रोहतास : बिहार के रोहतास में मंगलवार को जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आज रैगिंग निषेध सेमिनार में बोलते हुए डेहरी अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी ने छात्र छात्राओं को बताया गया कि कॉलेज में आने वाले नए लड़के लड़कियों का स्वागत होना चाहिये न कि रैगिंग होनी चाहिए. नए बच्चे काफी उम्मीद से कॉलेज आते हैं. ऐसे में उनकी मनोदशा कई तरह की होती है.
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'रैगिंग एक दंडनीय अपराध' : सीओ अनामिका कुमार ने ऐसी स्थिति में अगर कॉलेज के सीनियर छात्र अपने नव आगंतुक जूनियर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करेंगे तो इसका उनपर बुरा मानसिक असर पड़ेगा तथा हमेशा के लिए अपने वरिष्ठ के प्रति जूनियर का व्यवहार खराब हो जाएगा. ऐसे में रैगिंग भारतीय संस्कृति को भी सूट नहीं करता है. रैगिंग को हमेशा से अभिशाप के रूप में देखा जाता है साथ ही यह दंडनीय अपराध भी है.
"रैगिंग किसी भी तरह से उचित नहीं है क्योंकि इसके प्रभाव से प्रताड़ित होने वाला कुछ भी करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. रैगिंग से जितनी भी दूरी बनाई रखी जाए छात्रों के लिए उतना ही लाभदायक है. यह वेस्टर्न कल्चर में देखने और सुनने को मिलता रहा है. भारत में इसका कहीं कोई स्थान नहीं है."- अनामिका कुमारी, अंचलाधिकारी, डेहरी रोहतास
रैगिंग से दूरी बनाए रखना ही सही : सेमिनार को संबोधित करते हुए मुफस्सिल थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर शुभम कुमार ने छात्रों को बताया कि इससे होने वाले नुकसान की किसी भी प्रकार से भरपाई नहीं की जा सकती इसलिए रैगिंग को ना कहें. इसके अलावा भी कई वक्ताओं ने रैगिंग के दुष्प्रभाव को लेकर अपना विचार रखा और छात्र-छात्राओं के इससे दूरी बनाए रखने की बात कही.