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रोहतासः विकास से कोसों दूर रोहतास का बबन बरेहटा गांव, नारकीय जीवन जीने को लोग मजबूर

रोहतास के करगहर प्रखंड के बबन बरहेटा गांव के लोग आज भी विकास के इंतजार में आस लगाए बैठे हैं. इस गांव के लोगों को पक्की सड़क तक नसीब नहीं हो सकी है. वहीं जनप्रतिनिधियों की उदासी के कारण गांव के लोगों को नरक में रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

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Published : Jul 8, 2020, 2:02 PM IST

रोहतासः एक तरफ जहां सरकार सुदूर ग्रामीण इलाकों तक विकास की रोशनी पहुंचा देने को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. करगहर प्रखंड के बसडिहां पंचायत के बबन बरेहटा गांव की तस्वीर विकास के सारे दावे को झूठा साबित कर रहा है.

गांव का विकास कोसों दूर
दरअसल, यह गांव प्रखंड मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है. इस गांव की आबादी लगभग दो सौ है. इस गांव में रह रहे लोग आज भी पुल सड़क और नल जल आदि की सुविधाओं के मोहताज हैं. आज तक इस गांव की गली तक पक्की सड़क नहीं बनी है. जिसके चलते इस गांव में रह रहे लोगों को किचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा है. वहीं विधायक की नजर भी इस गांव पर नहीं पड़ती है. लेकिन इस बार चुनाव में गांव के लोगों ने नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है.

देखें पूरी रिपोर्ट

गांव के लोगों ने चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की ठानी
चूंकि विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में ग्रामीणों को इस बात का अहसास था कि चुनाव से पहले उनके भी गांव की तकदीर बदलेगी. लेकिन अब तक उनके गांव में इस परेशानी को लेकर किसी जनप्रतिनिधियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस बार गांव के ग्रामीण चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है.

रोहतासः एक तरफ जहां सरकार सुदूर ग्रामीण इलाकों तक विकास की रोशनी पहुंचा देने को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. करगहर प्रखंड के बसडिहां पंचायत के बबन बरेहटा गांव की तस्वीर विकास के सारे दावे को झूठा साबित कर रहा है.

गांव का विकास कोसों दूर
दरअसल, यह गांव प्रखंड मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है. इस गांव की आबादी लगभग दो सौ है. इस गांव में रह रहे लोग आज भी पुल सड़क और नल जल आदि की सुविधाओं के मोहताज हैं. आज तक इस गांव की गली तक पक्की सड़क नहीं बनी है. जिसके चलते इस गांव में रह रहे लोगों को किचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा है. वहीं विधायक की नजर भी इस गांव पर नहीं पड़ती है. लेकिन इस बार चुनाव में गांव के लोगों ने नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है.

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गांव के लोगों ने चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की ठानी
चूंकि विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में ग्रामीणों को इस बात का अहसास था कि चुनाव से पहले उनके भी गांव की तकदीर बदलेगी. लेकिन अब तक उनके गांव में इस परेशानी को लेकर किसी जनप्रतिनिधियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस बार गांव के ग्रामीण चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है.

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