रोहतासः जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर चेनारी प्रखंड कासरकारी अस्पताल भगवान भरोसे चल रहा है.यह एक ऐसा सेंटर है जहां पहाड़ी क्षेत्र के लोग पंहुचते हैं.लेकिन यह अस्पतालस्वास्थ्य पर खर्च हो रहे करोड़ों रुपये के सरकारी दावोंकोखोखला साबित कर रहा है.
प्रखंड का ये अस्पताल गरीबों के लिए किसीमंदिर से कम नहीं है.लेकिन सरकारीअनदेखी ने इस अस्पताल को बीमार कर दिया है.लिहाजाअब इस अस्पताल की ऐसी हालत हो चुकी जिसका अंदाजालगाना मुशिकल है.अस्पताल परिसर में छाया सन्नाटा इस बात का गवाह है कि लोग अब इस अस्पताल में इलाज कराने नहीं पहुंचते हैं.चाहे वो गरीब ही क्यों न हो.इस सरकारी अस्पताल का सारा दारोमदार महजएक डॉक्टर के कंधे पर दे दिया गया है.
बुनियादी सुविधाएं तक नहीं
अस्पताल का आलम ये है कि यहां न तो दवाईयांहैं और ना हीजांच करने के लिए कोई मशीन ही है.यहां तक कि इतने आलीशान अस्पताल में एक एक्सरे मशीन तक नहीं है.जांच के नाम पर महजशुगर की जांच ही हो पाती है.ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर ये अस्पताल किस के भरोसे चल रहा है.वहीं खुद अस्पताल प्रभारी भी इस बात को बखूबी कबूल कर रहें है कि अस्पताल में बुनियादी सुविधा तक नहीं है.अस्पताल के अंदर खाली पड़ाबेड इस बात की गवाही दे रहाहै कि यहां अब कोई इलाज कराने नहीं आता है. जिससे साफ जाहिर है कि सरकारको इन गरीबों से कुछ लेना देना नहीं है.
अस्पताल प्रभारी का क्या है कहना
वहीं अस्पताल प्रभारी ने बताया कि सुविधा और डॉक्टर की कमी की वजह से यहां अब कोई इलाज कराने नहीं आता है. सरकारी अस्पतालों के रुख वैसे ही लोग करते है जिन के पास पैसों की कमी होती है यानी गरीब परिवार ही इस अस्पताल का रुख करता है.लेकिन अस्पताल की दुर्दशा ने गरीबों को प्राइवेट अस्पताल में जाने को मजबूर कर दिया है.