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बड़ी लापरवाही: सदर अस्पताल में SNCU की खराब पड़ी मशीनें, कैसे होगा गरीब बच्चों का इलाज

रोहतास जिले के मुख्यालय सासाराम स्थित सदर अस्पताल में सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट में 4 से 5 रेडिएंट वार्मर खराब (SNCU Machine In Bad Condition)) पड़े हैं. जिससे लोगों को नवाजत शिशुओं के इलाज के लिए निजी क्लिनिक का सहारा लेना पड़ा है. पढ़ें पूरी खबर...

बड़ी लापरवाही: सदर अस्पताल में SNCU की खराब पड़ी मशीनें
बड़ी लापरवाही: सदर अस्पताल में SNCU की खराब पड़ी मशीनें
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Published : Nov 18, 2021, 11:07 AM IST

Updated : Nov 19, 2021, 2:32 PM IST

रोहतास : बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय के सासाराम स्थित सदर अस्पताल (Sasaram Sadar Hospital) से लापरवाही की बड़ी तस्वीर सामने आई है. दरअसल, यहां स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट के ज्यादातर रेडिएंट वार्मर (SNCU Machine In Bad Condition) खराब पड़े हैं. जिस कारण गरीब अभिभावकों के नवजात बच्चों को स्पेशल केयर नहीं मिल पा रहा हैं. पिछले तीन-चार माह से खराब पड़े रहने से रेडिएंट वार्मर में क्षमता से ज्यादा नवजात शिशुओं एक साथ रख कर इलाज जारी है, जिससे नवजात शिशुओं में इंफेक्शन का भी खतरा रहता है.


इसे भी पढ़ें : अधिकारी के खिलाफ जदयू नेता ने की सीएम से शिकायत, कहा- भाव नहीं देते ऑफिसर

दरअसल, सदर अस्पताल में स्थित इस न्यूबोर्न केयर यूनिट में कुल 12 रेडिएंट वार्मर है. जिसमें 4 से 5 वार्मर खराब है. मात्र 7 या 8 रेडिएंट वार्मर पर जिले भर के नवजात बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में एक रेडिएंट वार्मर में दो-दो बच्चों को रखा जा रहा है. इतना ही नहीं सिरिंज पंप के अलावे तमाम तरह के कई उपकरण भी खराब पड़े हैं. मामूली मरम्मत के अभाव में कई आवश्यक मशीनें बर्बाद हो रही है. जिसका लाभ बीमार नवजात को नहीं मिल पा रहा है. इस परिस्थिति में लोग निजी क्लीनिक का सहारा ले रहे हैं. समय पर केयर नहीं मिलने के कारण नवजात बच्चों की जान भी जा रही है.

इस संबंध में सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कि जो रेडिएंट वार्मर खराब होते हैं, उसे ठीक कराया जाता है. लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं आ रही है. वह खुद इसकी देखरेख के निर्देश दिए हैं.

देखें वीडियो

'रेडिएंट वार्मर के कई आवश्यक उपकरण खराब हैं. जिसके लिए विभाग से कहा गया है. उन्होंने कहा कि यह हमेशा कोशिश की जाती है कि उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से अधिक से अधिक नवजात बच्चों की इलाज हो सके.' :- डॉ. सुधीर कुमार, सिविल सर्जन सासाराम

बता दें कि सासाराम के सदर अस्पताल में नवजात बच्चों के मृत्यु दर को कम करने के लिए 'स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट' का 2015 में गठन किया गया था. इसके लिए विशेष भवन बनाया गया. तमाम तरह के उपस्कर लगाए गए. लेकिन फिलहाल इस एसएनसीयू की हालत काफी दयनीय है. अब तक 3 बार इस एसएनसीयू के भवन में लापरवाही के कारण आग लग चुके हैं. जिससे आम लोगों के नवजात बच्चों को बेहतर केयर नहीं मिल पा रहा है. इस परिस्थिति में सामान्य लोग अपने बच्चों को लेकर काफी परेशान रहते हैं और ऐसी स्थिति में निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ता है. जो बेतहाशा पैसे का दोहन करते हैं.

ये भी पढ़ें : डायबिटीज के मरीजों के लिए मेगा कैम्प, फ्री इलाज से लेकर चिकित्सीय परामर्श की भी व्यवस्था

रोहतास : बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय के सासाराम स्थित सदर अस्पताल (Sasaram Sadar Hospital) से लापरवाही की बड़ी तस्वीर सामने आई है. दरअसल, यहां स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट के ज्यादातर रेडिएंट वार्मर (SNCU Machine In Bad Condition) खराब पड़े हैं. जिस कारण गरीब अभिभावकों के नवजात बच्चों को स्पेशल केयर नहीं मिल पा रहा हैं. पिछले तीन-चार माह से खराब पड़े रहने से रेडिएंट वार्मर में क्षमता से ज्यादा नवजात शिशुओं एक साथ रख कर इलाज जारी है, जिससे नवजात शिशुओं में इंफेक्शन का भी खतरा रहता है.


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दरअसल, सदर अस्पताल में स्थित इस न्यूबोर्न केयर यूनिट में कुल 12 रेडिएंट वार्मर है. जिसमें 4 से 5 वार्मर खराब है. मात्र 7 या 8 रेडिएंट वार्मर पर जिले भर के नवजात बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में एक रेडिएंट वार्मर में दो-दो बच्चों को रखा जा रहा है. इतना ही नहीं सिरिंज पंप के अलावे तमाम तरह के कई उपकरण भी खराब पड़े हैं. मामूली मरम्मत के अभाव में कई आवश्यक मशीनें बर्बाद हो रही है. जिसका लाभ बीमार नवजात को नहीं मिल पा रहा है. इस परिस्थिति में लोग निजी क्लीनिक का सहारा ले रहे हैं. समय पर केयर नहीं मिलने के कारण नवजात बच्चों की जान भी जा रही है.

इस संबंध में सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कि जो रेडिएंट वार्मर खराब होते हैं, उसे ठीक कराया जाता है. लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं आ रही है. वह खुद इसकी देखरेख के निर्देश दिए हैं.

देखें वीडियो

'रेडिएंट वार्मर के कई आवश्यक उपकरण खराब हैं. जिसके लिए विभाग से कहा गया है. उन्होंने कहा कि यह हमेशा कोशिश की जाती है कि उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से अधिक से अधिक नवजात बच्चों की इलाज हो सके.' :- डॉ. सुधीर कुमार, सिविल सर्जन सासाराम

बता दें कि सासाराम के सदर अस्पताल में नवजात बच्चों के मृत्यु दर को कम करने के लिए 'स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट' का 2015 में गठन किया गया था. इसके लिए विशेष भवन बनाया गया. तमाम तरह के उपस्कर लगाए गए. लेकिन फिलहाल इस एसएनसीयू की हालत काफी दयनीय है. अब तक 3 बार इस एसएनसीयू के भवन में लापरवाही के कारण आग लग चुके हैं. जिससे आम लोगों के नवजात बच्चों को बेहतर केयर नहीं मिल पा रहा है. इस परिस्थिति में सामान्य लोग अपने बच्चों को लेकर काफी परेशान रहते हैं और ऐसी स्थिति में निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ता है. जो बेतहाशा पैसे का दोहन करते हैं.

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Last Updated : Nov 19, 2021, 2:32 PM IST
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