रोहतास: बिहार के रोहतास में छेड़खानी (JDU Leader Accused of Molestation) के आरोपी जेडीयू नेता को महिला थाने से छोड़ दिए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में पहुंची महिलाओं (protest of women in Rohtas) ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डेहरी थाना चौक को घंटो जाम कर दिया. इस दौरान स्थानीय राजद विधायक फतेह बहादुर भी महिलाओं के समर्थन में बीच सड़क पर उतर गए और धरने पर बैठ गए. प्रदर्शन कर रही महिलाएं महिला थाने के एसएचओ को निलंबित करने सहित रोहतास एसपी को बुलाने व जदयू नेता को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ी थी.
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जदयू नेता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन: महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए आसपास की तीन थानों की पुलिस सहित भारी संख्या में पुलिस बल को बुला लिया गया. जिसके बाद पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया. प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना था कि सुशासन की सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. जिस तरह से जदयू नेता मोद नारायण सिंह ने एक महिला के साथ छेड़खानी की. उसके बाद उसे महिला थाने की पुलिस ने गिरफ्तार करने के बजाए थाने से ही छोड़ दिया. जदयू नेता को इस तरह से छोड़ देने के मामले ने कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
"मोद नारायण सिंह सब्जी बेचने वाली एक महिला को जबरदस्ती अपने घर ले गए और उसके साथ बदतमीजी करने लगे. 16 तारीख को महिला थाना पहुंची तो एफआईआर नहीं किया गया. 17 तारीख को मामला दर्ज किया गया. इस मामले में जदयू नेता की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो नहीं तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा."- उर्मिला देवी, अध्यक्ष, बिहार महिला महासंघ
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल: जदयू नेता मोद नारायण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर महिलाओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि पुलिस जदयू नेता को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे नहीं तो वह चुप बैठने वाली नहीं है. आंदोलन को और भी धारदार किया जाएगा. वहीं स्थानीय विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि नीतीश की सरकार में महिलाएं कहीं से भी सुरक्षित नहीं है. जदयू नेता को गिरफ्तार करने के बजाए उसे थाने से छोड़ देना साबित करता है कि पुलिस दबाव में है. वहीं राजद विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि वह पूरे मामले को विधानसभा में उठाएंगे और प्रशासन सहित सरकार की बखिया उधेड़ेंगे.
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"ये एक महिला का नहीं बल्कि राज्य की सभी महिलाओं का मामला है. जितनी घटनाएं हो रही है वो सरकार के द्वारा की जा रही है. प्रशासन दोषियों को बचाने का काम कर रही है. जब मामला 17 मार्च को दर्ज हुआ तो फिर आरोपी को किस नियम कानून के तहत छोड़ा गया है. जनता जानना चाहती है कि एफआईआर होने के बाद आरोपी को क्यों छोड़ा गया."- फतेह बहादुर, राजद, विधायक डेहरी ऑन सोन
महिला थाने की एसएचओ को निलंबित करने की मांग: बता दें कि चिलचिलाती धूप में भी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं घंटों थाने चौक पर जमा रही. वहीं प्रदर्शन के दौरान पुलिस जिप्सी को भी बैरंग लौटने पर मजबूर कर दिया. गौरतलब है कि बीते 17 मार्च को डेहरी इलाके की रहने वाली पीड़ित महिला ने जदयू नेता पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन महिला थाने के एसएचओ ने आवेदन लेकर आरोपी को थाने से ही छोड़ दिया था.
JDU नेता को बीच सड़क पर की गई थी पिटाई: वहीं छेड़खानी की शिकार महिला जब थाने में शिकायत लेकर पहुंची तो आरोपी जेडीयू नेता मोद नारायण सिंह (JDU leader Mod Narayan Singh) अपने दो अन्य साथियों के साथ वहां पहुंचकर महिलाओं को धमकाने लगे. जिस वजह से महिला के साथ थाने आईं अन्य महिलाएं उग्र हो गईं और उनपर लात, मुक्का और घूसों की बरसात (Women Beat Up JDU Leader In Dehri) कर दी. नेता और उसके गुर्गों की पिटाई में आसपास के कुछ पुरुषों ने भी साथ दिया.
पूरा मामला: बताया जाता है कि मोहन बिगहा की रहने वाली एक महिला सब्जी लेकर अपने घर जा रही थी, तभी जेडीयू श्रमिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोद नारायण सिंह ने उसे अपने घर में किसी बहाने से बुला लिया. जैसे ही वह अंदर आई, उसने दरवाजा बंद कर लिया और उसके साथ गलत हरकत शुरू कर दी. पीड़ित महिला किसी तरह घर की छत पर भागकर गई और वहां से शोर मचाना शुरू कर दिया. इसके बाद आसपास के लोग वहां इकट्ठा हो गए. जिस वजह से महिला अपनी अस्मत बचा पाने में सफल रही.
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