काराकाट: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से काराकाट बेहद महत्वपूर्ण सीट है. पहले यह बिक्रमगंज संसदीय क्षेत्र में था लेकिन 2008 में इसे अलग सीट का दर्जा मिला. काराकाट रोहतास जिले में है जो कभी उर्दू का बड़ा केंद्र हुआ करता था.
काराकाट में कितने विधानसभा क्षेत्र
काराकाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें रोहतास के 3 और औरंगाबाद के 3 विधानसभा शामिल हैं. रोहतास के 3 जिलों में नोखा, डेहरी और काराकाट विधानसभा क्षेत्र शामिल है. जबकि औरंगाबाद जिले से गोह, नवीनगर और ओबरा विधानसभा क्षेत्र शामिल है.
काराकाट संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या
काराकाट संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 17 लाख 59 हजार 358 हैं. जिसमें पुरुष वोटर 9 लाख 27 हजार 862 और 8 लाख 31 हजार 432 महिला मतदाता हैं. जबकि थर्ड जेंडर के वोटरों की संख्या 64 हैं.
काराकाट का सामाजिक राजनीतिक समीकरण
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी यादव जाति का है. आंकड़े के मुताबिक कुल जनसंख्या में यादव 17.39%, राजपूत 10.6%, कोइरी 8.12% जबकि मुसलमान 8.4% और ब्राह्मण 4.8% के अलावे भूमिहार 2.94% हैं.
उपेंद्र कुशवाहा पिछली बार इतने वोटों से जीते
चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी के कांति सिंह को हराया था. कुशवाहा को 3 लाख 38 हजार 892 मत मिले थे. जबकि उपविजेता कांति सिंह को 2 लाख 33 हजार 651 वोट मिले. उपेंद्र कुशवाहा की संसद में हाजिरी 82% रही है. उन्होंने सदन की 40 बहसों में हिस्सा लिया.
कौन है उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के संस्थापक हैं. पहले यह पार्टी एनडीए की सहयोगी थी. लेकिन पिछले कुछ महीने पहले सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पार्टियों में बात बिगड़ गई और कुशवाहा एनडीए छोड़कर विपक्षी घटक दल के महागठबंधन में शामिल हो गए. कुशवाहा की संसदीय गतिविधि.
कौन-कौन हैं आमने सामने
इस बार काराकाट संसदीय क्षेत्र से 27 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जिसमें कई बड़े चेहरे भी शामिल हैं. महागठबंधन की तरफ से वर्तमान सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में है. तो वहीं एनडीए की तरफ से महाबली सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. इधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम तिवारी भी काराकाट से चुनावी अखाड़े में दांव आजमां रहे हैं.