रोहतास: मॉनसून की पहली बारिश से जहां लोगों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. वहीं बिहार के रोहतास ( Rohtas ) जिले में एक दिलचस्प मामला सामने आया है. दरअसल, जिला मुख्यालय सासाराम के लोगों के बारिश लिए परेशानी का सबब बन गया है. प्रशासन द्वारा जल निकासी की समस्या ( Water Logging In Sasamram) का स्थायी समाधान नहीं निकलने से मजूबरन लोगों ने अपने मकानों पर बिक्री का पोस्टर तक चिपका दिया है.
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जलजमाव से अजीज होकर मकान बेचने का फैसला
पूरा मामला सासाराम के वार्ड नंबर -6 के कुराइच मोहल्ले का है. यहां के लोग जलजमाव से इतने अजीज हो गए कि परेशान होकर अब अपना-अपना मकान बेचकर मोहल्ले से चले जाना चाहते हैं. पिछले कई सालों से मोहल्ले के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है. आलम यह है कि ज्यादातर घरों में पानी घुसा रहता है. मोहल्ले के लोगों की मानें तो करोड़ों रुपये खर्च कर आशियाने बनाए हैं, लेकिन पिछले चार सालों से जलजमाव की समस्या से परेशान हैं.
'नगर निगम को निर्धारित टैक्स देने के बाद भी उनकी हालत देखने कोई अधिकारी तक नहीं आ रहा है. मजबूरन लोगों को घरों के मकान बिकाऊ है जैसे पोस्टर लगाने पड़ रहे हैं.' :-अभिषेक कुमार, स्थानीय निवासी
जल कैदी बन गये हैं मोहल्ले के लोग
रिटायर्ड सैनिक रंग बहादुर ने कहा कि दीवारों पर मकान बिक्री का है पोस्टर चिपकाया है. यहां के लोग 'जल कैदी' बन कर रह गए हैं. कारण यह है कि पानी का निकासी जिस निजी जमीन में होता था. उस जमीन मालिक ने अपने जमीन में मिट्टी भरकर उसे ऊंचा कर लिया. अब यहां के लोग पानी में फंसे हैं. करोड़ों का मकान औने पौने दाम में बेच कर निकल जाने की सोच रहे हैं.
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'इस बाबत कई बार अधिकारियों को आवेदन देकर निकासी की गुहार लगाई. लेकिन आश्वासन ही मिला. एक तो कोरोना महामारी से लोग परेशान हैं. दूसरे इस जलजमाव के गंदे पानी ने जीना मुहाल कर दिया है. बीमारी का खतरा बढ़ गया है. यही कारण है कि मोहल्ले के 20 से 25 घर ऐसे हैं, जिन्हें बेचकर यहां से लोग जाने की सोच रहे हैं.' :- मनोरमा देवी, स्थानीय महिला