सुपौल: भारत नेपाल सीमा से सटे भीम नगर और बसंतपुर पंचायत इलाके में एक बार फिर नेपाली जंगली हाथी ने कई एकड़ में लगे मक्के, पके गेंहू और केले की फसल को नुकसान पहुंचाया है. रात हो या दिन, यह जंगली हाथी नेपाल की सीमा से भारत के इन इलाकों में प्रवेश कर जाते हैं और उत्पात मचाने के बाद फिर अपने इलाके में लौट जाते हैं.
आग जलाने पर जंगल की ओर गए हाथी
जंगली हाथियों ने भीम नगर और बसंतपुर की सीमा में प्रवेश कर किसानों के खेत में लगे फसल को बर्बाद कर दिया. इस दौरान लोगों के हल्ला मचाने और आग जलाने के बाद हाथी नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए. सीमावर्ती इलाके में पिछले एक दशक से हाथियों का उत्पात जारी है.
विगत दो दिनों से हाथियों का उत्पात फिर से शुरू हो गया है. हाथी के उत्पात को रोकने के लिए नेपाल के अधिकारी और भारत के अधिकारियों के बीच इस विषय को लेकर वार्ता भी हुई है. लेकिन आज तक कोई हल नहीं निकल सका है.
किसानों को नहीं मिला मुआवजा
स्थानीय लोग बताते हैं कि जान बूझकर नेपाली सैनिक हाथियों को इलाके में प्रवेश करने देते हैं. ताकि फसलों को नुकसान पहुंचा सके. दरअसल इंडो नेपाल बॉर्डर पर बने नो माइंस लेंड एरिया में आज तक बैरिकेडिंग नहीं की जा सकी है. जिसका नतीजा है कि शराब की तस्करी, अपराधियों का नेपाल में शरण और नेपाली हाथियों का उत्पात इस इलाके में जारी है.
हाथियों का भारतीय सीमा में प्रवेश रोकने के लिए पिछले वर्ष वन विभाग ने सोलर पावर एनिमल रेपेलेंट सिस्टम मशीन की खरीद की थी. लेकिन इन सिस्टम को अब तक जंगली हिस्से में नहीं लगाया गया है. वहीं पिछले वर्ष हाथियों के उत्पात से बर्बाद फसल का मुआवजा भी किसानों को नहीं दिया गया है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.