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उज्ज्वला योजना की 'आंच' दूर नहीं कर सकी इन गरीबों की रसोई से धुंआ

ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें 'उज्ज्वला योजना' की जानकारियां ही नहीं है तो गैस कहां से मिलेगी. वहीं, कुछ ऐसे भी ग्रामीण थे, जिन्हें गैस का कनेक्शन तो मिल गया लेकिन महंगाई की मार ने उनके घरों में गैस जलने नहीं दिया.

चूल्हे पर खाना बनाती महिला
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Published : Jun 10, 2019, 8:25 AM IST

Updated : Jun 10, 2019, 11:32 AM IST

रोहतासः सरकार 'उज्ज्वला योजना' को धरातल पर लाकर हर गरीब की रसोई से धुआं गायब करने के दावे करती है. लेकिन आज भी सुदूर और ग्रामीण इलाके के गरीबों के घरों में खाना चूल्हा पर ही बनाता है. इनकी रसोई पूरी तरह से धुओं से भरी होती है. जिला मुख्यालय के शिवसागर प्रखंड में सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक 'उज्ज्वला योजना' का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा है. काफी मशक्कत के बाद यहां की महिलाएं दूर-दराज से लकड़ियां चुनकर लाती हैं और खाना बनाती हैं.

woman
चूल्हे पर खाना बनाती महिला

दूर-दराज से लाती हैं जलावन
रोहतास जिले के शिवसागर में आज भी कई परिवार की महिलाएं गोइठा और जंगल से लकड़ियां लाकर खाना बनाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं इन गरीब परिवारों के लिए चूल्हा जलाना किसी जंग से कम नहीं है. क्योंकि वह अपने जलावन के लिए कई कोस दूर का सफर करती हैं. तभी जाकर उन्हें दो वक्त जलाने के लिए लकड़ी मिल पाती है. एक महिला ने बताया कि वह काफी दूर जाकर लकड़ियां चुन कर लाती हैं उसके बाद ही खाना बना पाती हैं.

woman
चूल्हे पर खाना बनाती महिला

नहीं है उज्ज्वला योजना की जानकारी
इन महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब बरसात के दिनों में अधिक बारिश होने लगती है. लिहाजा बारिश होने की वजह से जंगल में लकड़ियां पूरी तरह से भींग जाती है. जिससे लकड़ियां इतनी गीली होती हैं कि उन्हें जलाने के बाद भी सही से चूल्हे में आग नहीं पहुंच पाती है. वहीं, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें 'उज्ज्वला योजना' की जानकारियां ही नहीं है तो गैस कहां से मिलेगी. वहीं, कुछ ऐसे भी ग्रामीण थे, जिन्हें गैस का कनेक्शन तो मिल गया लेकिन महंगाई की मार ने उनके घरों में गैस जलने नहीं दिया. इन घरों में गैस सिलेंडर शोभा की वस्तु बनकर पड़ी हुई है.

चूल्हे पर खाना बनाती महिलाएं

जल्द मिलेगा कनेक्शन
वहीं, इस बारे में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जिन लोगों को 'उज्ज्वला योजना' के तहत अब तक गैस कनेक्शन नहीं मिला है, वैसे लोगों की जांच कर जल्द से जल्द कनेक्शन दिया जाएगा.

रोहतासः सरकार 'उज्ज्वला योजना' को धरातल पर लाकर हर गरीब की रसोई से धुआं गायब करने के दावे करती है. लेकिन आज भी सुदूर और ग्रामीण इलाके के गरीबों के घरों में खाना चूल्हा पर ही बनाता है. इनकी रसोई पूरी तरह से धुओं से भरी होती है. जिला मुख्यालय के शिवसागर प्रखंड में सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक 'उज्ज्वला योजना' का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा है. काफी मशक्कत के बाद यहां की महिलाएं दूर-दराज से लकड़ियां चुनकर लाती हैं और खाना बनाती हैं.

woman
चूल्हे पर खाना बनाती महिला

दूर-दराज से लाती हैं जलावन
रोहतास जिले के शिवसागर में आज भी कई परिवार की महिलाएं गोइठा और जंगल से लकड़ियां लाकर खाना बनाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं इन गरीब परिवारों के लिए चूल्हा जलाना किसी जंग से कम नहीं है. क्योंकि वह अपने जलावन के लिए कई कोस दूर का सफर करती हैं. तभी जाकर उन्हें दो वक्त जलाने के लिए लकड़ी मिल पाती है. एक महिला ने बताया कि वह काफी दूर जाकर लकड़ियां चुन कर लाती हैं उसके बाद ही खाना बना पाती हैं.

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चूल्हे पर खाना बनाती महिला

नहीं है उज्ज्वला योजना की जानकारी
इन महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब बरसात के दिनों में अधिक बारिश होने लगती है. लिहाजा बारिश होने की वजह से जंगल में लकड़ियां पूरी तरह से भींग जाती है. जिससे लकड़ियां इतनी गीली होती हैं कि उन्हें जलाने के बाद भी सही से चूल्हे में आग नहीं पहुंच पाती है. वहीं, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें 'उज्ज्वला योजना' की जानकारियां ही नहीं है तो गैस कहां से मिलेगी. वहीं, कुछ ऐसे भी ग्रामीण थे, जिन्हें गैस का कनेक्शन तो मिल गया लेकिन महंगाई की मार ने उनके घरों में गैस जलने नहीं दिया. इन घरों में गैस सिलेंडर शोभा की वस्तु बनकर पड़ी हुई है.

चूल्हे पर खाना बनाती महिलाएं

जल्द मिलेगा कनेक्शन
वहीं, इस बारे में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जिन लोगों को 'उज्ज्वला योजना' के तहत अब तक गैस कनेक्शन नहीं मिला है, वैसे लोगों की जांच कर जल्द से जल्द कनेक्शन दिया जाएगा.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय के शिवसागर प्रखंड में सरकार की बेशकीमती योजनाओं में से एक उज्जवला योजना की का लाभ गरीब परिवारों को नहीं मिल पा रहा है।


Body:गौरतलब है कि एक तरफ सरकार जहां उज्जवला योजना जैसी योजनाओं को धरातल पर लाकर हर गरीब के रसोइयों से धुआं गायब करने की बात करती है। तो वहीं आज भी सुदूर एवं ग्रामीण इलाके के गरीबों के घरों में खाना चूल्हा पर ही बनाया जाता है जो पूरी तरह से धुआं से भरा होता है। लिहाज़ा कुछ ऐसा ही नजारा रोहतास जिले के शिवसागर में भी देखने को मिला। जहां आज भी कई परिवार घरों के अंदर गोइठा और जंगल से लकड़ियां लाकार खाना बनाने को मजबूर हो रही है। इतना ही नहीं इन गरीब परिवारों के लिए चूल्हा जलाना किसी जंग से कम नहीं है। क्योंकि वह अपने जलावन के लिए कई कोस दूर का सफर करती हैं तभी जाकर उन्हें दो वक्त का जलाने के लिए सामग्री उपलब्ध हो पाता है। वही एक ग्रामीण ने बताया कि वह आसपास के इलाकों में से लकड़ियां चुन कर लाती है। उसके बाद ही वह खाना बना पाती है। सबसे ज्यादा परेशानियां इन ग्रामीणों को तब होती है जब बरसात के दिनों में अधिक बारिश होने लगती है। लिहाजा बारिश होने की वजह से जंगल में लकड़ियां पूरी तरह से भीग जाती है। नतीजा लकड़िया इतनी गीली होती है कि उन्हें जलाने के बाद भी सही से चूल्हा में आग नहीं पहुंच पाता है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें उज्जवला योजना जैसी योजनाओं की जानकारियां ही नहीं है तो उन्हें गैस कहां से मिलेगा। लेकिन ऐसे भी ग्रामीण थे जिन्हें गैस का कनेक्शन तो मिल गया लेकिन महंगाई की मार ने उनके घरों में गैस जलने नहीं दिया। नतीजा आज गैस सिलेंडर शोभा की वस्तु बन कर पड़ी है। जाहिर है केंद्र सरकार की एक अहम योजनाओं में से उज्जवला योजना है। जिससे हर गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन देने की बात कही गई है। लेकिन आज भी ग्रामीण इससे कोसों दूर है। जाहिर है प्रचार-प्रसार के अभाव में भी ग्रामीणों को इस योजनाओं की जानकारी नहीं मिलती है। लिहाजा ग्रामीणों की कम जानकारी होने की वजह से सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ उनके घरों तक नहीं पहुंच पाता है। वहीं इस बारे में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जिन लोगों को उज्जवला योजना के तहत अब तक गैस कनेक्शन मुफ्त में नहीं मिला है। वैसे लोगों की जांच कर जल्द से जल्द कनेक्शन दिया जाएगा।


Conclusion:बहरहाल उज्जवला योजना का लाभ उन घरों तक कब पहुंचेगी इसका अंदाजा तभी होगा जब बीडीओ के आश्वासन के बाद उन ग्रामीणों को इसका लाभ मिल पाएगा। लिहाजा अब देखना यह होगा कि आखिर उन गरीब परिवारों के घरों में कब रसोई गैस का सिलेंडर पहुंचता है।

बाइट। ग्रामीण
बाइट। बीडीओ
Last Updated : Jun 10, 2019, 11:32 AM IST
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