रोहतास: बिहार के सुशासन बाबू के सरकारी स्कूल की हालत दिन पर दिन खस्ता होती जा रही है. जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय की हालत दयनीय बनी हुई है. जहां कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक ही कक्ष में पढ़ाया जाता हैं. जिससे बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ हैं.
शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति
बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है. कुछ ऐसा ही नजारा रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय में भी देखने को मिला. जिसके पास पढ़ाई के लिए महज एक कमरा है. उसी कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चे एक साथ बैठकर अपने भविष्य की इमारत खड़ा करने के लिए पहुंचते हैं. तालिमी मरकज की शिक्षा लेने वाले बच्चे भी इसी कमरे में आकर पढ़ाई करते है.
प्रिंसिपल की दलील
स्कूल में पढ़ाने वाली प्रिंसिपल ने बताया कि एक ही कमरे में कई सालों से इसी तरह से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग कि ओर से उन्हें नया भवन अब तक मुहैया नहीं कराया गया है. जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्कूल के कमरे में उपले भी पड़े रहते है.
छात्रों की परेशानी
कक्षा पांच में पढ़ने वाले एक बच्चे ने बताया कि एक साथ बेंच पर बैठने में बहुत परेशानी होती है. छात्र ने बताया कि जब कक्ष में कक्षा 5 के बच्चों को पढ़ाया जाता है तो बाकि लोग खाली बैठे रहते है. वहीं स्कूल के कमरे में उपले भी पड़े रहते है. इन सभी बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय की क्या हालत है, और बच्चों के भविष्य से किस प्रकार खेला जा रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी की दलील
इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लिहाजा उन्होंने कहा कि वह प्रखंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए आदेश देंगे. जांच के बाद फौरन कार्रवाई करने की बात कही, और कहा कि अगर सरकारी जमीन होगी तो वहां नए भवन का निर्माण कराया जाएगा.