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कोसी ने मचाई तबाही, लाखों की आबादी प्रभावित, घर छोड़कर पलायन को मजबूर लोग - Koshi destroyed the villages

अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने बताया कि कोसी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के अंदर परेशानी बढ़ी है. लोगों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था करा दी गयी है. साथ ही राहत शिविर भी खोल दिया गया है.

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Published : Jul 15, 2019, 1:43 PM IST

सहरसा: कोसी नदी ने इस बार अपने आगमन के साथ ही तांडव मचाना शुरू कर दिया है. कोसी ने जिले के नवहट्टा प्रखंड के तटबंध के अंदर बसे दर्जनों गांव को अपने आगोश में ले लिया है. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, इस दुख की घड़ी में बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने ना ही प्रशासन और ना ही कोई जनप्रतिनिधि आ रहे हैं.

सहरसा से खास रिपोर्ट

दरअसल, नेपाल के बराह क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है. सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के अंतर्गत कोशी तटबंध के अंदर लगभग डेढ़ दर्जन गांव के लोग कोसी के त्रासदी का दंश झेल रहे हैं.

saharsa
बाढ़ की चपेट में गांव

ये हैं बाढ़ प्रभावित गांव
केदली पंचायत के रामपुर, छतबन, असई, हाटी, मुरली, मथाई, कठुवार आदि. वहीं, बकुनिया पंचायत के पतराहा, झरवा सहित कई गांव कोसी का दंश झेलने के लिए मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित राहत को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. लेकिन जब इन पीड़ितों से प्रशासनिक मदद के बारे में बात की गई तो उन्होंने किसी तरह के मदद की बात से इंकार किया. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से अभी तक उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.

saharsa
घर छोड़कर जाते लोग

प्रशासन का क्या है कहना
इन जगहों पर बाढ़ पीड़ित लोग माल मवेशी सहित अपने बच्चे को लेकर ऊंची जगहों पर पलायन करने के लिए मजबूर हैं. इस बाबत अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने बताया कि कोसी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के अंदर परेशानी बढ़ी है. लोगों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था करा दी गयी है. साथ ही राहत शिविर भी खोल दिया गया है. बहरहाल अभी तो कोसी ने सिर्फ दस्तक दी है. आगे और भी भयानक मंजर देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में सरकारी ये तैयारी बौनी साबित हो रही है.

सहरसा: कोसी नदी ने इस बार अपने आगमन के साथ ही तांडव मचाना शुरू कर दिया है. कोसी ने जिले के नवहट्टा प्रखंड के तटबंध के अंदर बसे दर्जनों गांव को अपने आगोश में ले लिया है. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, इस दुख की घड़ी में बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने ना ही प्रशासन और ना ही कोई जनप्रतिनिधि आ रहे हैं.

सहरसा से खास रिपोर्ट

दरअसल, नेपाल के बराह क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है. सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के अंतर्गत कोशी तटबंध के अंदर लगभग डेढ़ दर्जन गांव के लोग कोसी के त्रासदी का दंश झेल रहे हैं.

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बाढ़ की चपेट में गांव

ये हैं बाढ़ प्रभावित गांव
केदली पंचायत के रामपुर, छतबन, असई, हाटी, मुरली, मथाई, कठुवार आदि. वहीं, बकुनिया पंचायत के पतराहा, झरवा सहित कई गांव कोसी का दंश झेलने के लिए मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित राहत को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. लेकिन जब इन पीड़ितों से प्रशासनिक मदद के बारे में बात की गई तो उन्होंने किसी तरह के मदद की बात से इंकार किया. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से अभी तक उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.

saharsa
घर छोड़कर जाते लोग

प्रशासन का क्या है कहना
इन जगहों पर बाढ़ पीड़ित लोग माल मवेशी सहित अपने बच्चे को लेकर ऊंची जगहों पर पलायन करने के लिए मजबूर हैं. इस बाबत अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने बताया कि कोसी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के अंदर परेशानी बढ़ी है. लोगों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था करा दी गयी है. साथ ही राहत शिविर भी खोल दिया गया है. बहरहाल अभी तो कोसी ने सिर्फ दस्तक दी है. आगे और भी भयानक मंजर देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में सरकारी ये तैयारी बौनी साबित हो रही है.

Intro:सहरसा..कोशी ने इस बार अपने आगमन के साथ ही तांडव मचाना शुरू कर दिया है।कोशी ने नवहट्टा प्रखंड के तटबंध के अंदर बसें दर्जनों गांव को अपने आगोश में ले लिया है।दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है।वही इस दुख की घड़ी में इसकी सुधि लेना नही तो प्रशासन और न ही जनता का रहनुमा बने कोई जनप्रतिनिधि ही समझा।


Body:दरअसल नेपाल के बराह क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोशी के जलस्तर में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है।सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के अंतर्गत कोशी तटबंध के अंदर लगभग डेढ़ दर्जन गांव के लोग कोशी के त्रासदी का दंश झेल रहे है।केदली पंचायत के रामपुर,छतबन,असई,हाटी, मुरली,मथाई,कठुवार,बकुनिया, पंचायत के पतराहा, झरवा सहित कई गांव कोशी का दंश झेलने के लिए मजबूर है।वही बाढ़ पुडित राहत को लेकर सरकार और प्रशासन की और टकटकी लगाये बैठे है,लेकिन जब इन पीड़ित लोगों से प्रशासनिक मदद की बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोई भी प्रशासनिक व्यवस्था अभी तक मुहैया नही कराई गई है।वही अब लोग माल मवेशी सहित अपने बच्चे को लेकर ऊंचे जगहों पर पलायन करने के लिए मजबूर है।वही इस बाबत अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने बताया कि कोशी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के अंदर परेशानी बढ़ी है,सरकारी नाव की व्यवस्था करा दी गयी है,साथ ही राहत शिविर भी खोल दिया गया है।


Conclusion:बहरहाल अभी तो कोशी ने सिर्फ दस्तक दी है।ऐसे में सरकारी तैयारी पूरी तरह से सिफर है।
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