सहरसा: समस्तीपुर मंडल समिति की बैठक में 17 फरवरी को मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव (Madhepura MP Dinesh Chandra Yadav) ने रेलवे विभाग को कई सुझाव दिए थे. उन्होंने सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, बनमनखी सहित आसपास के अन्य रेलवे स्टेशनों में रेल यात्रियों की सुख-सुविधा और आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुल 15 सुझाव सामने रखे थे. उन सभी सुझाव पर रेलवे विभाग और डिवीजन ने सकारात्मक पहल की है. जिससे उम्मीद की जा रही है कि सांसद द्वारा दिए गए सुझावों पर जल्द ही कार्रवाई होगी.
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सांसद दिनेश चंद्र यादव के 15 सुझाव: मधेपुरा सांसद ने सुझाव देते हुए कहा था कि कोरोना काल से पूर्व जितनी भी पैसेंजर रेल गाड़ी सहरसा पूर्णिया के बीच चलती थी, उन सभी रेलगाड़ियों को फिर से चलाया जाए. उनके इस सुझाव पर रेल विभाग ने बताया कि पूर्णिया से सहरसा के लिए कोरोना काल के पूर्व और समय सारणी में उपलब्ध तीन सवारी गाड़ियों का परिचालन फिर से शुरू हो रहा है. दूसरे सुझाव में सांसद ने कहा था कि पूर्णिया और सहरसा जिला मुख्यालय है और यह व्यवसाई केंद्र भी है. इनके बीच ट्रेन नहीं चलने से रेल यात्रियों को भारी कठिनाई होती है. पूर्णिया से दिन में 11 बजे सहरसा के लिए पैसेंजर ट्रेन खुलती है. उसके बाद अगले दिन सुबह 6 बजे दूसरी गाड़ी खुलती है. उसी तरह सहरसा से सुबह 6 बजे ही दूसरी पैसेंजर गाड़ी रवाना होती है. इसलिए पूर्णिया से 4:30 बजे शाम में सहरसा के लिए पैसेंजर गाड़ी चलाई जाए. साथ ही सहरसा से पूर्णिया के लिए दोपहर में पैसेंजर गाड़ी होनी चाहिए. उनके इस सुझाव पर रेलवे द्वारा जवाब दिया गया है कि एक नई गाड़ी ट्रेन संख्या - 05226 शाम के 5:55 बजे सहरसा से पूर्णिया चलाई गई है.
तीसरे सुझाव में सांसद ने कहा था कि मधेपुरा से बुधवा के बीच स्पेशल ढाला संख्या - 90 स्पेशल पर आरओबी का निर्माण कराया जाए, यह मधेपुरा शहर में है. रेलवे विभाग द्वारा बताया गया है कि गेट संख्या 90 पर आरओबी का निर्माण बीआरपीएनएनएल द्वारा किया जाना तय है. चौथे सुझाव में सांसद ने कहा था कि सहरसा से बैजनाथपुर के बीच ढाला संख्या 105 पर आरओबी का निर्माण होना चाहिए. यह सहरसा शहर के पूरब बाजार में पड़ता है. जिस पर रेलवे द्वारा जवाब दिया गया है कि ढाला संख्या - 105 एनएच - 107 के अंतर्गत आता है. अतः ढाला संख्या - 105 पर एनएचएआई के द्वारा निर्माण कराया जाना है.
पांचवे सुझाव में सांसद ने बैजनाथपुर स्टेशन से मिठाई स्टेशन के बीच फाटक संख्या 98 सी पर अंडरपास बनाने का सुझाव दिया था. जिसमें 5 फीट पानी लगा हुआ है. उसे आवागमन लायक बनाया जाए. रेलवे ने सुझाव पर अमल करते हुए बताया है कि फाटक संख्या 98 सी पर अंडरपास का कार्य प्रगति पर है. जलजमाव से बचाव के लिए रेतौनिंग वाल और शेड का कार्य भी अंतिम चरण में है. छठा सुझाव देते हुए बताया था कि सहरसा से बनमनखी जंक्शन के बीच जो स्टेशन पड़ते हैं, उसके प्लेटफार्म का उच्चीकरण करना आवश्यक है. रेलवे ने जवाब देते बताया है कि सहरसा बनमनखी के बीच सभी स्टेशनों पर प्लेटफार्म ऊंचीकरण का कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किया गया है. स्वीकृति मिलने के उपरांत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
वहीं सांसद ने सातवें सुझाव में सहरसा जंक्शन से टाटा भाया भागलपुर ट्रेन चलाने की मांग रखी थी. जिस पर रेलवे ने बताया है कि स्टेबलिंग लाइन तथा प्लेटफार्म की कमी के कारण नई ट्रेन का परिचालन संभव नहीं है. आठवें सुझाव के रूप में सांसद ने कहा था कि सहरसा जंक्शन से बेंगलुरु साउथ इंडिया के लिए ट्रेन चलाई जाए. जिस पर रेलवे ने पुनः बताया है कि स्टेबलिंग लाइन और प्लेटफार्म की कमी के कारण नई गाड़ी का परिचालन संभव नहीं है.
नौवें सुझाव में सांसद ने सहरसा स्टेशन पर वीआईपी रूम बनाने की मांग रखी थी. जिस पर रेल मंत्रालय ने कहा कि इसे संज्ञान में लिया गया है. कार्य प्रस्तावित किया गया है. दसवें सुझाव के रूप में सांसद ने प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालय मधेपुरा के लिए मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना में 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग रखी थी. जिस पर रेलवे द्वारा बताया गया है कि मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में स्थित भूमि एमईएलपीएल प्राइवेट कंपनी को रेल इंजन निर्माण के लिए दीर्घ अवधि के लिए लीज पर दी गई है. कारखाना रेलवे के अधिकार में 31 एकड़ भूमि है. जिस पर 120 केवी सब स्टेशन का निर्माण किया जाना है. केंद्रीय विद्यालय हेतु भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है.
ग्यारवें सुझाव में सांसद ने कहा था कि बैजनाथपुर सहरसा के बीच झपड़ा टोला रेल फाटक संख्या - 106 पर एक से डेढ़ घंटा मालगाड़ी रुकने से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है. सहरसा में ट्रैक खाली नहीं रहने पर मालगाड़ी को बैजनाथपुर स्टेशन पर ही रोक दिया जाए. ताकि आवागमन बाधित नहीं हो. इस पर रेलवे द्वारा बताया गया है कि सुझाव संज्ञान में लिया गया. आवागमन कम से कम समय के लिए बाधित हो इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.
बारहवें सुझाव के रूप में सांसद ने सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर वैशाली एक्सप्रेस का 2 मिनट का ठहराव दिए जाने की मांग रखी थी. सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल मुख्यालय होने की जानकारी दी गई थी. इस पर रेलवे द्वारा बताया गया है कि सुझाव को कार्यालय के पत्रांक और दिनांक 29 अप्रैल को रेलवे बोर्ड को सूचित किया गया है.
तेरहवें सुझाव में सांसद ने सहरसा जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दो और तीन के बीच पूर्व से बने पथ का जीर्णोद्धार कराने की मांग रखी थी. जिस पर रेलवे ने बताया है कि प्लेटफार्म संख्या दो और तीन के सतह की चौड़ाई पर्याप्त है. इस पर कोटा स्टोन लगा हुआ है. चौदहवें सुझाव के रूप में सांसद ने सहरसा जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में झंडा और स्टीम रेल इंजन लगाए जाने की मांग रखी थी. साथ ही पार्क का निर्माण कराए जाने की भी मांग रखी थी. जिस पर रेलवे ने जवाब देते हुए बताया है कि सहरसा में सर्कुलेटिंग एरिया का विस्तार के माध्यम से काफी सुधार कार्य पहले ही किए जा चुके हैं. इसके अलावे स्मारक, ध्वज और हेरिटेज स्ट्रीम ट्रेन के माध्यम से सुंदरीकरण पर विचार किया जा रहा है.
वहीं पंद्रहवे और अंतिम सुझाव के रूप में सांसद ने सहरसा से सुपौल तक बड़ी रेल लाइन ट्रेन का उद्घाटन जल्द कराने की मांग रखी थी और फारबिसगंज तक आमान परिवर्तन कार्य में तेजी लाने का भी सुझाव दिया था. जिस पर जवाब देते हुए रेलवे द्वारा बताया गया है कि सहरसा, गढ़ बरुआरी, सुपौल, सरायगढ़, राघोपुर, नरपतगंज का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है. शेष नरपतगंज और फारबिसगंज का कार्य प्रगति पर है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 22-23 के प्रथम छमाही के अंत तक पूरा होने की संभावना है.
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