सहरसा: कोसी नदी ने इस बार अपने आगमन के साथ ही तांडव मचाना शुरू कर दिया है. कोसी ने जिले के नवहट्टा प्रखंड के तटबंध के अंदर बसे दर्जनों गांव को अपने आगोश में ले लिया है. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, इस दुख की घड़ी में बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने ना ही प्रशासन और ना ही कोई जनप्रतिनिधि आ रहे हैं.
दरअसल, नेपाल के बराह क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है. सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के अंतर्गत कोशी तटबंध के अंदर लगभग डेढ़ दर्जन गांव के लोग कोसी के त्रासदी का दंश झेल रहे हैं.
ये हैं बाढ़ प्रभावित गांव
केदली पंचायत के रामपुर, छतबन, असई, हाटी, मुरली, मथाई, कठुवार आदि. वहीं, बकुनिया पंचायत के पतराहा, झरवा सहित कई गांव कोसी का दंश झेलने के लिए मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित राहत को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. लेकिन जब इन पीड़ितों से प्रशासनिक मदद के बारे में बात की गई तो उन्होंने किसी तरह के मदद की बात से इंकार किया. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से अभी तक उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है.
प्रशासन का क्या है कहना
इन जगहों पर बाढ़ पीड़ित लोग माल मवेशी सहित अपने बच्चे को लेकर ऊंची जगहों पर पलायन करने के लिए मजबूर हैं. इस बाबत अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने बताया कि कोसी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध के अंदर परेशानी बढ़ी है. लोगों के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था करा दी गयी है. साथ ही राहत शिविर भी खोल दिया गया है. बहरहाल अभी तो कोसी ने सिर्फ दस्तक दी है. आगे और भी भयानक मंजर देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में सरकारी ये तैयारी बौनी साबित हो रही है.