सासाराम: बिहार सरकार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का चाहे जितना भी दावा कर लें, लेकिन अस्पतालों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं. एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जो बताती है कि प्रदेश में अभी भी हालात नहीं बदले हैं. यही वजह है कि आज भी रोहतास में टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज (Treatment of Patients under Torch Light in Rohtas) किया जाता है. पूछने पर वहां के डॉक्टर भी स्वीकार करते हैं कि मजबूरी है लेकिन मरीजों को बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी है.
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रोहतास में टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज: दअरसल सासाराम सदर अस्पताल (Sasaram Sadar Hospital) के इमरजेंसी कक्ष में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली. जो वीडियो सामने आया है, उसमें साफ दिख रहा है कि यहां मोबाइल की रोशनी में गोली लगने से जख्मी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. शुक्रवार की रात सदर अस्पताल परिसर में स्थित ट्रामा सेंटर में गोली से जख्मी मरीजों का इलाज मोबाइल की रोशनी में ही डॉ. बृजेश कुमार ने किया.
क्या है पूरा मामला? : बताया जाता है कि सासाराम नगर थाना क्षेत्र के पुराना थाना के पास मानस रोड पर दो पक्षों में हुई गोलीबारी में चार लोग जख्मी हो गए थे. सभी घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में लाया गया. जहां गोली निकालने और अन्य उपचार में तैनात चिकित्सक डॉ. ब्रजेश कुमार द्वारा किया जा रहा था. इसी बीच बिजली चली गई. किसी तरह मोबाइल की रोशनी में इलाज जारी रखा. ट्रामा सेंटर में तैनात चिकित्सक ब्रजेश कुमार कहते हैं कि इस तरह के हालात से आए दिन हमें जूझना पड़ता है.
"लाइट कट रहा है. आ रहा है, जा रहा है. जेनरेटर चालू करने के दौरान क्या दिक्कत आ गई है. एमसीबी बार-बार गिर जाता है. परेशानी तो हो रही है. मिस्त्री बुलाकर दिखाना पड़ेगा. क्या कर सकते हैं"- बृजेश कुमार, चिकित्सक, ट्रामा सेंटर, सासाराम सदर अस्पताल
सासाराम सदर अस्पताल का हाल बेहाल: वैसे सासाराम सदर अस्पताल में अक्सर बिजली की समस्या रहती है. शुक्रवार को भी कई घंटे तक बिजली गुल रहने से लोग परेशान दिखे. जहां एक तरफ मरीज गर्मी से बेहाल रहे तो वहीं चिकित्सक टॉर्च की रोशनी में इलाज करते नजर आए. जैसा कि वीडियो में देखने को मिल रहा है. वहीं मरीजों के परिजन हाथ के पंखे से हवा देने की कोशिश भी करते दिखे.
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