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रोहतास: टमाटर की खेती में नुकसान के कारण किसानों में निराशा, कोल्ड स्टोरेज बनवाने की मांग - टमाटर की खेती में किसानों को नुकसान

रोहतास जिले के राजपुर प्रखंड क्षेत्र में टमाटर की खेती भारी मात्रा में होती है. इस साल भी खेती हुई है, लेकिन कोरोना के चलते टमाटर की खेती से किसानों को आमदनी नहीं हो पा रही है. जिसके चलते किसानों में काफी निराशा है. किसानों ने सरकार से क्षेत्र में टमाटर के भण्डारण के लिए कोल्ड स्टोरेज बनवाने की मांग की है.

टमाटर की खेती
टमाटर की खेती
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Published : May 8, 2021, 3:27 PM IST

रोहतास: जिले के राजपुर प्रखण्ड क्षेत्र के कई गांवों में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है. इस वर्ष कोरोना काल में टमाटर में घाटा लगने से किसानों में मायूसी छा गई है. कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण वर्तमान समय में खेतों से टमाटर तोड़ने का खर्च भी नहीं निकल रहा है.

खेतों में सड़ रहे हैं टमाटर
प्रखंड क्षेत्र के किसानों द्वारा पिछले कई वर्षों से टमाटर की खेती की जाती है. इस बार भी अच्छी-खासी खेती हुई है, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे टमाटर खेतों में ही सड़ रहे हैं.

टमार की खेती
टमाटर तोड़ते किसान

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औने-पौने दाम पर खेत से हटाने को मजबूर हैं किसान
कुझी गांव निवासी किसान बंसीधर राम, राजदेव महतो, सुल्तानगंज गांव निवासी खखनु साह, लालमोहर महतो, विनोद महतो, मनोज महतो, पड़रिया गांव निवासी रिंकू चौधरी समेत अन्य किसानों ने बताया कि एक बीघा टमाटर की खेती में लागत 20 हजार रूपया से ज्यादा है. लेकिन अबतक टमाटर से आमदनी शून्य है. खेत से एक रुपए किलो की दर से भी कोई टमाटर को खरीदने वाला नहीं मिल पा रहा है. मुश्किल से एक-दो व्यापारी मिलते हैं. वो भी काफी मान-मनौव्वल करने पर औने-पौने दाम पर खेतों से उधारी में टमाटर ले जाने को तैयार हो रहे हैं.

इसे भी पढ़े:ऑक्सीजन की किल्लत पर तेजस्वी ने CM नीतीश पर साधा निशाना, मंगल पांडेय का मांगा इस्तीफा

कोल्ड स्टोरेज बनाने की मांग
किसानों ने ऐसे मुश्किल समय में सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसानों द्वारा सब्जी के भण्डारण के लिए राजपुर में सरकारी स्तर पर कोल्ड स्टोरेज बनाये जाने की मांग की जा रही है. इस मामले में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी अमीर चन्द राम ने बताया कि क्षेत्र में टमाटर की फसल को भण्डारण करने की अभी कोई व्यवस्था नहीं है.

रोहतास: जिले के राजपुर प्रखण्ड क्षेत्र के कई गांवों में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है. इस वर्ष कोरोना काल में टमाटर में घाटा लगने से किसानों में मायूसी छा गई है. कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण वर्तमान समय में खेतों से टमाटर तोड़ने का खर्च भी नहीं निकल रहा है.

खेतों में सड़ रहे हैं टमाटर
प्रखंड क्षेत्र के किसानों द्वारा पिछले कई वर्षों से टमाटर की खेती की जाती है. इस बार भी अच्छी-खासी खेती हुई है, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे टमाटर खेतों में ही सड़ रहे हैं.

टमार की खेती
टमाटर तोड़ते किसान

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औने-पौने दाम पर खेत से हटाने को मजबूर हैं किसान
कुझी गांव निवासी किसान बंसीधर राम, राजदेव महतो, सुल्तानगंज गांव निवासी खखनु साह, लालमोहर महतो, विनोद महतो, मनोज महतो, पड़रिया गांव निवासी रिंकू चौधरी समेत अन्य किसानों ने बताया कि एक बीघा टमाटर की खेती में लागत 20 हजार रूपया से ज्यादा है. लेकिन अबतक टमाटर से आमदनी शून्य है. खेत से एक रुपए किलो की दर से भी कोई टमाटर को खरीदने वाला नहीं मिल पा रहा है. मुश्किल से एक-दो व्यापारी मिलते हैं. वो भी काफी मान-मनौव्वल करने पर औने-पौने दाम पर खेतों से उधारी में टमाटर ले जाने को तैयार हो रहे हैं.

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कोल्ड स्टोरेज बनाने की मांग
किसानों ने ऐसे मुश्किल समय में सरकार से मदद की गुहार लगाई है. किसानों द्वारा सब्जी के भण्डारण के लिए राजपुर में सरकारी स्तर पर कोल्ड स्टोरेज बनाये जाने की मांग की जा रही है. इस मामले में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी अमीर चन्द राम ने बताया कि क्षेत्र में टमाटर की फसल को भण्डारण करने की अभी कोई व्यवस्था नहीं है.

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