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रोहतास: शख्स ने SDPO पर थप्पड़ मारकर भगाने का लगाया आरोप, 4 महीने पहले हुई थी पिता की हत्या

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Published : Oct 26, 2021, 12:52 PM IST

रोहतास जिले में एसडीपीओ पर एक व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है. पीड़ित का आरोप है कि एसडीपीओ ने थप्पड़ मारकर बाहर निकाला है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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रोहतास: बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarter) का स्पष्ट निर्देश है कि पुलिस आम लोगों से मित्रवत व्यवहार करें. इसके साथ ही फरियादी अगर शिकायत लेकर पुलिस अधिकारी के पास न्याय के लिए जाते है, तो उनकी समस्या को गंभीरता से सुनी जाए. लेकिन मुख्यालय के निर्देश को पुलिस अधिकारी कतई मानने को तैयार नहीं है. बिहार के रोहतास जिले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. जहां एसडीपीओ (Accused SDPO Of Misbehaving) पर एक फरियादी को थप्पड़ मारने और बॉडीगार्ड के माध्यम से बाहर धकेल कर भगाने का आरोप लगाया गया है.

इसे भी पढ़ें: रोहतास: ट्रक ड्राइवरों ने वन विभाग की टीम पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप, किया हंगामा

दरअसल, करगहर थाना क्षेत्र के बभनी में चार महीने पहले मात्र 400 रुपये के लिए भोला प्रजापति नामक एक शख्स की हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि हत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है. वहीं, मृतक के पुत्र इंद्र कुमार जब सासाराम के एसडीपीओ विनोद कुमार रावत से मिलने पहुंचे, तो उस दौरान एसडीपीओ के माध्यम से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: जमुई: एएनएम ने डॉक्टर पर मारपीट का लगाया आरोप, CS ने कहा- मामले की होगी जांच

इंद्र कुमार का कहना है कि जब वह अपने पिता के हत्यारों के संबंध में थाने में जानकारी लेने गए, तो वहां एसडीपीओ के यहां जाने के लिए कहा गया. जिसके बाद इंद्र कुमार एसडीपीओ के यहां गए. लेकिन वहां एसडीपीओ द्वारा फिर थाने में जाने की बात कही जा रही है. इंद्र का आरोप है कि जब एसडीपीओ से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कहा, तो उन्होंने थप्पड़ मार दिया. इसके साथ ही बॉडीगार्ड को बोलकर बाहर निकाल दिया.

'सर मेरे पिताजी का चार महीने पहले मर्डर कर दिया गया था. मर्डर के बाद मैं डीएसपी के पास गया था. मैंने बोला कि मेरे पिता के मर्डर केस में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जिसके बाद वे बोले की तुम थाने पर जाओ. जब मैं थाने पर गया, तो थाने में बोला कि डीएसपी के पास जाओ. वहीं, जब मैंने एसडीपीओ से पूछा कि गिरफ्तारी कब होगी, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मार दिया. हत्या के मामले में अब तक दो आदमी आत्मसमर्पण किए है.' -इंद्र कुमार, पीड़ित

वहीं, दूसरी ओर इस मामले को लेकर एसडीपीओ विनोद कुमार रावत का कहना है कि मृतक के पुत्र आए थे. वे बेहद आपत्तिजनक व्यवहार कर रहे थे. जिस कारण उन्होंने उसे अपने बॉडीगार्ड के माध्यम से बाहर करवा दिया. एसडीपीओ ने मारपीट के आरोप से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि अब तो थाने स्तर पर भी मारपीट की मनाही है. ऐसे में डीएसपी लेवल पर तो मारपीट की बात हो ही नहीं सकती है.

'एक व्यक्ति मर्डर केस को लेकर आए हुए थे. वे आते ही बोलने लगे कि सर आप गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रहे हैं. जिसके बाद मैनें पूछा कि भाई साहब पहले आप ये बताइये कि आप कहा से आए हैं और किस केस में अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. मैंने समझाया कि एसडीपीओ गिरफ्तारी नहीं करते हैं. पहले संबंधित थाना प्रभारी को निर्देश दिया जाता है. मैंने बोला कि मैं संबंधित लोगों को निर्देश देता हूं कि गिरफ्तारी की जाए. लेकिन वे अड़ गए. जिसके बाद मेरे बॉडीगार्ड ने बाहर निकाला.' -विनोद कुमार राउत, एसडीपीओ

रोहतास: बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarter) का स्पष्ट निर्देश है कि पुलिस आम लोगों से मित्रवत व्यवहार करें. इसके साथ ही फरियादी अगर शिकायत लेकर पुलिस अधिकारी के पास न्याय के लिए जाते है, तो उनकी समस्या को गंभीरता से सुनी जाए. लेकिन मुख्यालय के निर्देश को पुलिस अधिकारी कतई मानने को तैयार नहीं है. बिहार के रोहतास जिले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. जहां एसडीपीओ (Accused SDPO Of Misbehaving) पर एक फरियादी को थप्पड़ मारने और बॉडीगार्ड के माध्यम से बाहर धकेल कर भगाने का आरोप लगाया गया है.

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दरअसल, करगहर थाना क्षेत्र के बभनी में चार महीने पहले मात्र 400 रुपये के लिए भोला प्रजापति नामक एक शख्स की हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि हत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है. वहीं, मृतक के पुत्र इंद्र कुमार जब सासाराम के एसडीपीओ विनोद कुमार रावत से मिलने पहुंचे, तो उस दौरान एसडीपीओ के माध्यम से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है.

देखें रिपोर्ट.

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इंद्र कुमार का कहना है कि जब वह अपने पिता के हत्यारों के संबंध में थाने में जानकारी लेने गए, तो वहां एसडीपीओ के यहां जाने के लिए कहा गया. जिसके बाद इंद्र कुमार एसडीपीओ के यहां गए. लेकिन वहां एसडीपीओ द्वारा फिर थाने में जाने की बात कही जा रही है. इंद्र का आरोप है कि जब एसडीपीओ से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कहा, तो उन्होंने थप्पड़ मार दिया. इसके साथ ही बॉडीगार्ड को बोलकर बाहर निकाल दिया.

'सर मेरे पिताजी का चार महीने पहले मर्डर कर दिया गया था. मर्डर के बाद मैं डीएसपी के पास गया था. मैंने बोला कि मेरे पिता के मर्डर केस में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जिसके बाद वे बोले की तुम थाने पर जाओ. जब मैं थाने पर गया, तो थाने में बोला कि डीएसपी के पास जाओ. वहीं, जब मैंने एसडीपीओ से पूछा कि गिरफ्तारी कब होगी, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मार दिया. हत्या के मामले में अब तक दो आदमी आत्मसमर्पण किए है.' -इंद्र कुमार, पीड़ित

वहीं, दूसरी ओर इस मामले को लेकर एसडीपीओ विनोद कुमार रावत का कहना है कि मृतक के पुत्र आए थे. वे बेहद आपत्तिजनक व्यवहार कर रहे थे. जिस कारण उन्होंने उसे अपने बॉडीगार्ड के माध्यम से बाहर करवा दिया. एसडीपीओ ने मारपीट के आरोप से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि अब तो थाने स्तर पर भी मारपीट की मनाही है. ऐसे में डीएसपी लेवल पर तो मारपीट की बात हो ही नहीं सकती है.

'एक व्यक्ति मर्डर केस को लेकर आए हुए थे. वे आते ही बोलने लगे कि सर आप गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रहे हैं. जिसके बाद मैनें पूछा कि भाई साहब पहले आप ये बताइये कि आप कहा से आए हैं और किस केस में अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. मैंने समझाया कि एसडीपीओ गिरफ्तारी नहीं करते हैं. पहले संबंधित थाना प्रभारी को निर्देश दिया जाता है. मैंने बोला कि मैं संबंधित लोगों को निर्देश देता हूं कि गिरफ्तारी की जाए. लेकिन वे अड़ गए. जिसके बाद मेरे बॉडीगार्ड ने बाहर निकाला.' -विनोद कुमार राउत, एसडीपीओ

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