेकिन विवश पिता ने अपने 3 दिन के बेटे को जान बचाने के लिए अपने पुत्र को गोद में लेकर पानी पार करने के लिए चल पड़े. लेकिन घर से कुछ दूर जाने के बाद बच्चे ने अपने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया.

'एनडीआरएफ के पास लाइट की सुविधा नहीं'
इस संबंध में अंचलाधिकारी अभय पद दास से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि रात रहने के कारण एनडीआरएफ टीम वहां नहीं जा पाया है. क्योंकि एनडीआरएफ के पास लाइट की सुविधा नहीं रहता है. इसलिए वह लोग वहां नहीं जा सका.

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