रोहतास: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन सुशासन बाबू पर सवाल खड़े होते रहते हैं. शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर लगातार गिरने से शिक्षा विभाग सवालों के कटघरे में खड़ा रहता है. इसके बावजूद न सरकार और न ही विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार है.
इसका एक और जीता जागता उदाहरण सासाराम से सामने आया है, जहां खुद मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित स्कूल बदहाली के आंसू बहा रहा है. इस स्कूल में न विद्यार्थी हैं न ही शिक्षक. विद्यालय में सालों से ताला लटका हुआ है.
सालों से लटका है ताला
गौरतलब है कि सासाराम प्रखंड के दवनपुर गांव में तकरीबन 4 साल पहले सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने उत्क्रमित हाई स्कूल का उद्घाटन किया था, ताकि बच्चों को हाई स्कूल तक की तालीम गांव से ही हासिल हो सके, लेकिन अफसोस 4 साल का अरसा गुजर जाने के बाद भी इस आलीशान बिल्डिंग का ताला तक नहीं खुल सका है.
असामाजिक तत्वों का बना अड्डा
जाहिर है पिछले 4 साल से लगातार स्कूल भवन में ताला बंद है तो यह अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. स्कूल के अंदर ताश के बिखरे पत्ते इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस स्कूल में इनका जमावड़ा लगता है.
पलायन को मजबूर हैं विद्यार्थी
गांव में स्कूल नहीं होने की वजह से यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण बीते 4 सालों में भी इस हाई स्कूल को शुरू नहीं किया जा सका. इसका भवन लाखों रुपयों की लागत से बनाया गया था, जिसका उद्घाटन खुद सुशासन बाबू ने किया था.
क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी?
इसके बावजूद अब तक स्कूल में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है. वहीं स्कूल का भवन भी जर्जर होने लगा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि रख-रखाव के अभाव में स्कूल का भवन कहीं बर्बाद न हो जाए. वहीं, स्कूल की इस दुर्दशा के लिए जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी की वजह से इस स्कूल में पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है. जैसे ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे सेशन शुरू हो जाएगा.