ETV Bharat / state

रोहतास अस्पताल बन गया है खंडहर, कैम्पस बना जुए का अड्डा

स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार इस अस्पताल को शुरू करवाने के लिए सरकार के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, समस्या से परेशान लोगों ने अब सरकार और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए जन आंदोलन की बात कही है.

अस्पताल, रोहतास
author img

By

Published : Aug 24, 2019, 9:10 AM IST

रोहतास: जिले में डालमिया नगर उद्योग बंद होने के साथ ही यहां चल रहे अस्पतालों में भी ताले लटक गए हैं. जिसके बाद डालमिया नगर इलाके के लोगों को मामूली इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर का फासला तय करना पड़ रहा है. वहीं, अब स्थानीय लोगों ने सरकारी उदासीनता से नाराज होकर जन आंदोलन के लिये मूड बना लिया है.

rohtas
स्थानीय लोग

अस्पताल भूत बंगला बन गया
दरसल आज से 25 साल पहले 1984 में रोहतास उद्योग समूह को बंद करा दिया गया था. लोगों को लगा कि डालमियानगर का उद्योग समूह स्थानीय राजनीति और मजदूर यूनियनों की हड़ताल के कारण बंद हो गया है. लोगों को लगा कि यहां का अस्पताल तो चालू रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज भी 7 एकड़ में फैले इस कैंपस में 200 बेड का अस्पताल बिल्डिंग, डॉक्टर के लिए आवास और अस्पताल में अभी भी बहुत सारे फर्नीचर
हैं. वहीं, अब यह अस्पताल धीरे-धीरे भूत बंगले में तब्दील हो गया है. जिसकी कोई भी देखभाल करने वाला नहीं है.

अस्पताल, रोहतास

जन आंदोलन की बात कही
बतादें कि अस्पताल का परिसर अब जुआं अड्डा और जानवरों का चारागाह बन गया है. कल तक इलाके की लगभग 50 हजार की आबादी इलाज के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर थी. लेकिन अब वह निजी क्लीनिक के भरोसे है. स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार इस अस्पताल को शुरू करवाने के लिए सरकार के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, समस्या से परेशान लोगों ने अब सरकार और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए जन आंदोलन की बात कही है.

rohtas
परिसर बना जुए का अड्डा

रोहतास: जिले में डालमिया नगर उद्योग बंद होने के साथ ही यहां चल रहे अस्पतालों में भी ताले लटक गए हैं. जिसके बाद डालमिया नगर इलाके के लोगों को मामूली इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर का फासला तय करना पड़ रहा है. वहीं, अब स्थानीय लोगों ने सरकारी उदासीनता से नाराज होकर जन आंदोलन के लिये मूड बना लिया है.

rohtas
स्थानीय लोग

अस्पताल भूत बंगला बन गया
दरसल आज से 25 साल पहले 1984 में रोहतास उद्योग समूह को बंद करा दिया गया था. लोगों को लगा कि डालमियानगर का उद्योग समूह स्थानीय राजनीति और मजदूर यूनियनों की हड़ताल के कारण बंद हो गया है. लोगों को लगा कि यहां का अस्पताल तो चालू रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आज भी 7 एकड़ में फैले इस कैंपस में 200 बेड का अस्पताल बिल्डिंग, डॉक्टर के लिए आवास और अस्पताल में अभी भी बहुत सारे फर्नीचर
हैं. वहीं, अब यह अस्पताल धीरे-धीरे भूत बंगले में तब्दील हो गया है. जिसकी कोई भी देखभाल करने वाला नहीं है.

अस्पताल, रोहतास

जन आंदोलन की बात कही
बतादें कि अस्पताल का परिसर अब जुआं अड्डा और जानवरों का चारागाह बन गया है. कल तक इलाके की लगभग 50 हजार की आबादी इलाज के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर थी. लेकिन अब वह निजी क्लीनिक के भरोसे है. स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार इस अस्पताल को शुरू करवाने के लिए सरकार के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, समस्या से परेशान लोगों ने अब सरकार और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए जन आंदोलन की बात कही है.

rohtas
परिसर बना जुए का अड्डा
Intro:desk bihar
report -ravi kumar /sasaram
slug -
bh_roh_01_hasptaal_bna_khandahar_bh10023

रोहतास जिले में डालमियानगर उद्योग बंद होने के साथ हैं यहां चल रहे हस्पताल में भी ताले लटक गए जिसके बाद डालमियानगर इलाके के लोगों को मामूली इलाज के लिए भी कई किलोमीटर दूर का फासला तय करना पड़ता है वहीं अब स्थानीय लोगों ने सरकारी उदासीनता से नाराज होकर जन आंदोलन के लिये मूड बना लिया है


Body:दरसल आज से 25 साल पहले 1984 में रोहतास उद्योग समूह को बंद करा दिया गया था लोगों को लगा कि डालमियानगर का उद्योग समूह स्थानीय राजनीति और मजदूर यूनियनों की हड़ताल के कारण बंद हो गया है पर यहां का हस्पताल तो चालू रहेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं आज भी 7 एकड़ में फैले इस कैंपस में 200 बेड का हस्पताल बिल्डिंग ,डॉक्टर के लिए आवास व अस्पताल में अभी भी बहुत सारे उपस्कर हैं लेकिन यह अब अस्पताल धीरे-धीरे भूत बंगला बन गया है जिसकी कोई देखभाल करने वाला नहीं है

आलम यह है कि अस्पताल का परिसर अब जुआ के अड्डे और जानवरों का चारागाह बन गया है कल तक इलाके के लगभग 50 हजार की आबादी इलाज के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर थी पर अब वह निजी क्लीनिक के भरोसे हैं स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार इस अस्पताल को शुरू करवाने के लिए सरकार के अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई थक हार कर और समस्या से आजिज लोगों ने अब सरकार और जनप्रतिनिधियों को अल्टीमेटम देते हुए जन आंदोलन की बात कही है
बाइट - नंद जी सिंह_स्थानीय
बाइट- बैरिस्टर सिंह - अधिवक्ता


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.