सहरसा: कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना रिकार्ड बढ़ते मामलों के बीच बिहार में बाढ़ ने भी तबाही मचानी शुरू कर दी है. प्रदेश की कई नदियां खतरे के निशान को पार चुकी है. नेपाल में हो रही जोरदार बारिश के साथ प्रदेश के कई जिलों में भी लगातार बारिश हो रही है.
इसका असर सहरसा में देखने को मिल रहा है. दरअसल, सहरसा-मानसी रेलखंड पर ट्रेन परिचालन पर संकट मंडराने लगा है.
इन इन इलाके में बूढ़ी गंडक नदी उफान पर है. इसके अलावे रलेखंड के धमाराघाट स्टेशन पानी के बीच धिर चुका है. हालांकि, अभी पानी रेलवे ट्रैक से नीचे हैं. लेकिन अगर स्थिति यही रही तो, जल्द ही बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजर जाएगा.
रेलवे कर रही ट्रैक की निगहबानी
इधर, रलवे ट्रैक की ओर बढ़ता पानी देख रेल विभाग के अधिकारी हरकत में आ चुके हैं. विभाग ने सहरसा-मानसी रेलखंड पर गश्ती बढ़ा दी है. रेलवे के वरीय अधिकारी के अलावे जल संसाधन विभाग के अधिकारी जलस्तर की निगहबानी कर रहे हैं. बता दें कि बीते साल भी इस इलाके के रेलखंड पर ट्रेन परिचालन को बाढ़ के कारण बंद करना पड़ा था. यात्रियों के बीच एक बार फिर से 2012, 2016 और 2018 जैसी स्थिति का डर सताने लगा है. 2012 में रेल ट्रैक पर बाढ़ का पानी पहुंचने के कारण 10 दिनों तक रेल यातायात बाधित रहा है और कोशी इलाके का रेलवे से संपर्क पूरी तरह टूट गया था.
सहरसा-मानसी रेलखंड पर बाढ़ का इतिहास पुराना
गौरतलब है कि पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड के रेल ट्रैक के कटाव और बचाव का खेल इतिहास में सालों पुराना है. लगभग हर साल रेलखंड पर बाढ़ का प्रभाव देखने को मिलता है. इन रेलखंड पर विभाग ट्रेन परिचालन जारी रखने के नाम पर कटाव रोकने के नाम पर बोल्डर क्रेटिंग का काम भी करती है. लेकिन करोड़ों रुपये के बोल्डर पानी मे बहने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से उत्तर बिहार में मॉनसून की बारिश और नेपाल के कई इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश का असर पूर्व मध्य रेलवे के सहरसा-मानसी रेलखंड पर देखने को मिल रहा है. समय रहते अगर रेल प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो बहुत जल्द इस रेलखंड पर रेल परिचालन पर असर देखने को मिल सकता है.