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रोहतास: सदर अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस का हाल बेहाल, निर्माण के बाद भी नहीं हुआ शुरू - पोस्टमॉर्टम हाउस

सदर अस्पताल के अंदर करोड़ों रुपयों की लागत से पोस्टमॉर्टम हाउस बनाया गया था ताकि शवों का सही ढंग से पोस्टमॉर्टम किया जा सके. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी ये चालू नहीं हो सका है.

पोस्टमॉर्टम हाउस
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Published : Sep 25, 2019, 12:28 PM IST

रोहतास: जिला मुख्यालय सदर अस्पताल का पोस्टमॉर्टम हाउस का हाल बदहाल है. सदर अस्पताल में करोड़ों रुपये खर्च कर नया पोस्टमॉर्टम भवन बनाया गया था, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण वो आजतक चालू नहीं हो सका है.

Post Mortem House is in poor condition
पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर जलजमाव

कई साल बाद भी चालू नहीं हुआ पोस्टमॉर्टम हाउस
वहीं पुराने पोस्टमॉर्टम हाउस का भी हाल बिल्कुल खस्ता है बारिश होते ही यहां जलजमाव हो जाता है. इस कारण इससे बदबू तक आने लगती है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल के अंदर करोड़ों रुपयों की लागत से पोस्टमॉर्टम हाउस बनाया गया था ताकि शवों का सही ढंग से पोस्टमॉर्टम किया जा सके. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी ये चालू नहीं हो सका है.

पेश है रिपोर्ट

सिविल सर्जन ने विभाग पर फोड़ा ठीकरा
वहीं पूरे पोस्टमॉर्टम हाउस के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है. सिविल सर्जन कार्यालय के बिल्कुल नजदीक ही यह पोस्टमॉर्टम हाउस है. उसके बावजूद वहां की गंदगी पसरी है. इस बावत सिविल सर्जन ने कहा कि इसकी सूचना विभाग को कई बार दे दी गई है. लेकिन, अबतक इसपर कोई ठोस अमल नहीं होने की वजह से ही ये भवन आज बर्बाद होने के कगार पर है.

रोहतास: जिला मुख्यालय सदर अस्पताल का पोस्टमॉर्टम हाउस का हाल बदहाल है. सदर अस्पताल में करोड़ों रुपये खर्च कर नया पोस्टमॉर्टम भवन बनाया गया था, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण वो आजतक चालू नहीं हो सका है.

Post Mortem House is in poor condition
पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर जलजमाव

कई साल बाद भी चालू नहीं हुआ पोस्टमॉर्टम हाउस
वहीं पुराने पोस्टमॉर्टम हाउस का भी हाल बिल्कुल खस्ता है बारिश होते ही यहां जलजमाव हो जाता है. इस कारण इससे बदबू तक आने लगती है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल के अंदर करोड़ों रुपयों की लागत से पोस्टमॉर्टम हाउस बनाया गया था ताकि शवों का सही ढंग से पोस्टमॉर्टम किया जा सके. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी ये चालू नहीं हो सका है.

पेश है रिपोर्ट

सिविल सर्जन ने विभाग पर फोड़ा ठीकरा
वहीं पूरे पोस्टमॉर्टम हाउस के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा है. सिविल सर्जन कार्यालय के बिल्कुल नजदीक ही यह पोस्टमॉर्टम हाउस है. उसके बावजूद वहां की गंदगी पसरी है. इस बावत सिविल सर्जन ने कहा कि इसकी सूचना विभाग को कई बार दे दी गई है. लेकिन, अबतक इसपर कोई ठोस अमल नहीं होने की वजह से ही ये भवन आज बर्बाद होने के कगार पर है.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय सदर अस्पताल का पोस्टमार्टम हाउस बदहाली का रोना रो रहा है। सदर अस्पताल में करोड़ों रुपया खर्च कर नया पोस्टमार्टम का भवन बनाया गया था। लेकिन अफसोस सरकार की उदासीनता के कारण वो आजतक चालू नहीं हो सका।


Body:सरकारी अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव पूरे बिहार में देखा जा सकता है। यह बात हकीकत है कि सरकार स्वास्थ्य के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च करने का दावा करती है। लेकिन यह दावा महज हवा-हवाई ही बनकर रह जाता है। शहर हो या गांव हर जगह पर सरकारी अस्पताल इन दिनों खुद बीमारी की हालत से जूझ रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा सासाराम के सदर अस्पताल में भी आपको देखने को मिलेगा। जहां कई सालों से करोड़ों की लागत से बना पोस्टमार्टम हाउस आज भी उद्घाटन की बांट झोह रहा है। वही पोस्टमार्टम हाउस बनकर तैयार होने के बाद नहीं चालू होना लोगों के लिए एक मायूसी भरा संदेश है। सबसे अहम सवाल ये है कि पुराने पोस्टमार्टम हाउस का भी हाल बिल्कुल। खस्ता है क्यों बारिश होते ही इसमें जलजमाव हो जाता है। नतीजा पुराने पोस्टमार्टम हाउस से बदबू तक आने लगती है। गौरतलब है कि सदर अस्पताल के अंदर करोड़ों रुपयों की लागत से पोस्टमार्टम हाउस बनाया गया था ताकि लाशों का सही ढंग से पोस्टमार्टम किया जा सके। लेकिन अफसोस कई वर्ष बीती जाने के बाद भी ये पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं हो सका। नतीजा पोस्टमार्टम हाउस का बिल्डिंग अब धीरे धीरे वजूद खोते जा रहा है। वहीं भवन की टूटी खिड़कियां इस बात की गवाही दे रही है कि किस तरह सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर चुकी लेकिन अबतक पोस्टमार्टम हाउस चालू नहीं किया जा सका। वहीं पूरे पोस्टमार्टम हाउस की तस्वीर देख कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। वहां गंदी की अम्बर ऐसी की कोई जा नहीं पाए। सबसे गौर फरमाने वाली बात तो ये है कि पूरा पोस्टमार्टम हाउस जी आज भी इस्तेमाल किया जाता है वो सिविल सर्जन कार्यालय के बिल्कुल बगल में ही है। उसके बावजूद वहां की गंदगी ऐसी जिसका अंदाज़ लगाना मुश्किल है। बहरहाल नए पोस्टमार्टम हाउस के बारे में जब सिविल सर्जन से सवाल पूछा गया तो जन्होने कहा कि इसकी सूचना विभाग को कई बार दे दिया गया ही। लेकिन अबतक इसपर कोई ठोस अमल नहीं होने की वजह से ही ये भवन आज बर्बाद होने के कगार पर है।


Conclusion:बहरहाल सरकार की उदासीनता की वजह से है आज करोड़ों की लगात से बना पोस्टमार्टम हाउस बर्बाद होने के दहलीज पर खड़ा है। लिहाजा अधिकारियों को इस बार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि इसका फायदा लोगों को मिल सके।

बाइट। सिविल सर्जन जनार्धन शर्मा
पीटीसी
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