रोहतास(सासाराम): लॉकडाउन में ससाराम की 14 साल की नंदिनी रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करती है. नंदिनी के इस जज्बे की को देखकर जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने उसके परिवार से मुलाकात की. साथ ही उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाई. इस दौरान पूर्व सांसद ने सरकार और स्थानीय प्रशासन असंवेदनशील होने का आरोप लगाया.
'नंदिनी के पढ़ाई की व्यवस्था'
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में एक नाबालिग बच्ची को अपना पेट पालने के लिए रिक्शा चलाने पर मजबूर होना पड़ रहा है और सरकार के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. उन्होंने शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विभाग को नंदिनी के पढ़ाई की व्यवस्था करानी चाहिए.
'सरकार को करनी चाहिए मदद'
अरुण कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग दावा कर रहा है कि नंदिनी पढ़ाई कर रही है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब वह पढ़ाई कर रही है तो रिक्शा क्यों चला रही है? पूर्व सांसद ने कहा कि बच्ची को डराया धमकाया तक जा रहा है कि वह रिक्शा न चलाए. पूर्व सांसद ने कहा कि सरकार को इस बहादुर बेटी की मदद करनी चाहिए.
बेटी बचाओ बेटी पढाओ
पूर्व सांसद ने कहा कि नंदनी को अब वह रिक्शा नहीं चलाने देंगे. पढ़ा-लिखा कर उसका जीवन सुधारेंगे ताकि लोग उससे प्रेरणा ले पाएं. उन्होंने कहा कि सिर्फ बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा देने से कुछ नहीं होगा.
मदद के लिए आगे बढ़ रहे हाथ
बता दें कि सासाराम में तकिया के झोपड़पट्टी में रहने वाली 14 साल की नंदिनी रिक्शा चलकर अपने परिवार का बोझ उठा रही है. ईटीवी भारत ने नंदिनी की इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद नंदिनी के लिए लगातार मदद के लिए हाथ आगे बढ़ रहे हैं.