सहरसा: दिल्ली के फिल्मिस्तान इलाके के अनाज मंडी में 43 लोगों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. पीड़ित परिवारों में मातम पसरा है. अग्निकांड में मरने वाले लोगों में बिहार के भी मजदूर शामिल हैं. इस घटना से सहरसा के नरियार गांव में कोहराम मच गया है. यहां के तकरीबन 40 से 45 लोग उस फैक्ट्री में काम करते थे. जहां ये हादसा हुआ.
नरियार गांव के लोगों की आंखों में निराशा और डर है. परिजनों का कहना है कि वे लगाातर अपने बेटे, भाई, भतीजों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, कोई खोज-खबर नहीं मिल रही है. परिजन लगातार कंपनी के मैनेजर से भी संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, कई लोग तो खबर के बाद दिल्ली के लिए रवाना भी हो गए हैं.
गांव में पसरा है मातम
नरियार के लोगों का कहना है कि इलाके के कई मजदूर दिल्ली में एक जैकेट फैक्ट्री में काम करते हैं. फैक्ट्री मालिक जुबैर भी नरियार का ही रहने वाला बताया जा रहा है. वो ही यहां से गांव के कई लड़कों को काम दिलाने के लिए ले गया था. अब जब घटना की खबर के बाद उससे बात करने की कोशिश की जा रही है तो संपर्क नहीं हो पा रहा है. इलाके के तीन बच्चों की मौत की भी सूचना है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है.
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ये लोग हैं लापता
जानकारी के मुताबिक जो लोग वहां काम करते हैं उनमें जसीम, मो. फैजल, सज्जन, राशिद आलम, मो. मुबारक ,मो. ग्यास सहित कई अन्य लोग लापता हैं. परिजनों को उनसे जुड़ी कोई सूचना नहीं मिल पा रही है. हादसे में उन युवाओं की मौत हुई है जो अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर रोजी-रोटी कमाने के लिए दिल्ली की तंग गलियों में अपना जीवन गुजार रहे थे. लेकिन, सवाल अभी भी बरकरार है कि आखिर दो वक्त की रोटी की तलाश में राजधानी आए इन युवाओं का कसूर क्या था, जिसकी वजह से इन्होंने आग में झुलसकर अपनी अपनी जान दे दी.