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बैरंग लौटे वोटर्स: मृतकों का नाम वोटर लिस्ट में, जिनका होना चाहिए उनका नदारद

बिहार में सातवें चरण के तहत मतदान चल रहा है. वहीं, काराकाट संसदीय सीट के मतदान संख्या 195 पर कई मतदाता मतदान करने से वंचित रह गए.

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Published : May 19, 2019, 4:26 PM IST

रोहतास: जिला प्रशासन ने वोटिंग के लिए मतदाता जागरूकता अभियान चला रखा था. दावे किए गए थे कि कोई भी वोटर मतदान से वंचित नहीं रहेगा. लेकिन काराकाट के मतदान केंद्र संख्या195 पर कई मतदाता अपने वोटिंग के अधिकार से वंचित दिखे और बैरंग ही घर वापस लौटते दिखे.

दरअसल, डालमियानगर के नारायण टोला स्थित बूथ संख्या 195 पर दर्जनभर लोगों वोट नहीं डाल पाए. कई वोटर्स ने शिकायत की, कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है ही नहीं. जबकि उनके पास एपिक कार्ड (डीडब्ल्यू 85286281) भी है. पिछले विधानसभा चुनाव में और वार्ड पार्षद चुनाव 2017 में भी मतदान किया था. फिर भी बीएलओ की लापरवाही से ऐसे कई मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है या फिर उनका नाम ही नहीं जोड़ा गया है.

जानकारी देते वंचित मतदाता

फॉर्म-8 भरा है
मतदान से वंचित हुए लोगों का कहना है कि बीएलओ को कई बार फॉर्म 8 भर कर देने के बावजूद नाम में सुधार तथा संशोधन नहीं करते. उनके परिवार के मृतक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया गया है. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने चुनाव के पूर्व मतदाता पहचान फॉर्म-G भी उपलब्ध नहीं कराए, जिससे मतदाता वोट देने से वंचित हुए हैं. यह हमारे अधिकार का हनन है. ऐसे में कई वोटर्स को मतदान से वंचित होना, जिला प्रशासन के दावों पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.

रोहतास: जिला प्रशासन ने वोटिंग के लिए मतदाता जागरूकता अभियान चला रखा था. दावे किए गए थे कि कोई भी वोटर मतदान से वंचित नहीं रहेगा. लेकिन काराकाट के मतदान केंद्र संख्या195 पर कई मतदाता अपने वोटिंग के अधिकार से वंचित दिखे और बैरंग ही घर वापस लौटते दिखे.

दरअसल, डालमियानगर के नारायण टोला स्थित बूथ संख्या 195 पर दर्जनभर लोगों वोट नहीं डाल पाए. कई वोटर्स ने शिकायत की, कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है ही नहीं. जबकि उनके पास एपिक कार्ड (डीडब्ल्यू 85286281) भी है. पिछले विधानसभा चुनाव में और वार्ड पार्षद चुनाव 2017 में भी मतदान किया था. फिर भी बीएलओ की लापरवाही से ऐसे कई मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है या फिर उनका नाम ही नहीं जोड़ा गया है.

जानकारी देते वंचित मतदाता

फॉर्म-8 भरा है
मतदान से वंचित हुए लोगों का कहना है कि बीएलओ को कई बार फॉर्म 8 भर कर देने के बावजूद नाम में सुधार तथा संशोधन नहीं करते. उनके परिवार के मृतक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया गया है. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने चुनाव के पूर्व मतदाता पहचान फॉर्म-G भी उपलब्ध नहीं कराए, जिससे मतदाता वोट देने से वंचित हुए हैं. यह हमारे अधिकार का हनन है. ऐसे में कई वोटर्स को मतदान से वंचित होना, जिला प्रशासन के दावों पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.

Intro:डेस्क बिहार
रिपोर्टर - रवि कुमार /सासाराम
स्लग - वोट से वंचित

एक तरफ जिला प्रशासन ने वोटिंग को लेकर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया था वहीं दावे किए गए थे कि कोई भी वोटर्स मतदान से वंचित नहीं रहेगा लेकिन काराकाट के बूथ संख्या 195 पर कई मतदाता अपने वोटिंग के अधिकार से वंचित दिखे वहीं कई लोग बिना मतदान किए घर लौट गए


Body:दरअसल डालमियानगर के नारायण टोला स्थित बूथ संख्या 195 पर दर्जनभर लोगों ने अपना वोट नहीं डाला कई वोटरों ने शिकायत की कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है ही नहीं जबकि उनके पास एपिक कार्ड डीडब्ल्यू 8528 6281 भी है और वह इस क्षेत्र का स्थाई निवासी हैं तथा पिछले विधानसभा चुनाव 2015 तथा वार्ड पार्षद चुनाव 2017 में भी मतदान किया था फिर भी बीएलओ की लापरवाही से ऐसे कई मतदाता को वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया है या फिर उनका नाम ही नहीं जोड़ा गया है

वहीं मतदान से वंचित हुए लोगों का कहना था कि बीएलओ को कई बार फॉर्म 8 भर कर देने के बावजूद नाम में सुधार तथा संशोधन नहीं किया गया नहीं परिवार के मृतक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटाया गया आंगनबाड़ी सेविका द्वारा चुनाव के पूर्व मतदाता पहचान पर जी को भी उपलब्ध नहीं कराई गई जिससे मतदाता वोट देने से वंचित हुए जोकि यह हमारे अधिकार का हनन है ऐसे में कई वोटर्स को मतदान से वंचित होना जिला प्रशासन के दावों पर बड़ा सवाल है




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