रोहतास: बिहार के रोहतास में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर रेलवे से मान्यता प्राप्त रेल संगठन ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने आज सोमवार 8 जनवरी को सैकड़ों रेलकर्मीयों के साथ पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग को लेकर दो दिवसीय भूख हड़ताल शुरू कर की. कर्मियों ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगें अगर पूरी नहीं हुई तो वे लोग रेल का चक्का जाम करेंगे.
सांसद-विधायक को पुरानी पेंशन का लाभः डेहरी के रेल कैम्पस में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन शाखा अध्यक्ष वीरेंद्र पासवान के नेतृत्व में डेहरी स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में दो दिवसीय हड़ताल शुरू हुई. ईसीआर के शाखा अध्यक्ष वीरेंद्र पासवान ने कहा कि एक दिन के विधायक और एक दिन के सांसद को पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन शुरू हो जाती है. वही हमारे युवा रेलकर्मियों को 60 साल की सेवाकाल के बाद भी पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जाता. उन्होंने केन्द्र सरकार पर व्यंग्य करते हुए कहा कि नये पेंशन स्कीम अगर अच्छी है तो यह सुविधा प्रधानमंत्री, सांसद व विधायक को लेनी चाहिए, जबकि ये लोग पुरानी पेंशन ले रहे हैं.
केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचनाः यूनियन के सचिव एसपी सिंह एवं उपाध्यक्ष विजय बहादुर ने ट्रैक मेनटेनर रेलकर्मी के ओपन टू आल के मुद्दें पर जमकर प्रहार किया. सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए ओपीएस को बहाल करने की मांग की. नयी पेंशन स्कीम दरअसल रेलकर्मियों के मौलिक अधिकार पर कुठराघात है. जिसे तत्काल बंद कर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना पड़ेगा. अगर सरकार ओपीएस बहाल नहीं करती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में इसके घातक परिणाम होंगे.
"समाजसेवा के नाम पर चुनकर आने वाले ये जनप्रतिनिधि एक साथ कई-कई पेंशन लेते हैं. और मेहनतकश युवा रेलकर्मीयों को जबरदस्ती न्यू पेंशन स्कीम का झुनझुना थमाया जा रहा है. रेल कर्मचारी व उनके आश्रितों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. इसलिए सरकार को चाहिए कि तुरंत पुरानी पेंशन योजना लागू करें."- बीरेंद्र पासवान, शाखा अध्यक्ष
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