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रोहतास: एक कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को है मजबूर, विद्यालय के कमरे में पड़े रहते है उपले

रोहतास के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरे में कक्षा 1 से 5 तक बच्चे पढ़ने को है मजबूर. साथ में तालिमी मरकज में पढ़ने वाले बच्चे भी इसी कमरे में बैठकर करते है पढ़ाई. जो बिहार के शिक्षा व्यवस्था के बदहाली को बयां कर रहा है.

एक कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को है मजबूर
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Published : Aug 23, 2019, 5:50 AM IST

Updated : Aug 23, 2019, 6:04 AM IST

रोहतास: बिहार के सुशासन बाबू के सरकारी स्कूल की हालत दिन पर दिन खस्ता होती जा रही है. जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय की हालत दयनीय बनी हुई है. जहां कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक ही कक्ष में पढ़ाया जाता हैं. जिससे बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ हैं.

रोहतास: एक कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को है मजबूर, विद्यालय के कमरे में पड़े रहते है उपले

शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति

बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है. कुछ ऐसा ही नजारा रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय में भी देखने को मिला. जिसके पास पढ़ाई के लिए महज एक कमरा है. उसी कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चे एक साथ बैठकर अपने भविष्य की इमारत खड़ा करने के लिए पहुंचते हैं. तालिमी मरकज की शिक्षा लेने वाले बच्चे भी इसी कमरे में आकर पढ़ाई करते है.

study in a room
ईटीवी से बात करती विघालय की प्रिंसिपल

प्रिंसिपल की दलील

स्कूल में पढ़ाने वाली प्रिंसिपल ने बताया कि एक ही कमरे में कई सालों से इसी तरह से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग कि ओर से उन्हें नया भवन अब तक मुहैया नहीं कराया गया है. जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्कूल के कमरे में उपले भी पड़े रहते है.

छात्रों की परेशानी

कक्षा पांच में पढ़ने वाले एक बच्चे ने बताया कि एक साथ बेंच पर बैठने में बहुत परेशानी होती है. छात्र ने बताया कि जब कक्ष में कक्षा 5 के बच्चों को पढ़ाया जाता है तो बाकि लोग खाली बैठे रहते है. वहीं स्कूल के कमरे में उपले भी पड़े रहते है. इन सभी बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय की क्या हालत है, और बच्चों के भविष्य से किस प्रकार खेला जा रहा है.

study in a room
स्कूल के कमरे में उपले

जिला शिक्षा अधिकारी की दलील

इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लिहाजा उन्होंने कहा कि वह प्रखंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए आदेश देंगे. जांच के बाद फौरन कार्रवाई करने की बात कही, और कहा कि अगर सरकारी जमीन होगी तो वहां नए भवन का निर्माण कराया जाएगा.

रोहतास: बिहार के सुशासन बाबू के सरकारी स्कूल की हालत दिन पर दिन खस्ता होती जा रही है. जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय की हालत दयनीय बनी हुई है. जहां कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक ही कक्ष में पढ़ाया जाता हैं. जिससे बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ हैं.

रोहतास: एक कमरे में पांच कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को है मजबूर, विद्यालय के कमरे में पड़े रहते है उपले

शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति

बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है. कुछ ऐसा ही नजारा रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय में भी देखने को मिला. जिसके पास पढ़ाई के लिए महज एक कमरा है. उसी कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5 तक के बच्चे एक साथ बैठकर अपने भविष्य की इमारत खड़ा करने के लिए पहुंचते हैं. तालिमी मरकज की शिक्षा लेने वाले बच्चे भी इसी कमरे में आकर पढ़ाई करते है.

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ईटीवी से बात करती विघालय की प्रिंसिपल

प्रिंसिपल की दलील

स्कूल में पढ़ाने वाली प्रिंसिपल ने बताया कि एक ही कमरे में कई सालों से इसी तरह से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग कि ओर से उन्हें नया भवन अब तक मुहैया नहीं कराया गया है. जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्कूल के कमरे में उपले भी पड़े रहते है.

छात्रों की परेशानी

कक्षा पांच में पढ़ने वाले एक बच्चे ने बताया कि एक साथ बेंच पर बैठने में बहुत परेशानी होती है. छात्र ने बताया कि जब कक्ष में कक्षा 5 के बच्चों को पढ़ाया जाता है तो बाकि लोग खाली बैठे रहते है. वहीं स्कूल के कमरे में उपले भी पड़े रहते है. इन सभी बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय की क्या हालत है, और बच्चों के भविष्य से किस प्रकार खेला जा रहा है.

study in a room
स्कूल के कमरे में उपले

जिला शिक्षा अधिकारी की दलील

इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लिहाजा उन्होंने कहा कि वह प्रखंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए आदेश देंगे. जांच के बाद फौरन कार्रवाई करने की बात कही, और कहा कि अगर सरकारी जमीन होगी तो वहां नए भवन का निर्माण कराया जाएगा.

Intro:रोहतास। किलोमीटर दूर करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय खस्ता हाल है। जिससे बच्चों की भविष्य दांव पर लगी हुई है।


Body:गौरतलब है कि सुशासन बाबू के सरकारी स्कूल की हालत दिन पर दिन जर्जर होती जा रही है। क्योंकि सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है। कुछ ऐसा ही नजारा रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के पिपरा खुर्द उर्दू प्राथमिक विद्यालय में भी देखने को मिला। जिसके पास पढ़ाई के लिए महज एक कमरा है। उसी कमरे में क्लास 1 से लेकर 5 तक के बच्चे एक साथ बैठकर अपने भविष्य की इमारत खड़ा करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अफसोस बड़े बड़े कमरों में बैठने वाले अधिकारियों को इसकी परवाह तक नहीं है। क्योंकि उनके बच्चे इस सरकारी स्कूल में नहीं पड़ते हैं। सुशासन बाबू के सरकारी स्कूल का यही हाल है। यहां शिक्षा के नाम पर खानापूर्ति होती है। बिहार में शिक्षा के नाम पर सबसे अधिक बजट पेश किया जाता है। उसके बावजूद एक कमरे में 1 से लेकर 5 तक के बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ज़ाहिर है एक साथ बैठे क्लास में बच्चे को टीचर कैसे पढ़ा पाएगी। इतना ही इस स्कूल में तालिमी मरकज में पढ़ने वाले बच्चे भी इसी स्कूल के कमरे में आकर बैठते हैं। लिहाजा एक ही कमरा बच्चों से खचाखच भर जाता है। वही क्लास पांच में पढ़ने वाले एक बच्चे ने बताया कि एक साथ बेंच पर बैठने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी सवालिया निशान लग रहा है। स्कूल में पढ़ाने वाली प्रिंसिपल ने बताया कि एक ही कमरे में कई सालों से इसी तरह से स्कूल चल रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग ने उन्हें नया भवन अब तक मुहैया नहीं कराया है। जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:बहरहाल इस बारे में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लिहाजा वह प्रखंड शिक्षा शिक्षा पदाधिकारी को जांच के लिए आदेश देंगे। जांच के बाद फौरन कार्रवाई की जाएगी और अगर सरकारी जमीन होगी तो वहां नए भवन का निर्माण कराया जाएगा। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इसे कब तक अमलीजामा पहना ता है।

बाइट। डीईओ
बाइट। प्रिंसिपल
बाइट। छात्र
Last Updated : Aug 23, 2019, 6:04 AM IST
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