सासारामः माकपा की पूर्व सांसद कुमारी सुभाषणी अली सहगल जिला मुख्यालय पहुंचीं. जहां, सासाराम के ओझा टाउन हॉल में अल्पसंख्यक अधिकार मंच बिहार राज्य स्तरीय सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान पूर्व सांसद ने संविधान दिवस को लेकर आरएसएस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आरएसएस विचारधारा के लोग संविधान दिवस मनाने का ढोंग करते हैं.
संविधान दिवस को लेकर पूर्व सांसद कुमारी सुभाषणी अली सहगल ने आरएसएस और केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी की. ईटीवी से भारत से बात करते हुए सहगल ने कहा कि आरआरएस के लोग संविधान के दुश्मन हैं. क्योंकि संविधान लागू होने के समय आरआरएस के लोगों ने मानने से साफ इनकार कर दिया था. पूर्व सांसद ने कहा कि आरएसएस के लोग देश की संविधान की जगह मनुस्मृति को मानते हैं.
'धर्म के नाम पर लोगों को डराया जा रहा'
सुभाषिणी अली सहगल ने कहा कि पिछले दिनों देश में संविधान दिवस को लेकर दिखावा किया गया. जो चिंता करने वाली बात है. पूर्व सांसद के मुताबिक वर्तमान समय में संविधान और संवैधानिक दर्जा पर केंद्र सरकार की तरफ से जबरदस्त हमला किया जा रहा है. माकपा नेत्री ने कहा कि इस समय देश में धर्मनिरपेक्ष और समानता खतरे में है. सहगल ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार धर्म के नाम पर लोगों को डरा धमका रही है.
'सरकार के रवैये से खतरे में संविधान'
वहीं, जेएनयू में फीस बढ़ोतरी मामले पर पूर्व सांसद ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. माकपा नेत्री ने कहा कि जेएनयू के छात्र संवैधानिक तरीके से मांगों को लेकर सड़क पर उतरे थे. लेकिन उन पर लाठियां बरसायी गई. पूर्व सांसद ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के रवैए से संविधान खतरे में है. दूसरी तरफ आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान निर्माण के समय ही गोलवलकर ने मानने से इंकार कर दिया था.
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अल्पसंख्यक के साथ खड़ा होना जरुरी- सुभाषणी
पूर्व सांसद के मुताबिक सता में बैठे आरएसएस के विचारधारा के लोग संविधान दिवस मनाने का ढोंग कर रहे हैं. बहरहाल केंद्र सरकार के रवैए को लेकर और आरएसएस की नीति को लेकर पूर्व सांसद ने जमकर निशाना साधा. वहीं यह भी कहा कि इस समय अल्पसंख्यक बुरे दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में अब अल्पसंख्यक के साथ खड़ा होना जरूरी है.