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दिव्यांग ममता कुमारी ने किया बिहार का नाम रोशन, नेशनल एथलेटिक गेम्स में जीता गोल्ड मेडल

रोहतास की दिव्यांग ममता कुमारी ने एथलेटिक गेम में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे बिहार का नाम रोशन किया है. उन्होंने रायपुर में आयोजित 16वीं नेशनल पारा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के डिस्क थ्रो गेम में गोल्ड मेडल जीता है.

Mamta Kumari wins gold medal
ममता कुमारी
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Published : Mar 5, 2020, 10:50 AM IST

Updated : Mar 5, 2020, 3:36 PM IST

रोहतास: जिले के शिवसागर प्रखंड के सोनहर गांव के रहने वाली मानसिक रूप से दिव्यांग ममता कुमारी ने एथलेटिक गेम में गोल्ड मेडल जीतकर जिला सहित बिहार का नाम रोशन किया है. ममता कुमारी मानसिक रूप से दिव्यांग है जिसकी वजह से वह बोल नहीं सकती हैं. इशारों में ही वो लोगों से बात करती हैं और लोगों की कही हुई बात समझ पाती हैं. लेकिन ममता कुमारी ने अपने खेल के बदौलत बिहार ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में अपना लोहा मनवाया है.

डिस्क थ्रो गेम में गोल्ड मेडल
दिव्यांग ममता कुमारी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित 16वीं नेशनल पारा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के डिस्क थ्रो गेम में गोल्ड मेडल जीता है. इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली पारा एथलेटिक्स गेम और पारा ओलंपिक गेम में भी ममता पांच बार गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. लेकिन ममता कुमारी आज भी सरकारी सिस्टम से लाचार और बेबस हैं. उन्हें ना तो सरकार की तरफ से कोई सुविधा दी जाती है और ना ही अब तक उन्हें सरकारी मदद मिल पाई है.

Mamta Kumari wins gold medal
गोल्ड मेडल दिखातीं ममता कुमारी

दिव्यांग पति देते हैं प्रशिक्षण
ममता कुमारी के पति खुद दिव्यांग हैं और नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं. लिहाजा ममता कुमारी को खुद प्रशिक्षण देते हैं. उनके पति सत्यम पांडे ने बताया कि सरकार अगर ममता कुमारी को बेहतर प्रशिक्षण दे तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करेगी. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई भी मदद नहीं मिलती है. परिवार का पालन पोषण करना भी अब ममता कुमारी के लिए मुश्किल होता जा रहा है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: पटना: नाला उड़ाही का काम नए नगर आयुक्त के भरोसे, अब तक नहीं हुआ टेंडर का काम

खेल कोटे के तहत मिले सरकारी नौकरी
ममता कुमारी अपने दो बेटे के साथ गांव में ही रहकर अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. ममता कुमारी को अभी भी सरकार से उम्मीद है कि सरकार उन्हें खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी देगी. बहरहाल ममता कुमारी पूरे जिले में लोगों के लिए मिसाल कायम कर दिया है.

रोहतास: जिले के शिवसागर प्रखंड के सोनहर गांव के रहने वाली मानसिक रूप से दिव्यांग ममता कुमारी ने एथलेटिक गेम में गोल्ड मेडल जीतकर जिला सहित बिहार का नाम रोशन किया है. ममता कुमारी मानसिक रूप से दिव्यांग है जिसकी वजह से वह बोल नहीं सकती हैं. इशारों में ही वो लोगों से बात करती हैं और लोगों की कही हुई बात समझ पाती हैं. लेकिन ममता कुमारी ने अपने खेल के बदौलत बिहार ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में अपना लोहा मनवाया है.

डिस्क थ्रो गेम में गोल्ड मेडल
दिव्यांग ममता कुमारी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित 16वीं नेशनल पारा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के डिस्क थ्रो गेम में गोल्ड मेडल जीता है. इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली पारा एथलेटिक्स गेम और पारा ओलंपिक गेम में भी ममता पांच बार गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. लेकिन ममता कुमारी आज भी सरकारी सिस्टम से लाचार और बेबस हैं. उन्हें ना तो सरकार की तरफ से कोई सुविधा दी जाती है और ना ही अब तक उन्हें सरकारी मदद मिल पाई है.

Mamta Kumari wins gold medal
गोल्ड मेडल दिखातीं ममता कुमारी

दिव्यांग पति देते हैं प्रशिक्षण
ममता कुमारी के पति खुद दिव्यांग हैं और नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं. लिहाजा ममता कुमारी को खुद प्रशिक्षण देते हैं. उनके पति सत्यम पांडे ने बताया कि सरकार अगर ममता कुमारी को बेहतर प्रशिक्षण दे तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करेगी. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई भी मदद नहीं मिलती है. परिवार का पालन पोषण करना भी अब ममता कुमारी के लिए मुश्किल होता जा रहा है.

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ममता कुमारी अपने दो बेटे के साथ गांव में ही रहकर अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. ममता कुमारी को अभी भी सरकार से उम्मीद है कि सरकार उन्हें खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी देगी. बहरहाल ममता कुमारी पूरे जिले में लोगों के लिए मिसाल कायम कर दिया है.

Last Updated : Mar 5, 2020, 3:36 PM IST
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