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समय पर स्कूल नहीं पहुंचते शिक्षक, बच्चे करते हैं स्टंट

बघेल के इस मध्य विद्यालय में शिक्षक नियमों को तोड़ते नजर आ रहे हैं. यहां के तमाम शिक्षक न तो समय से स्कूल आते हैं और ना ही समय से क्लास का संचालन होता है.

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Published : Apr 9, 2019, 10:25 AM IST

Updated : Apr 9, 2019, 1:22 PM IST

स्कूल में बच्चे करते स्टंट

रोहतास: अकोढ़ीगोला प्रखंड में एक मध्य विद्यालय के शिक्षकों की लापरवाही का मामला सामने आया है. बघेल गांव के मध्य विद्यालय के शिक्षक कभी भी विद्यालय समय पर नहीं आते हैं. शिक्षकों के समय पर स्कूल नहीं आने पर बच्चे खतरनाक स्टंट करते हैं.

गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल को मॉर्निंग में चलाने का आदेश दिया गया है. लिहाजा जितने भी सरकारी स्कूल हैं, उनका संचालन मॉर्निंग में ही किया जा रहा है. लेकिन बघेल के इस मध्य विद्यालय में शिक्षक नियमों को तोड़ते नजर आ रहे हैं. यहां के तमाम शिक्षक न तो समय से स्कूल आते हैं और ना ही समय से क्लास का संचालन होता है.

ऊंचाइयों से कूदते हैं बच्चे

इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल परिसर में शिक्षकों का इंतजार करते हैं. लेकिन शिक्षक अपनी लेटलतीफी के कारण बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं. शिक्षक के स्कूल में नहीं रहने की वजह से खेल-खेल में बच्चे 15 से 20 फिट ऊंचाई से नीचे जमीन पर कूदते हैं.

rohtas
शिक्षका

सभी शिक्षक समय पर नहीं आते स्कूल

जाहिर है स्कूल की शिक्षक समय पर स्कूल पहुंच जाते तो बच्चों को ऐसे खतरनाक हरकतों से रोका जा सकता था. लेकिन वहां पर आने वाले तमाम शिक्षक करीब दो घंटे लेट से स्कूल पहुंचते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक रोज इसी तरह से लेट से आते हैं.

स्कूल नहीं पहुंचते शिक्षक बच्चे करते हैं स्टंट

शिक्षिका का जवाब सुन उड़ जाएंगे होश

इस बारे में जब वहां पढ़ाने वाली शिक्षिका से पूछा गया तो उनका भी जवाब हैरान करने वाला था. उन्होंने कहा कि बचपन में बच्चे ऐसे ही खेलते हैं. शिक्षिका का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना जवाब स्कूल कर्मियों के कामकाज पर सवाल जरूर खड़ा करता है.

रोहतास: अकोढ़ीगोला प्रखंड में एक मध्य विद्यालय के शिक्षकों की लापरवाही का मामला सामने आया है. बघेल गांव के मध्य विद्यालय के शिक्षक कभी भी विद्यालय समय पर नहीं आते हैं. शिक्षकों के समय पर स्कूल नहीं आने पर बच्चे खतरनाक स्टंट करते हैं.

गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल को मॉर्निंग में चलाने का आदेश दिया गया है. लिहाजा जितने भी सरकारी स्कूल हैं, उनका संचालन मॉर्निंग में ही किया जा रहा है. लेकिन बघेल के इस मध्य विद्यालय में शिक्षक नियमों को तोड़ते नजर आ रहे हैं. यहां के तमाम शिक्षक न तो समय से स्कूल आते हैं और ना ही समय से क्लास का संचालन होता है.

ऊंचाइयों से कूदते हैं बच्चे

इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल परिसर में शिक्षकों का इंतजार करते हैं. लेकिन शिक्षक अपनी लेटलतीफी के कारण बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं. शिक्षक के स्कूल में नहीं रहने की वजह से खेल-खेल में बच्चे 15 से 20 फिट ऊंचाई से नीचे जमीन पर कूदते हैं.

rohtas
शिक्षका

सभी शिक्षक समय पर नहीं आते स्कूल

जाहिर है स्कूल की शिक्षक समय पर स्कूल पहुंच जाते तो बच्चों को ऐसे खतरनाक हरकतों से रोका जा सकता था. लेकिन वहां पर आने वाले तमाम शिक्षक करीब दो घंटे लेट से स्कूल पहुंचते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक रोज इसी तरह से लेट से आते हैं.

स्कूल नहीं पहुंचते शिक्षक बच्चे करते हैं स्टंट

शिक्षिका का जवाब सुन उड़ जाएंगे होश

इस बारे में जब वहां पढ़ाने वाली शिक्षिका से पूछा गया तो उनका भी जवाब हैरान करने वाला था. उन्होंने कहा कि बचपन में बच्चे ऐसे ही खेलते हैं. शिक्षिका का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना जवाब स्कूल कर्मियों के कामकाज पर सवाल जरूर खड़ा करता है.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर दूर अकोढ़ीगोला प्रखंड के बघेल गांव के मध्य विद्यालय से ऐसी तस्वीर सामने आई है। जिसमें शिक्षकों की लापरवाही साफ देखी जा सकती है।


Body:गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल को मॉर्निंग चलाने का आदेश दिया गया था। लिहाजा जितने भी सरकारी स्कूल है उन का संचालन मॉर्निंग में किया जा रहा है। लेकिन बघेल के इस मध्य विद्यालय में शिक्षक नियमों को ताक पर रखकर स्कूल का काम पूरा कर रहे हैं। जहां तमाम शिक्षक न तो समय से स्कूल आते हैं और ना ही समय से क्लास का संचालन होता है। इसकी तस्वीर साफ देखी जा सकती है कि बघेन मध्य विद्यालय में शिक्षक समय से नहीं पहुंचते हैं। नतीजा वहां पढ़ने वाले बच्चे स्कूल परिसर में आकर मास्टर साहब का इंतजार करते हैं। लेकिन मास्टर साहब अपनी लेटलतीफी के कारण बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं। क्योंकि टीचर्स के स्कूल में नहीं रहने की वजह से बच्चे 15 से 20 फिट ऊंचाई से नीचे जमीन पर कूदते नजर आ रहे हैं। ऐसे में साफ देखा जा सकता है कि जो बच्चा ऊंचाई से नीचे कूद रहा है वह अपनी जान को जोखिम में डालकर कूद रहा है। जाहिर है स्कूल की टीचर समय पर स्कूल पहुंच जाते तो बच्चे को ऐसे खतरनाक हरकतों से रोका जा सकता था। लेकिन वहां पर आने वाले तमाम टीचर्स तकरीबन दो घण्टे लेट से स्कूल पहुंचते हैं। नतीजा बच्चे वहां आकर खतरनाक स्टंट करते हैं। वहीं इस बारे में वहां के पढ़ाने वाली शिक्षिका से पूछा गया तो उनका भी जवाब हैरान करने वाला था। उन्होंने कहा कि बचपन में बच्चे ऐसे ही खेलते हैं। जाहिर है शिक्षिका का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना जवाब स्कूल कर्मियों के कामकाज पर सवाल खड़ा करता है। इससे साफ जाहिर होता है कि इन टीचरों को बच्चों के भविष्य का कोई परवाह नहीं है। वहीं ग्रामीणों ने भी बताया कि स्कूल में मास्टर साहब रोज इसी तरह से लेटलतीफी के साथ आते हैं और बच्चे ऊंचाइयों से नीचे कूदते रहते हैं।


Conclusion:बहरहाल अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब समय पर टीचर ही स्कूल नहीं पहुंचेंगे तो बच्चे अपनी पढ़ाई क्या करेंगे। उन सब के बावजूद भी अगर टीचर इसको महज़ एक खेल मानते हैं तो शायद वो किसी बड़े घटना के इंतजार में आस लगाए बैठे हुए हैं।


बाइट। टीचर
बाइट। ग्रामीण
पीटीसी
Last Updated : Apr 9, 2019, 1:22 PM IST
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