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ड्रिप इरिगेशन से मटर की खेती कर रहे हैं दिव्यांग मुकेश, यूट्यूब से ली थी ट्रेनिंग

पूरे बिहार में रोहतास को धान के कटोरा के नाम से जाना जाता है. लेकिन अब इस मिथक को दिव्यांग मुकेश कुमार ने पूरी तरीके से तोड़ दिया है. दिव्यांग मुकेश कुमार ने पहली बार ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से मटर की उन्नत किस्म की खेती कर खुद की तकदीर बदल डाली.

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Published : Mar 18, 2020, 8:51 AM IST

रोहतासः जिले को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन दिव्यांग किसान मुकेश कुमार ने इस मिथक को पूरी तरीके से तोड़ दिया है. दिव्यांग मुकेश कुमार पहली बार ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती कर अपनी तकदीर को बदल रहे हैं.

ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती
दिव्यांग मुकेश कुमार सासाराम प्रखंड के महादेवा गांव के रहने वाले हैं. मुकेश कुमार ने सोशल मीडिया साइट यूट्यूब के माध्यम से ड्रिप इरिगेशन के खेती की तकनीकी जानकारी ली. जिसके बाद गांव में ही रहकर अपने 2 एकड़ भूमि पर मटर की खेती कर डाली.

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मटर की खेती

2 एकड़ भूमि पर मटर की खेती
मुकेश कुमार बताते हैं कि उनके खेतों में दस दाने वाला मटर की पैदावार हो रही है. इसकी डिमांड बिहार के अलावा कई अन्य राज्यों में भी काफी अधिक है. 50 हजार की लागत से मटर की खेती की जा रही है. जिससे की पचास टन मटर की पैदावार होगी. वहीं, तकनीकी का अन्य किसानों को भी बारीकी से गुण सिखा रहे हैं, ताकि यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर अपना रुख कर सके और अधिक से अधिक खेती में मुनाफा कमा सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

धान और गेहूं की खेती
जाहिर है रोहतास के किसान धान और गेहूं की खेती पर ही अधिक आश्रित होते हैं. जिन्हें मन मुताबिक मुनाफा भी नहीं मिल पाता है. लेकिन कम खर्च में अधिक मुनाफे के लिए मुकेश कुमार ने ड्रिप इरिगेशन का सहारा लेकर अपनी एक अलग पहचान बना ली है. दिव्यांग मुकेश कुमार 60 परसेंट शरीर से दिव्यांग है. लेकिन उनके जज्बे ने उनकी दिव्यांगता को भी पीछे छोड़ दिया. मुकेश कुमार की चर्चा पूरे इलाके में एक अलग किसान के रूप में की जाती है.

रोहतासः जिले को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन दिव्यांग किसान मुकेश कुमार ने इस मिथक को पूरी तरीके से तोड़ दिया है. दिव्यांग मुकेश कुमार पहली बार ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती कर अपनी तकदीर को बदल रहे हैं.

ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती
दिव्यांग मुकेश कुमार सासाराम प्रखंड के महादेवा गांव के रहने वाले हैं. मुकेश कुमार ने सोशल मीडिया साइट यूट्यूब के माध्यम से ड्रिप इरिगेशन के खेती की तकनीकी जानकारी ली. जिसके बाद गांव में ही रहकर अपने 2 एकड़ भूमि पर मटर की खेती कर डाली.

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मटर की खेती

2 एकड़ भूमि पर मटर की खेती
मुकेश कुमार बताते हैं कि उनके खेतों में दस दाने वाला मटर की पैदावार हो रही है. इसकी डिमांड बिहार के अलावा कई अन्य राज्यों में भी काफी अधिक है. 50 हजार की लागत से मटर की खेती की जा रही है. जिससे की पचास टन मटर की पैदावार होगी. वहीं, तकनीकी का अन्य किसानों को भी बारीकी से गुण सिखा रहे हैं, ताकि यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर अपना रुख कर सके और अधिक से अधिक खेती में मुनाफा कमा सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

धान और गेहूं की खेती
जाहिर है रोहतास के किसान धान और गेहूं की खेती पर ही अधिक आश्रित होते हैं. जिन्हें मन मुताबिक मुनाफा भी नहीं मिल पाता है. लेकिन कम खर्च में अधिक मुनाफे के लिए मुकेश कुमार ने ड्रिप इरिगेशन का सहारा लेकर अपनी एक अलग पहचान बना ली है. दिव्यांग मुकेश कुमार 60 परसेंट शरीर से दिव्यांग है. लेकिन उनके जज्बे ने उनकी दिव्यांगता को भी पीछे छोड़ दिया. मुकेश कुमार की चर्चा पूरे इलाके में एक अलग किसान के रूप में की जाती है.

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