रोहतास: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल पूरी तरह से बंद थे. सोमवार से धार्मिक स्थलों पर लगी पाबंदी खत्म हो गई है. इसके बाद सासाराम शहर में मस्जिदों को नमाजियों के लिए खोल दिया गया. भारी संख्या में नमाजी मस्जिदों में पहुंचकर नमाज अदा कर रहे हैं. हालांकि, कोरोना भय की वजह से लोगों की भीड़ मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थल पर पहले की अपेक्षा कम देखने को मिली. मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का अनुपालन करवाया जा रहा है.
'सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल'
मौके पर मस्जिद के इमाम रशीद उल कादरी ने कहा कि जिला प्रशासन के आदेश के बाद सोमवार से मस्जिदों में नमाज अदा की जा रही है. नमाजियों ने सरकार के फरमान को मानते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज आदा किया. अल्लाह से दुआएं की जा रही है कि कोरोना जैसी भयंकर मारामारी से भारत के लोगों सुरक्षित रह सके.
2 महीने बाद गुलजरा दिखा मस्जिद
लॉकडाउन में रियायत के बाद सरकार के निर्देशानुसार शहर के तमाम धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है. लगभग 2 महीने के बाद से शहर के मंदिर, मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थल गुलजार रहे. सासारम शहर के सबसे मशहूर और मारूफ मदीना मस्जिद में भी सरकारी निर्देशानुसार नमाज अदा की गई. मस्जिद में नमाजी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए.
धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए ये हैं शर्तें
धार्मिक स्थलों में प्रवेश से पहले श्रद्धलुओं को अच्छे से हाथ-पैर धोना होगा. सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. धार्मिक स्थल की किसी चीज को छूने की अनुमति नहीं है. गौरतलब है कि लॉकडाउन के लागू होने के बाद लगभग ढाई महीने के बाद पूरे बिहार के धर्मिक स्थलों को कुछ जरूरी शर्तों के साथ खोलने के निर्देश दिए गए हैं.
गौरतलब है कि अनलॉक 1.0 में सोमवार से केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए कई राज्यों ने अपने यहां धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल, वर्किंग प्लेस, बैंकेट हॉल और पार्क खोलने का ऐलान किया है.