रोहतास: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) को लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में रोहतास (Rohtas) जिले के डेहरी ऑन सोन में छठ व्रत करने के लिए दूरदराज के लोग खासकर सोन नदी के तट पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए आते हैं. लेकिन इस बार सोन तट के घाटों की स्थिति देखते ही रूह कांप जाती है. आलम यह है कि यहां बालू माफियाओं (Sand Mafia) ने सोन नदी से बालू का अवैध खनन कर जगह-जगह गड्ढे बना दिए हैं. ऐसे में पूजा समिति के लोगों ने डेहरी प्रशासन से मिलकर वैसे घाटों को प्रतिबंधित करने की मांग की है जहां बड़े-बड़े गड्ढे हैं.
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दरअसल, पिछले साल भी कोविड के कारण घाटों पर छठ व्रत नहीं हुए थे. वहीं दूसरी ओर बालू माफिया द्वारा अवैध तरीके से सोन नदी के किनारे से बालू खनन के कारण बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. इन तमाम घाटों की हालत काफी दयनीय हो गयी है.
बता दें कि नगर पूजा समिति ने डेहरी ऑन सोन में सोन नदी के किनारे 27 घाटों का चयन किया है. इन तमाम घाटों की व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन से मांग रखी है. छठ व्रत के लिए अब चंद दिन ही शेष हैं और घाटों की स्थिति काफी दयनीय है. वहीं, जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार इन घाटों की निगरानी का दावा कर रहे हैं.
नगर पूजा समिति के अध्यक्ष अरुण शर्मा की मानें तो डेहरी ऑन सोन में काफी दूरदराज से लोग छठ पूजा करने आते हैं. कुल मिलाकर यहां भारी भीड़ जमा होती है. ऐसे में यहां 27 छठ घाट हैं. उन्होंने प्रशासन से इन सभी घाटों की सुरक्षा, सफाई, मरम्मती तथा लाइट की व्यवस्था करने की मांग की है.
साथ ही नगर परिषद क्षेत्र में रिंग रोड तथा सभी गलियों की साफ-सफाई एवं पानी का छिड़काव कराने की भी मांग की गयी है. उन्होंने बताया कि सभी घाटों पर पीने का पानी, व्रत धारियों को कपड़ा बदलने हेतु जगह-जगह पर पंडाल लगाया जाए. साथ ही जहां पानी गहरा है, वहां बांस बल्ली एवं लाल कपड़े से खतरे का निशान बनाया जाए.
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डेहरी के एसडीएम समीर सौरभ तथा एएसपी डॉ. नवजोत सिमी का कहना है कि छठ को व्यवस्थित तरीके से कराने के लिए प्रशासन कृतसंकल्प है. भारी संख्या में सोन नदी के किनारे लोग छठ व्रत करने आते हैं. ऐसी स्थिति में घाटों की स्थिति सुधारी जा रही है. नगर पूजा समिति ने जिन 27 घाटों की सूची दी है, उसमें से कई घाट खतरनाक हैं. जहां छठ व्रत करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
शेष घाटों की व्यवस्था सुधार दी जाएगी. वहींं, छठ व्रत के दौरान सुरक्षा एवं ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के उपाय किए जा रहे हैं. सोन नदी में एसडीआरएफ की टीम को भी उतारा जाएगा ताकि किसी भी खतरे से निपटा जा सके.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पिछले दो साल से लोग खुले वातावरण में सामूहिक रूप से छठ व्रत नहीं मना रहे हैं. इस बार जब कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण है, ऐसे में ज्यादातर लोग घाट पर जाकर छठ व्रत करने की सोच रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि घाटों की स्थिति सुधरे ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके.
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