रोहतास: बिहार के सासाराम में सोमवार को समाहरणालय (BJP protests at Sasaram Collectorate ) पर भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने धरना दिया. दरअसल बक्सर के चौसा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और रोहतास के नागाटोली में एक आदिवासी महिला की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना दिया था. इस दौरान भाजपा के विधान पार्षद संतोष कुमार सिंह और निवेदिता सिंह भी शामिल हुईं.
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रोहतास में बीजेपी का धरना: बता दें कि धरना के माध्यम से बक्सर में हुए लाठीचार्ज की भाजपा नेताओं ने निंदा की है. साथ ही इसे सरकार प्रायोजित पुलिसिया दमन बताया. विधान पार्षद निवेदिता सिंह ने आदिवासी महिला के साथ व्यभिचार व हत्या की निंदा करते हुए अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दिलाने की मांग की है.
"किसानों की खाद की समस्या,कालाबाजारी और किसानों के जमीन का अद्यतन मुआवजा दिलाने के साथ पुलिस बर्बरता के अभियुक्तों को सजा दी जाए. जल्द से जल्द दोषियों को सजा हो."-निवेदिता सिंह,विधान पार्षद
रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर हंगामा: वहीं विधान पार्षद संतोष सिंह ने शिक्षा मंत्री के बयान की भर्त्सना करते हुये उनके समर्थन करनेवाले राजद प्रदेश अध्यक्ष से मीडिया के माध्यम से सवाल किया कि क्या अन्य धर्म या पंथ के धार्मिक ग्रंथ,स्थल के विषय में इस तरह की बातें कहने की हिम्मत है. ऐसी हिम्मत लोग करके दिखाएं.
"अपने राजनीतिक हित और तुष्टिकरण की नीति के लिए ये लोग समाज में वैमनस्य फैलाने का काम ना करें, अन्यथा भाजपा कार्यकर्ता इसका मजबूत राजनीतिक जवाब देना जानती है. बक्सर के किसानों के लिए मुआवजा बिहार सरकार को तय करना है. ये प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का है लेकिन भूमि अधिग्रहण राज्य सरकार करती है. राज्य सरकार इसे पुनर्मूल्यांकन कर किसानों को जल्द उचित मुआवजा दें."- संतोष सिंह,विधान पार्षद
बिहार के शिक्षा मंत्री का रामचरितमानस पर विवादित बयान: शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर बयान देते हुए कहा था, 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिये जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.' शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया है.