रोहतास: जिले में बिना परिजनों की सहमति से प्रसव पीड़िता का जबरन ऑपरेशन करने का मामले सामने आया है. घटना डेहरी इलाके की है. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एक निजी क्लीनिक के संचालक को अरेस्ट कर लिया है.
चंदा नर्सिंग होम में भर्ती
बताया जाता है कि औरंगाबाद के रहने वाले संजीत कुमार की 22 वर्षीय पत्नी अमृता कुमारी गर्भवती थी. अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए डेहरी के जीटी रोड बस स्टैंड के पास डॉ. चंदा नर्सिंग होम में लेकर आए थे. नर्सिंग होम के चिकित्सकों ने उनसे पांच हजार जमा कराकर पत्नी के चेकअप करने की बात की. फिर उनकी पत्नी को कमरे के अंदर ले गए.
चिकित्सकों ने किया ऑपरेशन
कुछ देर बाद डॉ. मनोज और उनकी पत्नी डॉ. वंदना कुमारी ने बाहर निकलकर बताया कि उनकी पत्नी को बच्चा हुआ है. उन्होंने समझा कि उनकी पत्नी की नार्मल डिलीवरी हुई है. वहीं चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर डिलीवरी होने की बताई. जबकि ऑपरेशन कराने के समय ना तो उनकी सहमति ली गई और ना ही मौखिक रूप से जानकारी दी गई.
फर्जी डिग्री होने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि पैसे की लालच में चिकित्सक दंपति ने ऑपरेशन किया. जिसके बाद बीस हजार जमा करने का दबाव देने लगे. पैसे की लालच में जबरन ऑपरेशन किए जाने से नाराज प्रसव पीड़िता के पति ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. डीएम और सिविल सर्जन को भी इसकी सूचना दी गई. परिजनों ने क्लीनिक के संचालक पर फर्जी डिग्री होने का भी आरोप लगाया है.
क्लीनिक का संचालक गिरफ्तार
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी क्लीनिक के संचालक डॉ. मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. सिविल सर्जन डॉक्टर सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि डेहरी थाने की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है. मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. बता दें विगत साल पहले भी डेहरी इलाके में अवैध क्लीनिक का संचालन करने वालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई कर दो निजी क्लीनिक को सील किया था. वहीं निजी क्लीनिक के संचालक की गिरफ्तारी से हड़कंप मचा हुआ है.