सहरसा: इसी साल डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काटकर जेल से बाहर आने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. अदालत ने सहरसा मंडलकारा में मोबाइल बरामदगी मामले में उनको बरी कर दिया है. फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं. उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी लेकिन आज कोर्ट ने उनको आरोप मुक्त कर दिया.
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"यह सहरसा कांड संख्यां 813/21 जेल का मामला था. जिसमे आज जजमेंट आया है. साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने मुझे बाइज्जत बरी कर दिया है. झूठा आरोप था कि मेरे पास से चार-चार मोबाइल बरामद किए गए थे. पहली बार जब मैं कोर्ट आया था तो आपलोगों के पूछने पर मैंने जबाव दिया था कि जब हम लुंगी और गंजी में था. जिस समय छापा हुआ, तभी सोने के समय था. जेल से चार मोबाइल पकड़ाया था लेकिन मैं नहीं जानता था कि चारों मोबाइल मेरे ही नाम पर दर्ज करा दिए जाएंगे. सारा आरोप मुझ पर ही गठित कर दिया गया था लेकिन कोर्ट ने आज मुझे दोषमुक्त कर दिया"- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
'मुझे कोर्ट पर भरोसा था': आनंद मोहन ने कहा कि छापेमारी के लिए जब आलाधिकारी आए तो उनके साथ सहयोग कर रहा था. जब हमलोगों को सूचना दी गई कि हमलोगों के पास से चार मोबाइल जेल में पकड़ाया, तब मैं नहीं जानता था कि चारों मोबाइल को लेकर आरोप मुझ पर ही गठित कर दिया जाएगा. खुशी है कि आज मैं एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उनको बाइज्जत बरी कर दिया. मुझे पहले भी न्यायपालिका पर भरोसा था, आज यह और पुख्ता हो गया.
'मेरे खिलाफ साजिश नाकाम साबित हुई': पूर्व सांसद ने कहा कि इस मामले को लेकर मेरे अच्छे आचरण पर सवाल उठाए जा रहे थे. डीएम हत्याकांड में मेरी रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में भी इसको लेकर सवाल उठाया गया. इसलिए इस फैसले का महत्व बढ़ गया है. आनंद मोहन ने कहा कि मैं तो कहता रहा हूं कि मैं निर्दोष हूं. न्यायालय ने आज इसे बिल्कुल क्लियर कर दिया. पूरे देश को बताना चाहता हूं कि जो साजिश हुई थी, वह नाकाम साबित हो गई.
'कोर्ट की तारीख के कारण कैथल नहीं जा सका': आनंद मोहन ने कहा कि आज मेरे ही आह्वान पर हरियाणा के कैथल में एक क्षत्रिय महाकुंभ का आयोजन किया गया था. जिसमें क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज को एक जातीय विशेष से जोड़कर विवाद खड़ा किया गया था. इस आक्रोश में वहां लाखों की संख्यां में लोग जमा हो गए थे. मुझे वहां जाना था लेकिन अचानक से जजमेंट का डेट पड़ गया था. जिस वजह से मेरी तरफ से प्रतिनिधित्व करने मेरे बेटे और विधायक चेतन आनंद उसमें शामिल हुए हैंं.