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रोहतास: शिक्षकों के अभाव में अस्तित्व खोने को विवश है यह सरकारी स्कूल, CM नीतीश ने किया था उद्घाटन

पिछले 4 साल से लगातार उत्क्रमित हाई स्कूल भवन में ताला बंद है. यह असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. स्कूल का भवन भी जर्जर होने लगा है.

primary school rohtas
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Published : Sep 9, 2019, 10:15 PM IST

रोहतास: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन सुशासन बाबू पर सवाल खड़े होते रहते हैं. शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर लगातार गिरने से शिक्षा विभाग सवालों के कटघरे में खड़ा रहता है. इसके बावजूद न सरकार और न ही विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार है.

इसका एक और जीता जागता उदाहरण सासाराम से सामने आया है, जहां खुद मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित स्कूल बदहाली के आंसू बहा रहा है. इस स्कूल में न विद्यार्थी हैं न ही शिक्षक. विद्यालय में सालों से ताला लटका हुआ है.

सालों से बंद पड़ा विद्यालय

सालों से लटका है ताला
गौरतलब है कि सासाराम प्रखंड के दवनपुर गांव में तकरीबन 4 साल पहले सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने उत्क्रमित हाई स्कूल का उद्घाटन किया था, ताकि बच्चों को हाई स्कूल तक की तालीम गांव से ही हासिल हो सके, लेकिन अफसोस 4 साल का अरसा गुजर जाने के बाद भी इस आलीशान बिल्डिंग का ताला तक नहीं खुल सका है.

असामाजिक तत्वों का बना अड्डा
जाहिर है पिछले 4 साल से लगातार स्कूल भवन में ताला बंद है तो यह अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. स्कूल के अंदर ताश के बिखरे पत्ते इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस स्कूल में इनका जमावड़ा लगता है.

primary school rohtas
स्कूल में बिखरे पड़े ताश के पत्ते

पलायन को मजबूर हैं विद्यार्थी
गांव में स्कूल नहीं होने की वजह से यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण बीते 4 सालों में भी इस हाई स्कूल को शुरू नहीं किया जा सका. इसका भवन लाखों रुपयों की लागत से बनाया गया था, जिसका उद्घाटन खुद सुशासन बाबू ने किया था.

primary school rohtas
स्कूल में लटका ताला

क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी?
इसके बावजूद अब तक स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है. वहीं स्कूल का भवन भी जर्जर होने लगा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि रख-रखाव के अभाव में स्कूल का भवन कहीं बर्बाद न हो जाए. वहीं, स्कूल की इस दुर्दशा के लिए जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी की वजह से इस स्कूल में पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है. जैसे ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे सेशन शुरू हो जाएगा.

रोहतास: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन सुशासन बाबू पर सवाल खड़े होते रहते हैं. शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर लगातार गिरने से शिक्षा विभाग सवालों के कटघरे में खड़ा रहता है. इसके बावजूद न सरकार और न ही विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार है.

इसका एक और जीता जागता उदाहरण सासाराम से सामने आया है, जहां खुद मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित स्कूल बदहाली के आंसू बहा रहा है. इस स्कूल में न विद्यार्थी हैं न ही शिक्षक. विद्यालय में सालों से ताला लटका हुआ है.

सालों से बंद पड़ा विद्यालय

सालों से लटका है ताला
गौरतलब है कि सासाराम प्रखंड के दवनपुर गांव में तकरीबन 4 साल पहले सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने उत्क्रमित हाई स्कूल का उद्घाटन किया था, ताकि बच्चों को हाई स्कूल तक की तालीम गांव से ही हासिल हो सके, लेकिन अफसोस 4 साल का अरसा गुजर जाने के बाद भी इस आलीशान बिल्डिंग का ताला तक नहीं खुल सका है.

असामाजिक तत्वों का बना अड्डा
जाहिर है पिछले 4 साल से लगातार स्कूल भवन में ताला बंद है तो यह अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. स्कूल के अंदर ताश के बिखरे पत्ते इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस स्कूल में इनका जमावड़ा लगता है.

primary school rohtas
स्कूल में बिखरे पड़े ताश के पत्ते

पलायन को मजबूर हैं विद्यार्थी
गांव में स्कूल नहीं होने की वजह से यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण बीते 4 सालों में भी इस हाई स्कूल को शुरू नहीं किया जा सका. इसका भवन लाखों रुपयों की लागत से बनाया गया था, जिसका उद्घाटन खुद सुशासन बाबू ने किया था.

primary school rohtas
स्कूल में लटका ताला

क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी?
इसके बावजूद अब तक स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है. वहीं स्कूल का भवन भी जर्जर होने लगा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि रख-रखाव के अभाव में स्कूल का भवन कहीं बर्बाद न हो जाए. वहीं, स्कूल की इस दुर्दशा के लिए जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी की वजह से इस स्कूल में पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है. जैसे ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे सेशन शुरू हो जाएगा.

Intro:रोहतास। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन सुशासन बाबू पर सवालिया निशान लगते हैं। क्योंकि बिहार में शिक्षा का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है।


Body:गौरतलब है कि सासाराम प्रखंड के दवनपुर गांव में तकरीबन 4 साल पहले सुबह के मुखिया नीतीश कुमार ने उत्क्रमित हाई स्कूल का उद्घाटन किया था ताकि बच्चों को हाई स्कूल तक की तालीम गांव से ही हासिल हो सके। लेकिन अफसोस 4 साल का अरसा गुजर जाने के बाद भी इस आलीशान बिल्डिंग का ताला तक नहीं खुल सका है। जाहिर है पिछले 4 साल से लगातार स्कूल भवन में ताला बंद है। स्कूल के अंदर ताश के बिखरे पत्ते इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस स्कूल में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा है। जाहिर है गांव में स्कूल ना होने की वजह से यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। लेकिन प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण बीते 4 सालों में भी इस हाई स्कूल को नहीं चालू किया जा सका। वहीं लाखों रुपए की लागत से इस स्कूल का भवन बनाया गया था। जिसका उद्घाटन खुद सुशासन बाबू ने किया था। उसके बावजूद अब तक स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। वहीं स्कूल का भवन भी जर्जर होने लगा है। रखरखाव के अभाव में स्कूल का भवन कहीं बर्बाद ना हो जाए इसका भी अंदाजा लगाया जा रहा है। वही स्कूल चालू न होने की वजह जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी के वजह से इस स्कूल में पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है। जैसे ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे इस स्कूल में पढ़ाई चालू कर दी जाएगी।


Conclusion:अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर जब शिक्षक ही नहीं थे तो इतने बड़े बिल्डिंग को नमूने के लिए क्यों बनाया गया। स्कूल की बिल्डिंग से असामाजिक तत्व को ठिकाना मिल रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि इस स्कूल को जल्द से जल्द चालू करें ताकि बच्चों को इसका लाभ मिल सके।

बाइट। डीईओ प्रेमचंद सिंह
पीटीसी
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