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शराब कारोबारियों की खैर नहीं, गोल्ड मेडलिस्ट कुत्ते जैबी और रॉकी की है नजर

सहरसा में अब शराब कारोबारियों की अब खैर नहीं है. पुलिस ने जैबी और रॉकी नामक दो कुत्तों को विशेष रूप तैयार किया है जो जिले में छिपे शराब को ढ़ूंढ़ निकालेंगे.

जैबी और रॉकी
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Published : Apr 27, 2019, 11:14 PM IST

सहरसा: बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब का कारोबार चोरी छिपे जारी है. ऐसे में पुलिस ने उत्पाद विभाग के साथ मिलकर दो ऐसे कुत्तों को रखा है. जो शराब कारोबारियों का खेल खराब करने में सक्षम हैं. इन दोनों कुत्तों को जैबी और रॉकी के नाम से जाना जाता है.

सूंघ कर शराब की पहचान
जैबी और रॉकी मिट्टी के नीचे तीन फीट तक दबी शराब हो या फिर तस्करी के लिए गाड़ी में छिपाकर रखी गई शराब, सबको सूंघ कर उसकी पहचान कर देती है. इससे अब जिले में चलाए जा रहे शराब भठ्ठियों का आसानी से भंडाफोड़ किया जा सकता है.

जैबी और रॉकी

हैदराबाद में मिला प्रशिक्षण
इस संबध में पुलिस लाइन के कर्मचारी ने बताया कि बिहार सरकार के शराब विरोधी नीति की सफलता के लिए इन्हें तैयार किया गया है. इनका प्रशिक्षण हैदराबाद में बिहार सरकार द्वारा कराया गया है़.

शराब माफिया की नहीं है खैर
जैबी और रॉकी को शराब सूंघने में विशेष महारथ हासिल है. यह किसी भी प्रकार के शराब देशी हो या विदेशी सूंघ कर इंगित कर देता है. पुलिस ने बताया कि इसके आ जाने से कोशी इलाके में शराब माफिया की खैर नहीं है.

गोल्ड मेडल से भी सम्मानित
इन दोनों के नजर से कोई भी शराब माफिया बच नहीं सकता है. अपनी इस विशिष्ट प्रतिभा के लिए जैबी और रॉकी को गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.

सहरसा: बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब का कारोबार चोरी छिपे जारी है. ऐसे में पुलिस ने उत्पाद विभाग के साथ मिलकर दो ऐसे कुत्तों को रखा है. जो शराब कारोबारियों का खेल खराब करने में सक्षम हैं. इन दोनों कुत्तों को जैबी और रॉकी के नाम से जाना जाता है.

सूंघ कर शराब की पहचान
जैबी और रॉकी मिट्टी के नीचे तीन फीट तक दबी शराब हो या फिर तस्करी के लिए गाड़ी में छिपाकर रखी गई शराब, सबको सूंघ कर उसकी पहचान कर देती है. इससे अब जिले में चलाए जा रहे शराब भठ्ठियों का आसानी से भंडाफोड़ किया जा सकता है.

जैबी और रॉकी

हैदराबाद में मिला प्रशिक्षण
इस संबध में पुलिस लाइन के कर्मचारी ने बताया कि बिहार सरकार के शराब विरोधी नीति की सफलता के लिए इन्हें तैयार किया गया है. इनका प्रशिक्षण हैदराबाद में बिहार सरकार द्वारा कराया गया है़.

शराब माफिया की नहीं है खैर
जैबी और रॉकी को शराब सूंघने में विशेष महारथ हासिल है. यह किसी भी प्रकार के शराब देशी हो या विदेशी सूंघ कर इंगित कर देता है. पुलिस ने बताया कि इसके आ जाने से कोशी इलाके में शराब माफिया की खैर नहीं है.

गोल्ड मेडल से भी सम्मानित
इन दोनों के नजर से कोई भी शराब माफिया बच नहीं सकता है. अपनी इस विशिष्ट प्रतिभा के लिए जैबी और रॉकी को गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.

Intro:सहरसा..शराब माफियाओं व शराबियों का अब खैर नही।सहरसा जिले में अब शराब ढूंढेगा जैबी और रॉकी।बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बाद भी अवैध रूप से शराब का धंधा थमने का नाम नही ले रहा है।हालांकि पुलिस और उत्पाद विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है,और आये दिन ऐसे धंधेबाज और शराबियो पर कारवायी कर रही है।लेकिन अब सरकार शराबी और शराब कारोबारियों को ढूंढ बाहर निकालने के लिए श्वान यानी प्रशिक्षित कुत्तो की मदद ले रही है।


Body:मतलब साफ है कि बिहार में अब अवैध कारोबारियों की खैर नही है।पुलिस या उत्पाद विभाग से ऐसे कारोबारी छिप सकते है लेकिन जैबी और रॉकी से नही।इसी क्रम में कोशी प्रमंडल में शराब के कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सहरसा में भी जैबी और रॉकी नाम के दो प्रशिक्षित श्वान लाया गया है।हैदराबाद से आठ महीना तक प्रशिक्षण प्राप्त डॉग स्क्वाड मिट्टी के नीचे तीन फीट तक दबी शराब हो या लगैज में छिपा कर रखी गयी हो या फिर तस्करी के लिए गाड़ी में छिपाकर ही क्यों नही रखी हो यह पता लगा लेता है।वही इस श्वान के संबंध में स्वानदस्ता पुलिस लाइन के कर्मचारी ने बताया कि बिहार सरकार के शराब विरोधी नीति की सफलता के लिए शराब खोजी श्वान का प्रशिक्षण हैदराबाद में बिहार सरकार द्वारा कराया गया है इन्हें शराब को सूंघने में विशेष महारथ हासिल है।यह किसी भी प्रकार के शराब देशी विदेशी को सूंघ कर निकाल सकता है।इसके आ जाने से कोशी इलाके में शराब माफियाओ की अब खैर नही है।कोई भी शराब माफिया इससे बच नही सकता है।अपनी इस विशिष्ट प्रतिभा के लिए जैबी और रॉकी को गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।


Conclusion:सच मायने में देखा जाय तो सरकार ने शराबियों व अवैध शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के एक नायाब तरीका ईजाद किया है।जरूरत है इसे गंभीरता से इस्तेमाल करने का जिससे बिहार में इसकी मदद से पूर्ण शराब बंदी कानून को लागू किया जा सके।
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