रोहतास: जिले का सबसे पुराना आईटीआई कॉलेज इन दिनों बदहाली का आंसू बहा रहा है. इसकी परवाह ना तो कॉलेज प्रशासन को है और ना ही सरकार को है. गौरतलब है कि रोहतास जिले का सबसे पुराना आईटीआई डेहरी में स्थापित है. बताया जाता है कि यह आईटीआई कॉलेज ब्रिटिश कालीन जमाने का बना हुआ है. यहां से ही देश के कई होनहार एवं स्किल्ड लोगों को ट्रेनिंग मिली है.
आज इस आईटीआई कॉलेज में एक साथ चार कॉलेज चलते हैं. जिसमें महिला आईटीआई कॉलेज के अलावे कई और आईटीआई कॉलेज शामिल हैं. लिहाजा बच्चों की संख्या अधिक होने के बावजूद भी इस कॉलेज में बच्चे नदारद दिखते हैं.
मशीनें बनी कबाड़
एक तरफ सरकार स्किल इंडिया जैसी योजनाओं को लाकर देश के नौजवानों को स्किल्ड बनाना चाहते हैं. तो वहीं, सरकार की अनदेखी के कारण आज सरकारी आईटीआई कॉलेज में बच्चे ज्ञान से दूर हैं. इस आईटीआई कॉलेज में करोड़ों रुपए की मशीनें कबाड़े के भाव में पड़ी हैं. लेकिन, इसकी परवाह किसी को नहीं है.
मौजूद हैं आधुनिक मशीनें लेकिन सिखाने वाला कोई नहीं
इन तमाम समस्याओं के बाबत जब आईटीआई के प्रभारी से पूछा तो उन्होंने कहा कॉलेज के अंदर बिजली की खासी परेशानी है. लिहाजा बच्चों को प्रैक्टिकल कराना मुश्किल हो जाता है. जिसके कारण बच्चे समय से पहले ही घर चले जाते हैं. इस सरकारी कॉलेज में टर्नर ट्रेड का सीएनसी मशीन भी मौजूद है ताकि बच्चों को सीएनसी जैसे आधुनिक मशीनों की ट्रेनिंग दी जा सके. लेकिन, अफसोस इस सरकारी आईटीआई में एक भी ऐसे इंस्ट्रक्टर नहीं है जो सीएनसी मशीन की ट्रेनिंग बच्चों को दे सकें. ऐसे में सीएनसी मशीन रहने के बावजूद भी उसे उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. जिससे वह मशीन वर्कशॉप की शोभा बनकर पड़ी हुई है.
लाइट नहीं होने के कारण जल्दी घर चले जाते हैं बच्चे
जब फिटर ट्रेड के शिक्षक से पूछा गया कि बच्चे कॉलेज में क्यों नहीं दिख रहे हैं तो उन्होंने कहा कि बच्चे आए थे. लेकिन, बिजली नहीं रहने के वजह से चले गए. जाहिर है शिक्षकों की लापरवाही के वजह से ही बच्चों का भविष्य अंधकार होता दिख रहा है.