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रोहतासः प्रवासियों को नहीं किया गया क्वारंटीन, ग्रामीणों ने स्कूल में बनाया निजी क्वारंटीन कैंप - मेडिकल जांच

प्रवासियों ने बताया कि सरकार की तरफ से मेडिकल जांच तो की गई लेकिन उसके बाद कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने पहल कर स्कूल में प्राइवेट क्वारंटीन सेंटर बनाया.

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Published : Jun 9, 2020, 1:29 PM IST

रोहतासः प्रदेश में प्रवासियों का लौटना जारी है. सरकार ने उन्हें क्वारंटीन करने के लिए कई कैंप बनाए हैं. जिले के करगहर प्रखंड के रूपैठा पंचायत के जलालपुर गांव में वापस लौटे मजदूरों को बार-बार गुहार लगाने के बाद भी क्वारंटीन नहीं किया गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने प्राइवेट क्वारंटीन कैंप में प्रवासियों को रखा.

स्कूल को बनाया क्वारंटीन कैंप
दरअसल जलालपुर गांव में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और लुधियाना से कई मजदूर लौटे थे. जिन्हें न तो सरकार ने क्वारंटीन किया और न ही ग्रामीणों ने गांव में घुसने दिया. जिसके बाद कुछ ग्रामीणों ने मिलकर गांव के ही एक स्कूल में प्राइवेट क्वारंटीन कैंप बना दिया. साथ ही सामाजिक संगठन के चंदे की राशि से खाने पीने के इंतजाम किया.

देखें रिपोर्ट

प्रशासन की अनदेखी
प्रवासियों ने बताया कि सरकार की तरफ से मेडिकल जांच तो की गई लेकिन उसके बाद कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने पहल कर स्कूल में प्राइवेट क्वारंटीन सेंटर बनाया गया. उन्होंने बताया कि यहां उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. साथ ही 14 दिन पूरे होने पर अंग वस्त्र देकर उन्हें घर के लिए विदा किया गया.

रोहतासः प्रदेश में प्रवासियों का लौटना जारी है. सरकार ने उन्हें क्वारंटीन करने के लिए कई कैंप बनाए हैं. जिले के करगहर प्रखंड के रूपैठा पंचायत के जलालपुर गांव में वापस लौटे मजदूरों को बार-बार गुहार लगाने के बाद भी क्वारंटीन नहीं किया गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने प्राइवेट क्वारंटीन कैंप में प्रवासियों को रखा.

स्कूल को बनाया क्वारंटीन कैंप
दरअसल जलालपुर गांव में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और लुधियाना से कई मजदूर लौटे थे. जिन्हें न तो सरकार ने क्वारंटीन किया और न ही ग्रामीणों ने गांव में घुसने दिया. जिसके बाद कुछ ग्रामीणों ने मिलकर गांव के ही एक स्कूल में प्राइवेट क्वारंटीन कैंप बना दिया. साथ ही सामाजिक संगठन के चंदे की राशि से खाने पीने के इंतजाम किया.

देखें रिपोर्ट

प्रशासन की अनदेखी
प्रवासियों ने बताया कि सरकार की तरफ से मेडिकल जांच तो की गई लेकिन उसके बाद कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने पहल कर स्कूल में प्राइवेट क्वारंटीन सेंटर बनाया गया. उन्होंने बताया कि यहां उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. साथ ही 14 दिन पूरे होने पर अंग वस्त्र देकर उन्हें घर के लिए विदा किया गया.

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