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रोहतास में फर्जीवाड़ा: फर्जी हस्ताक्षर कर नियोजित हुए 6 गुरुजी पर FIR, मचा हड़कंप

बिहार के रोहतास जिले में फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में शिक्षकों के योगदान का मामला प्रकाश में आया है. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 29, 2021, 12:02 PM IST

रोहतास: बिहार के रोहतास ( Rohtas ) जिले में फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में शिक्षकों ( Bihar Teacher Niyojan ) के योगदान का मामला प्रकाश में आया है. उप विकास आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से जिले के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर कई शिक्षकों ने ज्वाइन कर लिया. जब यह बात सामने आयी तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया.

दरअसल, सासाराम के जिला परिषद कार्यालय से जारी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में योगदान करने का फर्जी पत्र जारी हुआ था. जिसमें उप विकास आयुक्त का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कई शातिर लोग विभिन्न विद्यालयों में योगदान करके अपना अटेंडेंस ही बनाना शुरू कर दिए.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- शिक्षक नियोजन की जांच में खुलासा, फर्जी सर्टिफिकेट पर नालंदा के 26 अभ्यर्थी चयनित

सबसे हैरत की बात है यह कि इस मामले में बिना किसी सूचना के संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने भी अपने विद्यालय में फर्जी शिक्षकों का योगदान करा लिया था, हालांकि इन प्रधानाध्यापकों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश जिला परिषद द्वारा दिया गया है.

गौरतलब है कि जिन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं उनमें उत्क्रमित उच्च विद्यालय खनेठी, करगहर में अंग्रेजी विषय में अभ्यर्थी राकेश कुमार रोशन, उत्क्रमित उच्च विद्यालय सरैया तिलौथू में हिंदी विषय में अभ्यर्थी उपेंद्र कुमार, इसी विद्यालय में सामाजिक विषय के शिक्षत सुषमा कुमारी और तिलौथू प्रखंड के ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय चंदनपुरा में हिंदी विषय में अभ्यर्थी राकेश कुमार दुबे पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. इन सभी पर फर्जीवाड़ा और गलत सूचना के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

से भी पढ़ें- प्राथमिक शिक्षक नियोजन काउंसलिंग: छठे चरण के दूसरे राउंड के बाद भी 48 हजार पद खाली

वहीं, पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए उप विकास आयुक्त ने विभाग के डीपीओ को मुकदमा करने के निर्देश दिए हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि फिलहाल 6 शातिरों पर एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं,

वहीं, सूत्र बताते हैं कि 20 से अधिक ऐसे लोग हैं, जो फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में योगदान कर लिए हैं. अब सवाल उठता है कि किस परिस्थिति में स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने बिना पत्र की जांच किए हुए फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर शिक्षकों का जॉइनिंग करवा लिया.

रोहतास: बिहार के रोहतास ( Rohtas ) जिले में फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में शिक्षकों ( Bihar Teacher Niyojan ) के योगदान का मामला प्रकाश में आया है. उप विकास आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से जिले के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर कई शिक्षकों ने ज्वाइन कर लिया. जब यह बात सामने आयी तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया.

दरअसल, सासाराम के जिला परिषद कार्यालय से जारी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में योगदान करने का फर्जी पत्र जारी हुआ था. जिसमें उप विकास आयुक्त का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कई शातिर लोग विभिन्न विद्यालयों में योगदान करके अपना अटेंडेंस ही बनाना शुरू कर दिए.

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सबसे हैरत की बात है यह कि इस मामले में बिना किसी सूचना के संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने भी अपने विद्यालय में फर्जी शिक्षकों का योगदान करा लिया था, हालांकि इन प्रधानाध्यापकों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश जिला परिषद द्वारा दिया गया है.

गौरतलब है कि जिन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं उनमें उत्क्रमित उच्च विद्यालय खनेठी, करगहर में अंग्रेजी विषय में अभ्यर्थी राकेश कुमार रोशन, उत्क्रमित उच्च विद्यालय सरैया तिलौथू में हिंदी विषय में अभ्यर्थी उपेंद्र कुमार, इसी विद्यालय में सामाजिक विषय के शिक्षत सुषमा कुमारी और तिलौथू प्रखंड के ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय चंदनपुरा में हिंदी विषय में अभ्यर्थी राकेश कुमार दुबे पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. इन सभी पर फर्जीवाड़ा और गलत सूचना के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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वहीं, पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए उप विकास आयुक्त ने विभाग के डीपीओ को मुकदमा करने के निर्देश दिए हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि फिलहाल 6 शातिरों पर एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं,

वहीं, सूत्र बताते हैं कि 20 से अधिक ऐसे लोग हैं, जो फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से विद्यालयों में योगदान कर लिए हैं. अब सवाल उठता है कि किस परिस्थिति में स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने बिना पत्र की जांच किए हुए फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर शिक्षकों का जॉइनिंग करवा लिया.

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