रोहतास: जिले के डेहरी क्षेत्र के चौधरी मोहल्ले में एक एक 20 वर्षीय नवविवाहिता की दहेज के लिए दहेज लोभियों नें नवविवाहिता की गला दबाकर हत्या कर दी. इस मामले पर मृतक युवती के पिता का कहना है कि बेटी की शादी के अभी 5 महीने भी पूरे नहीं हुए थे की मेरी बेटी दहेज प्रताड़ना की भेंट चढ़ गई.
वारदात के बाद ससुराल वाले फरार
बताया जाता है कि मृतक नवविवाहिता अरवल जिले के लक्ष्मणपुर बाथे गांव की रहने वाली थी. इस घटना के बाद ससुराल वाले फरार हो गए. मृतक के पिता का कहना है कि 5 महीने पूर्व डेहरी इलाके के चौधरी मोहल्ले के रहने वाले संजय चौधरी के साथ अपनी लाडली बेटी की धूमधाम से शादी की थी. शादी के बाद से ही ससुराल वाले मेरी बेटी को प्रताड़ित करते रहते थे. अक्सर मारपीट भी किया जाता था. वह मायका आना चाहती थी, लेकिन दहेज लोभियों ने उसे मायके जाने पर जान से मारने की धमकी देते थे.
मामले की छानबीन में जुटी पुलिस
मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया. पुलिस ने मृतक युवती के पिता के बयान पर आरोपी पति सहित 4 लोगों पर दहेज प्रताड़ना और हत्या का केस दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गई.
दहेज हत्या में बिहार दूसरे पायदान पर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के क्रांतिकारी कदम के बाद दहेज प्रथा पर करारा प्रहार किया था. मुख्यमंत्री ने बिहार के लोगों से आह्वान किया था कि जिस घर में दहेज लिया या दिया जा रहा है. वहां अपने बेटी को देने से परहेज करें. हलांकी इस मामले में उनका यह प्रयास किसी ठोस कानून में नहीं बदल पाया था.
दहेज हत्या के मामलों में पहला नंबर बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का है. उत्तर प्रदेश में तीन साल में सात हजार अड़तालिस बेटियों को मार दिया गया. इस पायदान में बिहार का नंबर दूसरा है. यहां करीब हर साल 4 हजार बेटियां दहेज की आग में समा जाती है. राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार बिहार में प्रत्येक दिन तीन लड़कियों को दहेज का दानव लील रहा है. वहीं देश में ऐसी वारदातों की संख्या औसत 21-22 के करीब है.