रोहतास: बिहार में डूबने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धी देखने को मिल रही है. ऐसे में इस पर रोकथाम लगाने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विभाग द्वारा रोहतास के कई युवाओं को तैरने का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, प्रशिक्षण में पास हुए 300 युवाओं को प्रशिक्षण केंद्र में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इसके साथ ही तीन माह से जारी ट्रेनिंग आज संपन्न हो गया. सीओ अनामिका कुमारी व अन्य अधिकारियों ने तैराकी का प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्रमाण पत्र वितरित किया
रोहतास में सांस रोकने का दिया गया प्रशिक्षण : इधर, डेहरी अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी ने बताया कि प्रत्येक बैच से तकरीबन 30 की संख्या में युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस दौरान युवाओं को तैरने, डूबते हुए लोगों को बचाने, सांस देने और देर तक सांस रोकने का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, दुर्घटना में भी किसी की जान कैसे बचाई जाएं समेत तमाम तरह की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया गया. बता दें कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा युवाओं को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सभी पांच अंचल के 300 युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि 2 महीने की है.
"जिले में डूबने से मौत की घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए तैराकी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था. इस दौरान प्रशिक्षण में पास हुए 300 युवाओं को प्रशिक्षण केंद्र में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. साथ ही उन्हें देर तक सांस रोकने, डबने वाले लोगों को तैरकर बचाने, सांस देने जैसे कई अहम प्रशिक्षण दिया गया." - अनामिका कुमारी, डेहरी अंचलाधिकारी
अधिक लोगों की जान बचाना उद्देश्य: बता दें कि अनुमंडल क्षेत्र के कुल पांच अंचल के 300 युवाओं को ट्रेनिंग दिया गया है. गुरुवार को अंतिम बच के प्रशिक्षण का समापन हुआ. ट्रेनिंग कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि इलाके में डूबने की घटनाओं को रोका जा सके और समय रहते तैराकों की मदद से लोगों की जान बचाई जा सके. बता दें कि कटार बालू घाट के समीप आयोजित समापन कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अंतिम बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कुल 60 तैराको को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया था. इस दौरान मौके पर सीओ के आलावे चंचल कुमार, अंचल कार्यालय के रणधीर कुमार सहित कार्यालय कर्मी मौजूद थे.
इसे भी पढ़े- Swimming training in Rohtas : तैराकी प्रशिक्षण के तीसरे बैच में 60 बच्चे पास, अब डूबने वालों को देंगे नया जीवन