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मौसम विभाग ने एक-दो दिनों में जताई आंधी और बारिश की संभावना, ऐसे करें फसलों का बचाव

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Published : Apr 17, 2020, 2:38 PM IST

राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम वैज्ञानिकों ने एक-दो दिनों में तेज आंधी और बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.

समस्तीपुर
समस्तीपुर

समस्तीपुर: बीते मंगलवार की रात जिले के विभिन्न हिस्सों में आई तेज आंधी और बारिश ने जहां तैयार गेंहू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया. वहीं, आम और लीची के मंजर के साथ-साथ इसके छोटे फलों को भी बर्बाद कर दिया. किसान अभी इससे संभले भी नहीं हैं कि मौसम विभाग ने एक बार फिर अलर्ट जारी कर दिया.

गेहूं की कटनी और दौनी में रखें सावधानी
राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सत्तार के अनुसार अगले एक से दो दिनों में जिले में फिर आंधी-पानी की संभावना बन रही है. ऐसे में उन्होंने गेहूं की कटनी और उसकी दौनी में सावधानी बरतने की सलाह दी है.

समस्तीपुर
खेतों में लगी गेहूं की फसल

ऐसे करें आम और लीची का बचाव
डॉ. एन सत्तार के अनुसार आम और लीची को बचाने के लिए प्लानोफिक्स नामक दवा के 1 एमएल को चार लीटर पानी के साथ पेड़ो पर छिड़काव करने चाहिए. साथ ही आम के पौधे से एक मीटर की दूरी पर चारो तरफ गड्ढा खोदकर 200 ग्राम नाइट्रोजन के साथ 300 ग्राम पोटाश मिला कर डालने से भी फायदा होगा.

समस्तीपुर
राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार

इन फसलों के लिए फायदेमंद है बारिश
वैसे कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के अनुसार इस वक्त की बारिश इंख, मक्का, मूंग और उरद के लिए काफी फायदेमंद है. साथ ही मौसम का यह रुख गरम सब्जियों की खेती के लिए भी अनुकूल होगा.

समस्तीपुर: बीते मंगलवार की रात जिले के विभिन्न हिस्सों में आई तेज आंधी और बारिश ने जहां तैयार गेंहू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया. वहीं, आम और लीची के मंजर के साथ-साथ इसके छोटे फलों को भी बर्बाद कर दिया. किसान अभी इससे संभले भी नहीं हैं कि मौसम विभाग ने एक बार फिर अलर्ट जारी कर दिया.

गेहूं की कटनी और दौनी में रखें सावधानी
राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सत्तार के अनुसार अगले एक से दो दिनों में जिले में फिर आंधी-पानी की संभावना बन रही है. ऐसे में उन्होंने गेहूं की कटनी और उसकी दौनी में सावधानी बरतने की सलाह दी है.

समस्तीपुर
खेतों में लगी गेहूं की फसल

ऐसे करें आम और लीची का बचाव
डॉ. एन सत्तार के अनुसार आम और लीची को बचाने के लिए प्लानोफिक्स नामक दवा के 1 एमएल को चार लीटर पानी के साथ पेड़ो पर छिड़काव करने चाहिए. साथ ही आम के पौधे से एक मीटर की दूरी पर चारो तरफ गड्ढा खोदकर 200 ग्राम नाइट्रोजन के साथ 300 ग्राम पोटाश मिला कर डालने से भी फायदा होगा.

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राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार

इन फसलों के लिए फायदेमंद है बारिश
वैसे कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के अनुसार इस वक्त की बारिश इंख, मक्का, मूंग और उरद के लिए काफी फायदेमंद है. साथ ही मौसम का यह रुख गरम सब्जियों की खेती के लिए भी अनुकूल होगा.

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