रोहतासः 'जल-जीवन-हरियाली' योजना के क्रियान्वयन को लेकर रोहतास जिला प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है. इसी के तहत तालाब, पोखर और नहरों के जमीन को अतिक्रमण कर बनाए गए निजी मकानों को ध्वस्त करने की कवायद जारी है, पर लोगों का आरोप है कि प्रशासन पुर्नवास की कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. इस ठंड में लोग सड़क पर परिवार सहित आ गए हैं. महिलाएं और बच्चियां कहा जाएंगी.
निजी मकानों को किया गया ध्वस्त
दरअसल, जिले के गंगोली में शुक्रवार को विशेष अभियान चलाकर सरकारी जमीन पर बने 18 निजी मकानों को ध्वस्त किया गया. अचानक बढ़ी कड़ाके की ठंढ और रिमझिम बारिश के कारण जिन लोगों का मकान टूट रहा है, उन लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था नहीं
डेहरी के अंचलाधिकारी गुलाम शाहिद ने बताया कि विभाग ने कुल 157 निजी घरों को चिन्हित किया है. जिसको ध्वस्त करने की कार्रवाई चल रही है. अब तक कुल 18 घरों को ध्वस्त कर दिया गया है. यह सब ऐसे मकान हैं जो तालाब, पोखर की जमीनों पर अवैध कब्जा कर बना लिया गया था. जिसे चिन्हित कर तोड़ा जा रहा है और तालाब-पोखर को फिर से पुनर्जागृत की जा रही है. वहीं, मकान टूटने से परेशान ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था नहीं की है.