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सासाराम: सरकारी छात्रावास में बच्चे हुए डायरिया का शिकार, खाने को लेकर की गई शिकायत

रोहतास जिले के सासाराम में मौजूद राजकीय अनुसूचित जाति उच्च विद्यालय छात्रावास इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है. स्कूल में सही खानपान नहीं होने की वजह से बच्चे डायरिया जैसी बीमारी की चपेट में आ गए हैं.

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Published : Aug 30, 2019, 3:15 PM IST

बच्चे आए डायरिया की चपेट में

रोहतास: सासाराम में राजकीय अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय सरकार की उदासीनता का शिकार है. छात्रावास की हालत जर्जर है. खानपान में लापरवाही और स्कूल प्रशासन की अनदेखी की वजह से बच्चे यहां डायरिया की चपेट में आ गए हैं. ऐसे में उनको सासाराम के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

छात्रावास में सही खानपान की व्यवस्था नहीं है. हालात बिगड़ता देख कई बच्चों को स्कूल से वापस उनके घर भेज दिया गया है. वहीं, घटना की खबर मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पैर फूलने लगे.

सासाराम की खबर, रोहतास लेटेस्ट न्यूज, बच्चे आए डायरिया की चपेट में, राजकीय अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय सासाराम
डायरिया से जूझता बच्चा

खाने-पीने में बरती जाती है लापरवाही
राज्य में सरकारी स्कूलों का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. स्कूलों में इंतजाम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. सासाराम के इस छात्रावास में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. स्कूल प्रशासन की ओर से बच्चों के साथ खाने-पीने में बड़ी लापरवाही बरती जाती है. नतीजा बरसात होने की वजह से इन बच्चों को डायरिया जैसी घातक बीमारी ने अपना शिकार बना लिया है. स्कूल के बच्चे बताते है कि उन्हें सिर्फ दो टाइम खाना मिलता है. साथ ही खाना मेनू के मुताबिक नहीं मिलता है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि सरकार जब इतने पैसे खर्च कर रही है तो बच्चों को इनका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है.

सरकार की उदासीनता का शिकार राजकीय अनुसूचित जाति उच्च विद्यालय छात्रावास

मामले की जांच के साथ कार्रवाई
मामले के बारे में जब जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने बोला कि जो भी कमियां है हम उन्हें दूर करेंगे. मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी. बच्चों की स्थिति के बारे में उन्होंने बताया कि जो भी बच्चे बीमार पड़े है, हमलोगों ने उन्हें फौरन सदर अस्पताल भेज दिया है.

रोहतास: सासाराम में राजकीय अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय सरकार की उदासीनता का शिकार है. छात्रावास की हालत जर्जर है. खानपान में लापरवाही और स्कूल प्रशासन की अनदेखी की वजह से बच्चे यहां डायरिया की चपेट में आ गए हैं. ऐसे में उनको सासाराम के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

छात्रावास में सही खानपान की व्यवस्था नहीं है. हालात बिगड़ता देख कई बच्चों को स्कूल से वापस उनके घर भेज दिया गया है. वहीं, घटना की खबर मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पैर फूलने लगे.

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डायरिया से जूझता बच्चा

खाने-पीने में बरती जाती है लापरवाही
राज्य में सरकारी स्कूलों का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. स्कूलों में इंतजाम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. सासाराम के इस छात्रावास में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. स्कूल प्रशासन की ओर से बच्चों के साथ खाने-पीने में बड़ी लापरवाही बरती जाती है. नतीजा बरसात होने की वजह से इन बच्चों को डायरिया जैसी घातक बीमारी ने अपना शिकार बना लिया है. स्कूल के बच्चे बताते है कि उन्हें सिर्फ दो टाइम खाना मिलता है. साथ ही खाना मेनू के मुताबिक नहीं मिलता है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि सरकार जब इतने पैसे खर्च कर रही है तो बच्चों को इनका लाभ क्यों नहीं मिल रहा है.

सरकार की उदासीनता का शिकार राजकीय अनुसूचित जाति उच्च विद्यालय छात्रावास

मामले की जांच के साथ कार्रवाई
मामले के बारे में जब जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने बोला कि जो भी कमियां है हम उन्हें दूर करेंगे. मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी. बच्चों की स्थिति के बारे में उन्होंने बताया कि जो भी बच्चे बीमार पड़े है, हमलोगों ने उन्हें फौरन सदर अस्पताल भेज दिया है.

Intro:रोहतास। रोहतास जिला के सासाराम में मौजूद अनुसूचित जाति उच्च विद्यालय छात्रावास इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है। लेकिन इसकी परवाह स्कूल प्रशासन को नहीं है।


Body:भारत में रहने वाले अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सरकार कई खास योजनाएं चला रखी है ताकि समाज में उनका उत्थान हो सके। इसी से बिहार सरकार के द्वारा चलने वाले अनुसूचित जाति का स्कूल आज बदहाली के कगार पर जा खड़ा है। ताजा मामला सासाराम के अनुसूचित जाति हाई स्कूल के छात्रावास का है। जहां स्कूल प्रशासन की अनदेखी की वजह से कई बच्चे डायरिया की चपेट में आ गए। इसके बाद उन्हें सासाराम के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्कूल में सही इंतजाम ना होने की वजह से ही बच्चों में डायरिया जैसी भयानक बीमारी फैल गई। हालात बिगड़ते देख कई बच्चों को स्कूल से वापस उनके घर भेज दिया गया। वहीं इस घटना की खबर मिलते ही अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे। सरकारी स्कूलों का लगातार बिहार में स्तर गिरता जा रहा है। क्योंकि सरकारी स्कूलों में इंतजाम के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। इसमें भी कुछ ऐसा ही मामला था बच्चों के साथ खाने पीने में बड़ी लापरवाही स्कूल प्रशासन के द्वारा बरती जाती थी। नतीजा बरसात होने की वजह से इन बच्चों को डायरिया जैसी घातक बीमारी का शिकार होना पड़ा। वहीं स्कूल के कई बच्चों ने बताया कि उन्हें महज दो टाइम ही खाना मिलता है। वही बच्चे ने यह भी बताया कि स्कूल में खाना मीनू के मुताबिक नहीं मिलता है। क्योंकि जो मीनू में खाना दिया जाता है वह नसीब नहीं होता है। अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी यह है कि आखिर सरकार जब इतने पैसे खर्च कर रही है तो इन बच्चों को लाभ क्यों नहीं मिल रहा है। इसका लापरवाही का आखिर जवाब कौन देगा। वही इस बारे में जब जिला कल्याण पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने बोला कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी।


Conclusion:बहरहाल अब सवाल उठना लाजमी है कि आखिर बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कौन कर रहा है। क्योंकि यहां पर दूर-दूर से बच्चे पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं। उसके बावजूद स्कूल प्रशासन इनके साथ लापरवाही बरतते है।

बाइट। जिला कल्याण पदाधिकारी सासाराम
बाइट। छात्र
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