भोजपुर: बिहार के आरा संसदीय सीट से चुनाव हारने का मलाल अभी तक बीजेपी के पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सह पूर्व सांसद आरके सिंह के दिल में कांटों की तरह चुभ रहा है. उनके मन में सबसे ज्यादा इस बात को लेकर चोट पहुंची है कि इस हार की वजह कोई दूसरा नहीं बल्कि अपने ही लोगों का षड्यंत्र है. ये आरोप किसी और ने नहीं बल्कि खुद आरके सिंह ने लगाया है.
RK सिंह ने बताया आरा चुनाव हारने की सच्चाई: आरा के पूर्व सांसद सह बीजेपी के कद्दावर नेता आरके सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो-जो लोग मेरे हार के षड्यंत्र में शामिल थे, अगर उन लोगों को पार्टी टिकट देती भी है तो हम उनके खिलाफ सामने आकर उन्हें हराएंगे. जबकि आरके सिंह ने पहली बार भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह का नाम लेकर उनके काराकाट सीट से चुनाव लड़ने पर भी बड़ी प्रतिक्रिया दी है.
"पवन सिंह चुनाव में खड़े हुए तो यह उनकी गलती नहीं थी बल्कि बीजेपी की गलती थी. भाजपा ने उनको कहा था कि हम टिकट देंगे और फिर आसनसोल से टिकट दे दिया. इसके बाद वहां पर हल्ला हुआ तो फिर पार्टी ने कहा कि नहीं विड्रोल कर दीजिए और आप कहीं और से टिकट ले लीजिए. बाद में कहीं से टिकट नहीं दिया गया.'- आरके सिंह, पूर्व सांसद, आरा
'पवन सिंह को दिए गए थे पैसे': आरके सिंह ने कहा कि जब पवन सिंह को टिकट नहीं दिया गया तब वह अपने आप खड़े हो गए. वो वैसे खड़े नहीं हुए थे. ये आप लोग भी जानते हैं कि हम दो टूक बोलते हैं. पवन सिंह को हमारे पार्टी के लोगों के द्वारा पैसा देकर खड़ा कराया गया. हमारे ही पार्टी के लोगों के द्वारा पैसा देकर और पीठ ठोंककर हमारे खिलाफ पवन सिंह को खड़ा कराया गया था.
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RK सिंह ने बताया साजिश रचने का कारण: उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में हमारे साथ पार्टी के अंदर के लोग ही दगाबाजी और गद्दारी किए हैं, जिसका हमें पता भी चल गया है. वो लोग इसलिए किए क्योंकि बीच-बीच में ऐसी हवा बह रही थी कि हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो आरके सिंह जैसा हो. इस बात से डरकर जो-जो लोग मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, उनकी नजर में हम चढ़ गए और उन लोगों ने षड्यंत्र रचते हुए यहां के कुछ लोगों को इशारा कर दिया.
तब पूर्व सांसद ने शीर्ष नेताओं से की थी अपील: आरके सिंह ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि षड्यंत्र की रूपरेखा तैयार करने के बाद यहां के लोगों का उद्देश्य पोलिंग स्लो करवाना और किसी तरह हमको जीतने से रोकना था. उन्हें किसी भी हालत में ये षड्यंत्र को कायम रखना था, जिसमें राज्य के एक-दो नेता हैं. हमनें पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी यह बात बोला था,कि आप एक बार कह देंगे तो वो बैठ जाएगा,लेकिन किसी ने नहीं कहा कि पवन सिंह बैठ जाइये.
'अपनी पार्टी चाहते थे बनाना': उन्होंने कहा कि पवन सिंह के चुनाव लड़ने के कारण कुशवाहा,राजपूत और ब्राह्मण का वो कट गया. इसकी वजह से जनता ने आरजेडी और माले को वोट किया. इधर लोगों को संबोधित करते हुए आरके सिंह ने बीजेपी पार्टी में आने से पहले का अपना मकसद जाहिर करते हुए बताया कि वो बीजेपी ज्वाइन करने से पहले अपनी पार्टी बनाना चाहते थे. मेरी पार्टी भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ होती.
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आरा से आरके सिंह की हार: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह आरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए. उन्होंने इस सीट से दो बार 2014 और 2019 में भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी. पवन सिंह शुरू से ही आरा को अपना घर बताकर चुनाव लड़ना चाहते थे और चुनाव प्रचार कर रहे थे. बाद में उन्होंने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार गए. उपेंद्र कुशवाहा को भी हार का मुंह देखना पड़ा. आरके सिंह ने शीर्ष नेतृत्व से उन्हें पार्टी से हटाने की मांग की. पार्टी से पवन को हटाना भी आरके सिंह के खिलाफ रहा और लोगों में कहीं ना कहीं नाराजगी थी, जिसका असर काराकाट और आरा के चुनाव परिणाम पर दिखा.
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