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देश की सेवा के लिए तैयार BMP महिला पुलिस, कहा- मरते दमतक करेगें वतन की सेवा - BMP lady police

जोश से लबरेज प्रशिक्षित बीएमपी महिला पुलिस की आखों में खुशी की लहर थी. सिपाही बनने वाली ज्यादातर लड़कियां गरीब या फिर निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हैं.

ट्रेनेंड महिला सिपाही
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Published : Sep 14, 2019, 10:52 AM IST

रोहतासः 'यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है', इसी जज्बे से लबरेज होकर बिहार बीएमपी की महिला सिपाहियों ने जब अपनी ट्रेनिंग पूरी की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं, अपनी लाडली बेटियों को सिपाही बनते देख परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे.

महिला सिपाहियों में देखा गया जोश
रोहतास के बीएमपी-2 में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिला सिपाहियों का मनोबल काफी ऊंचा देखने को मिला. 1 साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद बीएमपी-2 में प्रशिक्षण लेकर 401 महिला सिपाही बिहार के कोने-कोने में अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं. इनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पासिंग आउट परेड हुआ. जहां इन महिला सिपाहियों में काफी जोश था.

ट्रेंड महिला सिपाही और परिजन

कड़ी मेहनत के बाद पाया मुकाम
हर विषम परिस्थितियों के लिए अपने आपको तैयार रखने का प्रशिक्षण प्राप्त कर लड़कियां काफी खुश थीं. सबसे बड़ी बात है कि सिपाही बनी ज्यादातर लड़कियां गरीब या फिर निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. इन लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से यह मुकाम पाया है.

rohtas
ट्रेंड महिला सिपाही

परिवार वालों में खुशी की लहर
लड़कियों में सिवान की दो सगी बहनें भी हैं. जब पासिंग आउट परेड में उनकी मां पहुंची तो दोनों बहनों ने मां को गले लगा लिया. वह कहती हैं कि गांव में लोक लाज के कारण आधी रात में ही दौड़ की प्रैक्टिस करती थी. आज बहुत खुशी हो रही है कि हमारी बेटियां सफल हो गई. दोनों बहनों के भाई इंद्रजीत भी काफी खुश थे.

rohtas
परिवार वालों के साथ महिला सिपाही

देश सेवा का लिया प्रण
वहीं, ट्रेंड महिला सिपाही पल्लवी और पूजा कहती हैं कि 1 साल की ट्रेनिंग के दौरान यहां अपनों जैसा प्यार मिला है. इस जगह और यहां के लोगों को हम लोग हमेशा याद करेंगे. हम लोगों ने देश सेवा की कसम खाई है. उसे मरते दम तक निभाएंगे.

रोहतासः 'यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है', इसी जज्बे से लबरेज होकर बिहार बीएमपी की महिला सिपाहियों ने जब अपनी ट्रेनिंग पूरी की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं, अपनी लाडली बेटियों को सिपाही बनते देख परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे.

महिला सिपाहियों में देखा गया जोश
रोहतास के बीएमपी-2 में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिला सिपाहियों का मनोबल काफी ऊंचा देखने को मिला. 1 साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद बीएमपी-2 में प्रशिक्षण लेकर 401 महिला सिपाही बिहार के कोने-कोने में अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं. इनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पासिंग आउट परेड हुआ. जहां इन महिला सिपाहियों में काफी जोश था.

ट्रेंड महिला सिपाही और परिजन

कड़ी मेहनत के बाद पाया मुकाम
हर विषम परिस्थितियों के लिए अपने आपको तैयार रखने का प्रशिक्षण प्राप्त कर लड़कियां काफी खुश थीं. सबसे बड़ी बात है कि सिपाही बनी ज्यादातर लड़कियां गरीब या फिर निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. इन लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से यह मुकाम पाया है.

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ट्रेंड महिला सिपाही

परिवार वालों में खुशी की लहर
लड़कियों में सिवान की दो सगी बहनें भी हैं. जब पासिंग आउट परेड में उनकी मां पहुंची तो दोनों बहनों ने मां को गले लगा लिया. वह कहती हैं कि गांव में लोक लाज के कारण आधी रात में ही दौड़ की प्रैक्टिस करती थी. आज बहुत खुशी हो रही है कि हमारी बेटियां सफल हो गई. दोनों बहनों के भाई इंद्रजीत भी काफी खुश थे.

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परिवार वालों के साथ महिला सिपाही

देश सेवा का लिया प्रण
वहीं, ट्रेंड महिला सिपाही पल्लवी और पूजा कहती हैं कि 1 साल की ट्रेनिंग के दौरान यहां अपनों जैसा प्यार मिला है. इस जगह और यहां के लोगों को हम लोग हमेशा याद करेंगे. हम लोगों ने देश सेवा की कसम खाई है. उसे मरते दम तक निभाएंगे.

Intro:desk bihar
report -ravi kumar_sasaram
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रोहतास -यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल एक जुनून सा दिल में जगाना होता है ,पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना बोली भरना पड़ता है उड़ान, बार-बार तिनका उठाना होता है इसी जज्बे से लबरेज हो कर बिहार के आधे से अधिक बीएमपी के महिला सिपाहियो ने अपनी ट्रेनिंग पूरी की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा वही अपनी लाडली बेटियों को सिपाही बनते देख परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे अपनी बेटियों को पास आउट परेड करते देख वह गदगद हो उठे


Body:दरअसल रोहतास के bmp-2 में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 401 महिला सिपाहियों का मनोबल काफी ऊंचा देखने को मिला 1 साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद bmp-2 में प्रशिक्षण लेकर महिला सिपाही बिहार के कोने कोने में अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैइनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पासिंग आउट परेड हुआ वही इनका जोश हाई है

हर विषम परिस्थिति के लिए अपने आपको तैयार रहने की प्रशिक्षण प्राप्त कई लड़कियां काफी खुश हैं सबसे बड़ी बात है कि सिपाही बनी ज्यादातर लड़कियां गरीब या फिर निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हैं इन लोगो ने अपनी कड़ी मेहनत से मुकाम पाया है लड़कियों ने 1 साल की कठिन परिश्रम प्राप्त कर लिया तो इनके चेहरे पर खुशियां ही खुशियां हैं ट्रेनिंग लेकर पास आउट हुई लड़कियों में सीवान की दो सगी बहनें भी है जब पासिंग आउट परेड में उनकी मां पहुंची तो दोनों बहनों ने मां को गले लगा लिया वह कहती है की गावँ में लोक लाज के कारण आधी रात में ही दौड़ की प्रैक्टिस करती थ आज बहुत खुशी हो रही है दोनों बहनों के भाई इंद्रजीत भी काफी खुश हैं

वही ट्रेन महिला सिपाही पल्लवी और पूजा कहती हैं 1 साल की कड़ी मेहनत के दरमियान यहां अपनों जैसा प्यार मिला है इस जगह और यहां के लोगों को हम लोग हमेशा याद करेंगे हम लोगों ने देश सेवा की कसम खाई है उसे मरते दम तक निभाएंगे

बाईट - पूजा कुमारी ट्रेंड महिला सिपाही
बाईट -पल्लवी ट्रेंड महिला सिपाही
बाईट -इंद्रजीत भाई




Conclusion:
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