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रोहतास में अनार को मौसम का नहीं मिला साथ, किसानों को सरकार से मदद की आस

अनार की खेती करने वाली सुनैना देवा ने बताया कि बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो गई. लागत मुल्य भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में सरकार से मदद की उम्मीद है.

रोहतास
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Published : Sep 17, 2020, 6:27 PM IST

रोहतासः जिले के किसान पारंपरिक खेती से इतर आधुनिक खेती का रुख कर रहे हैं. लेकिन इस साल मौसम ने उनका साथ नहीं दिया. जिससे किसानों का लागत मुल्य भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसा ही एक उदाहरण सासाराम प्रखंड के सिंगुहि गांव में देखने को मिला. दो साल पहले गांव निवासी सुनैना देवी अनार की खेती की शुरुआत कर सुर्खियों में आई थीं, लेकिन इस बार हुई भारी बारिश के कारण उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है.

बारिश से फसल बर्बाद
कृषि विभाग में कार्यरत सुनैना के बेटे ने उन्हें अनार की खेती के लिए प्रेरित किया था. पहला साल अच्छा मुनाफा भी हुआ, लेकिन इस साल मौसम ने दगा दे दिया और उनकी फसल बर्बाद हो गई. सुनैना ने बताया कि अनार की अच्छी-खासी मांग है, पिछली बार फसल अच्छी हुई थी तो व्यापारियों ने खेत पर आकर अनार की खरीददारी की थी. वहीं इस साल हुई भारी बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाई है. आलम यह है कि लागत मुल्य भी नहीं निकल पा रहा है.

अत्यधिक बारिश ने फसल को पहुंचाया नुकसान
अत्यधिक बारिश ने फसल को पहुंचाया नुकसान

...तो होता 4 से 5 गुना मुनाफा
सुनैना ने बताया कि उन्होंने 20 कट्ठे जमीन पर इसकी शुरुआत की थी, जिसमें करीब 40 हजार रुपए की लागत आई. वे रासायनिक खाद के बजाय ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करती हैं, जिससे फसल को काफी फायदा पहुंचता है. यदी मौसम ने साथ दिया होता तो 4 से 5 गुना मुनाफे की उम्मीद थी.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से मदद की उम्मीद
सुनैना ने कहा कि सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है, यदि सरकारी सहयोग मिले तो खेती को मजबूती मिलेगी. इस साल हुए नुकास ने वह हार नहीं मानी है, आगे भी उनका प्रयास जारी रहेगा.

रोहतासः जिले के किसान पारंपरिक खेती से इतर आधुनिक खेती का रुख कर रहे हैं. लेकिन इस साल मौसम ने उनका साथ नहीं दिया. जिससे किसानों का लागत मुल्य भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसा ही एक उदाहरण सासाराम प्रखंड के सिंगुहि गांव में देखने को मिला. दो साल पहले गांव निवासी सुनैना देवी अनार की खेती की शुरुआत कर सुर्खियों में आई थीं, लेकिन इस बार हुई भारी बारिश के कारण उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है.

बारिश से फसल बर्बाद
कृषि विभाग में कार्यरत सुनैना के बेटे ने उन्हें अनार की खेती के लिए प्रेरित किया था. पहला साल अच्छा मुनाफा भी हुआ, लेकिन इस साल मौसम ने दगा दे दिया और उनकी फसल बर्बाद हो गई. सुनैना ने बताया कि अनार की अच्छी-खासी मांग है, पिछली बार फसल अच्छी हुई थी तो व्यापारियों ने खेत पर आकर अनार की खरीददारी की थी. वहीं इस साल हुई भारी बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाई है. आलम यह है कि लागत मुल्य भी नहीं निकल पा रहा है.

अत्यधिक बारिश ने फसल को पहुंचाया नुकसान
अत्यधिक बारिश ने फसल को पहुंचाया नुकसान

...तो होता 4 से 5 गुना मुनाफा
सुनैना ने बताया कि उन्होंने 20 कट्ठे जमीन पर इसकी शुरुआत की थी, जिसमें करीब 40 हजार रुपए की लागत आई. वे रासायनिक खाद के बजाय ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करती हैं, जिससे फसल को काफी फायदा पहुंचता है. यदी मौसम ने साथ दिया होता तो 4 से 5 गुना मुनाफे की उम्मीद थी.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से मदद की उम्मीद
सुनैना ने कहा कि सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है, यदि सरकारी सहयोग मिले तो खेती को मजबूती मिलेगी. इस साल हुए नुकास ने वह हार नहीं मानी है, आगे भी उनका प्रयास जारी रहेगा.

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