रोहतास: किसानों के धान की खरीद के मुद्दे पर लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार अगर पूरे बिहार में अपने पीडीएस सिस्टम से वितरण करने वाले उतना ही चावल को अगर बिहार के किसानों से खरीद लेती है, तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य है कि बिहार में बंपर पैदावार के बावजूद सरकार पंजाब और हरियाणा से चावल और गेहूं मंगवाते हैं.
'पीडीएस सिस्टम में हो चावल का उपयोग'
लोजपा नेता ने कहा कि बिहार में पीडीएस सिस्टम में 36 हजार मैट्रिक टन चावल की आवश्यकता होती है. जबकि बिहार में 60 से 70 लाख मैट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है. ऐसे में अगर सिर्फ पीडीएस सिस्टम के लिए ही बिहार सरकार अपने चावल का उपयोग कर लेती है, तो किसानों के आधे से अधिक धान की खरीदारी हो जाएगी.
'बिचौलियों और सरकार में इच्छाशक्ति का अभाव के कारण बिहार का धान पंजाब और हरियाणा जाता है और वहां का चावल फिर से बिहार आता है. जिससे सरकार को एक तरफ जहां ट्रांसपोर्टिंग में व्यर्थ का व्यय होता है. वहीं, बिहार के किसानों को भी हानि होती है'- रामेश्वर चौरसिया, लोजपा नेता
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रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि सरकार को एफसीआई के माध्यम से बिहार में ही किसानों से धान की खरीद कर उसे मिलरों को सौंप देना चाहिए. ताकि बिहार में भी उद्योग और रोजगार बढ़े. वहीं, यहां के चावल का उपयोग यहीं के पीडीएस सिस्टम में हो जाए.