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किसानों को दोहरी मार: पहले बारिश ने किया फसल बर्बाद, अब नहीं हो रही धान की बिक्री - धान की खरीदी

किसान अपने खेतों में धान काटने का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद बारिश ने उनके अरमान पर पानी फेर दिया. अब धान की खरीदारी भी नहीं हो रही है, जिस वजह से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है.

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धान
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Published : Jan 7, 2020, 8:26 AM IST

सासाराम: प्रदेश में धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास में धान का व्यापार बदहाली के हालात में है. अन्नदाताओं की परेशानी बढ़ने लगी है. पहले बारिश के पानी ने धान की फसल को बर्बाद किया. अब धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

किसानों की बढ़ी परेशानी
गौरतलब है कि धान की फसल बारिश के पानी में बुरी तरह बर्बाद हो गई. किसान अपने खेतों में धान काटने का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद बारिश ने उनके अरमान पर पानी फेर दिया. अब धान की खरीददारी भी नहीं हो रही है, जिस वजह से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है. धान के साथ-साथ रबी फसल भी प्रभावित हुई है.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन से किसानों की आस
ऐसे में किसान अब प्रशासन की ओर से धान की खरीदी का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, पिछले महीने हुए पैक्स के चुनाव के बाद भी पैक्स अध्यक्षों की ओर से किसानों का धान नहीं खरीदा गया, जिस वजह से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. किसान अब भी प्रशासन की ओर से धान की खरीदी चालू करने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें कुछ मुनाफा हो. लेकिन, धान को खलिहान में रखने पर उन्हें इस बात का भी डर है कि खराब मौसम की वजह से बचा हुआ धान भी बर्बाद न हो जाए.

औने-पौने भाव में धान बेचने को मजबूर
किसान अमरजीत चौधरी ने बताया कि धान की फसल काटने के बाद कई दिनों तक खलिहान में धान को रखा गया. लेकिन, खराब मौसम होने की वजह से अब उन्हें धान को अपने घरों में रखना पड़ रहा है. वहीं, धान की खरीदी नहीं होने के कारण औने-पौने भाव में बेचना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में ध्यान रखने की सुविधा नहीं है.

rohtas
खलिहान से धान वापस ले जाते किसान

प्रशासन पर खड़े किया सवाल
किसान रामप्रवेश चौधरी ने कहा कि बाजार में धान की खरीददारी नहीं होने की वजह से धान को औने-पौने भाव में बेचने को मजबूर हैं. साथ ही उन्होंने प्रशासन पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पैक्स अध्यक्षों की ओर से भी धान की खरीददारी नहीं की जा रही है.

किसानों को पड़ रही दोहरी मार
किसान गिरजानंदन का कहना है कि पहले तो बारिश ने धान की फसल को बर्बाद किया. साथ ही गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हुई. अब धान की खरीददारी न होने से दोहरी मार पड़ रही है. धान की बिक्री में पूंजी भी निकालना अब मुश्किल हो गया है. ऐसे में रबी फसल के लिए वे पैसे तक नहीं जुटा पाए.

यह भी पढ़ें- बिहार की बेटी बनी 2019 की रग्बी 'इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ ईयर'

सासाराम: प्रदेश में धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास में धान का व्यापार बदहाली के हालात में है. अन्नदाताओं की परेशानी बढ़ने लगी है. पहले बारिश के पानी ने धान की फसल को बर्बाद किया. अब धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

किसानों की बढ़ी परेशानी
गौरतलब है कि धान की फसल बारिश के पानी में बुरी तरह बर्बाद हो गई. किसान अपने खेतों में धान काटने का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद बारिश ने उनके अरमान पर पानी फेर दिया. अब धान की खरीददारी भी नहीं हो रही है, जिस वजह से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है. धान के साथ-साथ रबी फसल भी प्रभावित हुई है.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन से किसानों की आस
ऐसे में किसान अब प्रशासन की ओर से धान की खरीदी का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, पिछले महीने हुए पैक्स के चुनाव के बाद भी पैक्स अध्यक्षों की ओर से किसानों का धान नहीं खरीदा गया, जिस वजह से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. किसान अब भी प्रशासन की ओर से धान की खरीदी चालू करने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें कुछ मुनाफा हो. लेकिन, धान को खलिहान में रखने पर उन्हें इस बात का भी डर है कि खराब मौसम की वजह से बचा हुआ धान भी बर्बाद न हो जाए.

औने-पौने भाव में धान बेचने को मजबूर
किसान अमरजीत चौधरी ने बताया कि धान की फसल काटने के बाद कई दिनों तक खलिहान में धान को रखा गया. लेकिन, खराब मौसम होने की वजह से अब उन्हें धान को अपने घरों में रखना पड़ रहा है. वहीं, धान की खरीदी नहीं होने के कारण औने-पौने भाव में बेचना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में ध्यान रखने की सुविधा नहीं है.

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खलिहान से धान वापस ले जाते किसान

प्रशासन पर खड़े किया सवाल
किसान रामप्रवेश चौधरी ने कहा कि बाजार में धान की खरीददारी नहीं होने की वजह से धान को औने-पौने भाव में बेचने को मजबूर हैं. साथ ही उन्होंने प्रशासन पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पैक्स अध्यक्षों की ओर से भी धान की खरीददारी नहीं की जा रही है.

किसानों को पड़ रही दोहरी मार
किसान गिरजानंदन का कहना है कि पहले तो बारिश ने धान की फसल को बर्बाद किया. साथ ही गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हुई. अब धान की खरीददारी न होने से दोहरी मार पड़ रही है. धान की बिक्री में पूंजी भी निकालना अब मुश्किल हो गया है. ऐसे में रबी फसल के लिए वे पैसे तक नहीं जुटा पाए.

यह भी पढ़ें- बिहार की बेटी बनी 2019 की रग्बी 'इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ ईयर'

Intro:रोहतास. बिहार के रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन इस धान के कटोरे में रहने वाले अन्नदाताओं की परेशानी अब बढ़ने लगी है.


Body:गौरतलब है कि आसमान से बरसी आफत की बारिश ने किसानों को तबाह कर दिया. धान की फसल बारिश के पानी में बर्बाद हो गई. किसान अपने खेतों में धान काटने का इंतजार कर रहे थे. जिसके बाद बारिश ने उनके अरमान पर पानी फेर दिया. लेकिन अब किसानों की मुसीबतें और बढ़ने लगी है. क्योंकि धान की खरीदारी ना होने से किसानों के लिए यह किसी दोहरी मार से कम नहीं है. जहीर है धान के साथ-साथ किसानों के रबी की फसल भी प्रभावित हुई हैं. ऐसे में किसान अब प्रशासन के धान की खरीदी का इंतजार भी कर रहे हैं. वहीं पिछले महीनों पैक्स के चुनाव के बाद भी अब तक पैक्स अध्यक्षों के द्वारा किसानों का धान नहीं खरीदने से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. उन्हें अब भी इस बात का इंतजार है कि प्रशासन उनके धान की खरीदी चालू करेगा. जिससे उनको कुछ मुनाफा होगा. लेकिन किसानों के धान खलिहान में रखे जाने के कारण अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि मौसम की खराबी के कारण जो धान है वह भी कहीं बर्बाद ना हो जाए।

VO:1 किसान अमरजीत चौधरी ने बताया कि धान की फसल काटने के बाद कई दिनों तक खलिहान में धान को रखा गया। लेकिन खराब मौसम होने के कारण वह अपने घरों में धान को रख रहे हैं। वहीं धान की खरीदी ना होने के कारण भी धान काफी ओने पौने भाव में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। क्योंकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में ध्यान रखने की सुविधा नहीं है।

बाइट। किसान अमरजीत चौधरी

VO:2 वही किसान रामप्रवेश चौधरी ने बताया कि धान की फसल काटने के बाद खलिहान में धान को दवांकर रखा गया था। लेकिन बाजार में धान की खरीदारी ना होने से वह अपने धान को औने पौने भाव में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं प्रशासन पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पैक्स अध्यक्षों के द्वारा भी धान की खरीदारी नहीं की जा रही है।

बाइट। राम प्रवेश चौधरी

VO:3 किसान गिरजानंदन ने बताया कि पहले तो बारिश ने धान की फसल को बर्बाद किया। जिससे गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हुई। लेकिन अब धान की खरीदारी ना होने से दूसरी मार पड़ी है
वही पूंजी भी निकालना अब मुश्किल हो रहा है। ऐसे में रबी फसल के लिए उन्हें पैसे तक मुहैया नहीं हो पा रहे हैं।

बाइट। किसान गिरजानंद चौधरी


Conclusion:जाहिर है किसानों के लिए ये समय किसी मुसीबत से कम नहीं है क्योंकि किसान मेहनत करके धान की फसल को तैयार किया था। लेकिन पहले बारिश ने मुंह फेरा उसके बाद प्रशासन ने किसानों से मुंह फेर लिया। जिसके बाद किसान अब अपने ध्यान को बचाने की जुगत में लगे हैं।
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