ETV Bharat / state

'बंपर पैदावार के बावजूद पंजाब और हरियाणा से क्यों आता है चावल और गेहूं'

किसानों के धान की खरीद के मुद्दे पर लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने बिहार सरकार पर हमला करते हुए सरकार से पूछा कि बिहार में बंपर पैदावार के बावजूद पंजाब और हरियाणा से चावल और गेंहू क्यों आता है.

लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया
लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया
author img

By

Published : Dec 10, 2020, 7:37 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 4:12 PM IST

रोहतास: किसानों के धान की खरीद के मुद्दे पर लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार अगर पूरे बिहार में अपने पीडीएस सिस्टम से वितरण करने वाले उतना ही चावल को अगर बिहार के किसानों से खरीद लेती है, तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य है कि बिहार में बंपर पैदावार के बावजूद सरकार पंजाब और हरियाणा से चावल और गेहूं मंगवाते हैं.

रामेश्वर चौरसिया का बिहार सरकार पर हमला

'पीडीएस सिस्टम में हो चावल का उपयोग'
लोजपा नेता ने कहा कि बिहार में पीडीएस सिस्टम में 36 हजार मैट्रिक टन चावल की आवश्यकता होती है. जबकि बिहार में 60 से 70 लाख मैट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है. ऐसे में अगर सिर्फ पीडीएस सिस्टम के लिए ही बिहार सरकार अपने चावल का उपयोग कर लेती है, तो किसानों के आधे से अधिक धान की खरीदारी हो जाएगी.

'बिचौलियों और सरकार में इच्छाशक्ति का अभाव के कारण बिहार का धान पंजाब और हरियाणा जाता है और वहां का चावल फिर से बिहार आता है. जिससे सरकार को एक तरफ जहां ट्रांसपोर्टिंग में व्यर्थ का व्यय होता है. वहीं, बिहार के किसानों को भी हानि होती है'- रामेश्वर चौरसिया, लोजपा नेता

ये भी पढ़ें- देख लो 'सरकार'! 1888 छोड़ो, 1200 रुपये क्विंटल भी नहीं खरीद रहा कोई धान

रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि सरकार को एफसीआई के माध्यम से बिहार में ही किसानों से धान की खरीद कर उसे मिलरों को सौंप देना चाहिए. ताकि बिहार में भी उद्योग और रोजगार बढ़े. वहीं, यहां के चावल का उपयोग यहीं के पीडीएस सिस्टम में हो जाए.

रोहतास: किसानों के धान की खरीद के मुद्दे पर लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार अगर पूरे बिहार में अपने पीडीएस सिस्टम से वितरण करने वाले उतना ही चावल को अगर बिहार के किसानों से खरीद लेती है, तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। लेकिन दुर्भाग्य है कि बिहार में बंपर पैदावार के बावजूद सरकार पंजाब और हरियाणा से चावल और गेहूं मंगवाते हैं.

रामेश्वर चौरसिया का बिहार सरकार पर हमला

'पीडीएस सिस्टम में हो चावल का उपयोग'
लोजपा नेता ने कहा कि बिहार में पीडीएस सिस्टम में 36 हजार मैट्रिक टन चावल की आवश्यकता होती है. जबकि बिहार में 60 से 70 लाख मैट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है. ऐसे में अगर सिर्फ पीडीएस सिस्टम के लिए ही बिहार सरकार अपने चावल का उपयोग कर लेती है, तो किसानों के आधे से अधिक धान की खरीदारी हो जाएगी.

'बिचौलियों और सरकार में इच्छाशक्ति का अभाव के कारण बिहार का धान पंजाब और हरियाणा जाता है और वहां का चावल फिर से बिहार आता है. जिससे सरकार को एक तरफ जहां ट्रांसपोर्टिंग में व्यर्थ का व्यय होता है. वहीं, बिहार के किसानों को भी हानि होती है'- रामेश्वर चौरसिया, लोजपा नेता

ये भी पढ़ें- देख लो 'सरकार'! 1888 छोड़ो, 1200 रुपये क्विंटल भी नहीं खरीद रहा कोई धान

रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि सरकार को एफसीआई के माध्यम से बिहार में ही किसानों से धान की खरीद कर उसे मिलरों को सौंप देना चाहिए. ताकि बिहार में भी उद्योग और रोजगार बढ़े. वहीं, यहां के चावल का उपयोग यहीं के पीडीएस सिस्टम में हो जाए.

Last Updated : Dec 16, 2020, 4:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.