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एकता की मिसाल : यहां पर वर्षों से हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं दुर्गा पूजा का आयोजन

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Published : Oct 5, 2019, 7:10 AM IST

Updated : Oct 5, 2019, 7:40 AM IST

पूरे पंडाल का निर्माण भी बंगाल से आये मुस्लिम कारीगर ही करते हैं. यह पूजा कमिटी किसी से कोई चंदा भी नहीं लेती है. कमिटी में 551 सदस्य हैं और यही सदस्य पूरे पूजा की व्यवस्था करते हैं.

रोहतास में बना दुर्गा पूजा का पंडाल

रोहतास : जिले की एक पूजा कमिटी सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश कर रही है. इस पूजा पंडाल का निर्माण हिंदू मुस्लिम मिलकर करते हैं. जिले के डेहरी में स्टेशन रोड के युवा किंग कला मंच नामक पूजा कमिटी के सेक्रेटरी वारिस अली हैं. जो पिछले 25 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं.

पूजा कमेटी नहीं लेती चंदा
पूरे पंडाल का निर्माण भी बंगाल से आये मुस्लिम कारीगर ही करते हैं. यह पूजा कमिटी किसी से कोई चंदा भी नहीं लेती है. कमिटी में 551 सदस्य हैं और यही सदस्य पूरे पूजा की व्यवस्था करते हैं. इस कमिटी की शुरूआत 1995 में की गई थी, जो आज तक जारी है. कमिटी के लोग कहते हैं कि उनका पूजा पंडाल हिंदू-मुस्लिम एकता और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है. पूजा की कमान भी हिंदू मुस्लिम मिलकर संभालते हैं.

युवा किंग कला मंच के सदस्य का बयान

क्या कहते हैं कमिटी के सदस्य
पूजा कमिटी के सदस्य का कहना है कि इस तरह के आयोजन का मकसद सिर्फ जिले ही नहीं, बिहार से बाहर के लोगों को भी आपसी भाईचारा का संदेश देना है. पर्व-त्योहार के दौरान प्रशासन के लिये विधि व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रहती है. इसके लिए सुरक्षा के मद्देनजर काफी तैयारी की जाती है, लेकिन डेहरी में पूजा पंडाल को लेकर प्रशासनिक महकमा निश्चिंत रहता है क्योंकि यह पूजा पंडाल आपसी भाईचारा की मिसाल पेश करता है.

Hindu Muslims organize Durga Puja in rohtas
युवा किंग कला मंच के सदस्य

रोहतास : जिले की एक पूजा कमिटी सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश कर रही है. इस पूजा पंडाल का निर्माण हिंदू मुस्लिम मिलकर करते हैं. जिले के डेहरी में स्टेशन रोड के युवा किंग कला मंच नामक पूजा कमिटी के सेक्रेटरी वारिस अली हैं. जो पिछले 25 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं.

पूजा कमेटी नहीं लेती चंदा
पूरे पंडाल का निर्माण भी बंगाल से आये मुस्लिम कारीगर ही करते हैं. यह पूजा कमिटी किसी से कोई चंदा भी नहीं लेती है. कमिटी में 551 सदस्य हैं और यही सदस्य पूरे पूजा की व्यवस्था करते हैं. इस कमिटी की शुरूआत 1995 में की गई थी, जो आज तक जारी है. कमिटी के लोग कहते हैं कि उनका पूजा पंडाल हिंदू-मुस्लिम एकता और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है. पूजा की कमान भी हिंदू मुस्लिम मिलकर संभालते हैं.

युवा किंग कला मंच के सदस्य का बयान

क्या कहते हैं कमिटी के सदस्य
पूजा कमिटी के सदस्य का कहना है कि इस तरह के आयोजन का मकसद सिर्फ जिले ही नहीं, बिहार से बाहर के लोगों को भी आपसी भाईचारा का संदेश देना है. पर्व-त्योहार के दौरान प्रशासन के लिये विधि व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रहती है. इसके लिए सुरक्षा के मद्देनजर काफी तैयारी की जाती है, लेकिन डेहरी में पूजा पंडाल को लेकर प्रशासनिक महकमा निश्चिंत रहता है क्योंकि यह पूजा पंडाल आपसी भाईचारा की मिसाल पेश करता है.

Hindu Muslims organize Durga Puja in rohtas
युवा किंग कला मंच के सदस्य
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गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखनी है तो रोहतास आईये जी हां कौमी एकता की मिसाल देखनी है तो रोहतास आईये बेशक आप चौक जायेंगे यहां के पूजा पंडाल में जहां हिंदू मुस्लिम मिलकर पंडाल का निर्माण करते हैं और एकता तथा भाईचारे का संदेश देते हैं




Body:दरअसल हम बात कर रहे हैं रोहतास जिले में एक पूजा कमेटी की जिसके सेक्रेटरी मुसलमान है वहीं पूरे पंडाल का निर्माण भी बंगाल से आये मुस्लिम कारीगर ही करते हैं जिले के डेहरी में स्टेशन रोड स्थित युवा किंग कला मंच नामक पूजा कमिटी के सेक्रेटरी वारिस अली है जो पिछले 25 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन करते हैं
सबसे बड़ी बात है कि पूजा कमेटी द्वारा किसी से कोई चंदा नहीं ली जाती है कमेटी में 551 सदस्य हैं और यही सदस्य पूरे पूजा की व्यवस्था करते हैं आपसी सौहार्द की मिसाल पेश करते पूजा पंडाल का निर्माण मुस्लिम कारीगरों द्वारा ही किया जाता है बंगाल से मुस्लिम कारीगर पूजा पंडाल का निर्माण करते हैं इस पूजा कमिटी की 1995 में शुरुआत की गई जो आज तक बदस्तूर जारी है पूजा कमेटी के लोग कहते हैं उनका पूजा पंडाल हिंदू मुस्लिम एकता तथा गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है पूजा का कमान भी हिंदू मुस्लिम मिलकर संभालते हैं

पूजा कमेटी के लोग बताते हैं कि इस तरह के आयोजन का मकसद सिर्फ जिले ही नहीं बिहार से बाहर भी लोगों को संदेश देना है कि आपस में भाईचारा से मिलकर सभी धर्मों का आदर करते हुए त्यौहार का आनंद उठाया जाए


Conclusion:पर्व त्यौहार में अक्सर प्रशासन की चिंता बनी रहती है कि विधि व्यवस्था आपसी सौहार्द और भाईचारा बनी रहे इसके लिए कई तामझाम किए जाते हैं लेकिन डेहरी में पूजा पंडाल को लेकर प्रशासनिक महकमा भी निश्चिंत रहता है क्योंकि यह पूजा पंडाल आपसी भाईचारा की मिसाल पेश करती है

बाईट - वारिस अली सचिव
बाईट - सत्येंद्र सिंह -अध्यक्ष
बाईट - बैरिस्टर सिंह
Last Updated : Oct 5, 2019, 7:40 AM IST
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